हिंदुस्तानियों की मां का दर्जा पाने वाली कस्तूरबा के निधन को किस तरह याद किया जाना चाहिए

प्रासंगिक: भारत छोड़ो आंदोलन में सहभागिता के चलते गिरफ़्तार की गईं कस्तूरबा ने हिरासत में दो बार हृदयाघात झेला और कई माह बिस्तर पर पड़े रहने के बाद 22 फरवरी 1944 को उनका निधन हो गया. सुभाष चंद्र बोस ने इस ‘निर्मम हत्या के लिए’ ब्रिटिश सरकार को ज़िम्मेदार ठहराते हुए कहा था कि ‘कस्तूरबा एक शहीद की मौत मरी हैं.’

अस्पताल को श्यामा प्रसाद मुखर्जी का नाम देने का विरोध, उद्घाटन पीएम के कार्यक्रम से हटाया गया

एक रिपोर्ट के मुताबिक, आईआईटी-खड़गपुर के पूर्व छात्रों द्वारा अस्पताल का नाम बदलने को लेकर आपत्ति जताने के बाद ऐसा हुआ. आईआईटी-खड़गपुर में स्थित इस मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पताल का नाम मूल रूप से पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. बीसी रॉय के नाम पर था, लेकिन अब इसे जन संघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी का नाम दे दिया गया है.

कश्मीर और 370 से लेकर विभाजन तक नेहरू के प्रति भाजपा की नफ़रत झूठ की बुनियाद पर टिकी है

गृहमंत्री अमित शाह ने अगस्त 2019 में दिए एक भाषण में कहा था कि अगर नेहरू न होते, तो पाक अधिकृत कश्मीर भारत के कब्ज़े में होता. सच तो यह है कि अगर आज कश्मीर भारत का हिस्सा है तो यह केवल नेहरू के चलते ही है.

‘दुर्भाग्य से 370 के होने और जाने पर ठीक से चर्चा न तो संसद के अंदर हुई और न ही बाहर’

वीडियो: केंद्र की मोदी सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे को ख़त्म करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने के फैसले पर जम्मू कश्मीर अध्ययन केंद्र के निदेशक आशुतोष भटनागर से विशाल जायसवाल की बातचीत.

2019 के बाद भी मूर्ति तोड़ने वाले बेरोज़गार नहीं होंगे

मूर्तियों का गिराया जाना महज़ किसी पत्थर की निर्जीव प्रतिमा को ख़त्म किया जाना नहीं है. वह उस विचार, उस मूल्य को ज़मींदोज करने की कोशिश है, जिसका प्रतिनिधित्व वह प्रतिमा करती थी.

लेनिन के बाद तमिलनाडु में पेरियार और बंगाल में श्यामा प्रसाद मुखर्जी की प्रतिमा क्षतिग्रस्त

त्रिपुरा के सबरूम शहर में लेनिन की एक और प्रतिमा को क्षतिग्रस्त किया गया. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटनाओं की निंदा करते हुए कार्रवाई का निर्देश दिया.

ताजमहल को मंदिर में बदलने से पहले भाजपा को अपने गुरु मुखर्जी को याद कर लेना चाहिए

अगर विनय कटियार और उन जैसे बेरोजगार बैठे दूसरे भाजपा नेताओं ने अपने संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी को पढ़ा होता तो बैसिर-पैर के दावे नहीं करते.

सरदार पटेल ने ‘हिंदू राज’ के विचार को ‘पागलपन’ कहा था

मोदी अगर सरदार पटेल को अपना नेता मानते हैं तो फिर उन्हें पटेल की धर्मनिरपेक्ष प्रतिबद्धता पर अमल करते हुए हिंदू राष्ट्र के लिए हथियार उठाने का आह्वान करने वाले सिरफिरे पर कार्रवाई करनी चाहिए.

क्या संघ ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ के ख़िलाफ़ था?

भारत छोड़ो आंदोलन के बाद ब्रिटिश सरकार ने खुशी व्यक्त करते हुए लिखा कि संघ ने पूरी ईमानदारी से ख़ुद को क़ानून के दायरे में रखा, ख़ासतौर पर अगस्त, 1942 में भड़की अशांति में वो शामिल नहीं हुआ.