‘घोड़े को जलेबी खिलाने ले जा रिया हूं’ फिल्म की टीम के साथ ख़ास बातचीत

वीडियो: हाल ही में आई फिल्म ‘घोड़े को जलेबी खिलाने ले जा रिया हूं’ में आज की दिल्ली के दिल में कहीं छिपे-बसे शाहजहांनाबाद को दिखाने की कोशिश की गई है. फिल्म की निर्माता-निर्देशक अनामिका हक्सर, एडिटर परेश कामदार, संवाद लेखक एवं अभिनेता लोकेश जैन और अभिनेता रविंद्र साहू से बातचीत.

बंटवारे के बाद हमेशा के लिए बदल गया भारतीय ज़ायक़ा

आज़ादी के 75 साल: बंटवारे के बाद नए ज़ायक़ों ने जगह बनानी शुरू कर दी. ‘तंदूरी’ दिल्ली का खाना बन गई और शाहजहानाबाद यानी पुरानी दिल्ली के मुग़लई व्यंजन थाली से बाहर होते गए. बंटवारे के पहले के कई व्यंजन अब भुलाए जा चुके हैं, लेकिन यह भी सच है कि उस प्रलयकारी अध्याय ने भारत का परिचय नए ज़ायक़ों से भी कराया.