यह निर्णायक बात कि इस बहुभाषी-बहुधर्मी देश में सुलह, समन्वय, सामंजस्य और शांति के अलावा दूसरा रास्ता नहीं है, अकबर के वक़्त यानी सोलहवीं शताब्दी में ही समझ ली गई थी, उसे आज क्यों नहीं समझा जा सकता?
गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने बैतूल क़िले में छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक की 350वीं वर्षगांठ के अवसर पर हुए एक कार्यक्रम के दौरान यह टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि 60 वर्षों के बाद हमें पुर्तगालियों की निशानियों को मिटा देना चाहिए. हमें नए सिरे से शुरुआत करने की ज़रूरत है.
हिंदूवादी संगठन अभिनव भारत से जुड़े एक व्यक्ति ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर मांग की है कि सावरकर का नाम प्रतीक और नाम (अनुचित प्रयोग रोकथाम) क़ानून में शामिल हो ताकि उन पर किसी तरह का आक्षेप न लगाया जा सके.
संघ से जुड़े शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास ने एनसीईआरटी की किताबों से ग़ालिब, टैगोर, पाश की रचनाओं सहित गुजरात दंगों से जुड़े तथ्य हटाने की मांग की है.