गणाधिपति गणेश की गाथा

माघ कृष्ण चतुर्दशी को काशी में गणेश चतुर्थी का मेला भी लगने लगा जिसमें विघ्नहर्ता, बुद्धिनिधान और विद्या के रक्षक के रूप मे बड़े देवता बन कर स्थापित हो चुके थे.