कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: साहित्य और कलाओं में, तत्वचिंतन और सौंदर्यदर्शन में, भाषा-विचार आदि अनेक क्षेत्रों में ‘अगले वक़्तों के लोग’ जो कर गए हैं उस तक हमारा पहुंचना असंभव है. हमने शायद उस अपार संपदा में क्षमता भर कुछ ज़रूर जोड़ा है, फिर भी उनकी ऊंचाइयों को छू पाना हमारे बस की बात नहीं रही है.
कर्नाटक के मंगलुरु स्थित मंगलादेवी मंदिर में मुस्लिम विक्रेताओं का बहिष्कार करने और हिंदू विक्रेताओं द्वारा संचालित दुकानों पर भगवा झंडे लगाने के लिए पुलिस ने बीते गुरुवार को विश्व हिंदू परिषद के प्रांतीय संयुक्त सचिव के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज की है.
झारखंड हाईकोर्ट ने वैवाहिक विवाद में गुज़ारा-भत्ता राशि में संशोधन को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए एक संतुलन बनाने पर ज़ोर दिया, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि पत्नी को दिया जाने वाला गुज़ारा भत्ता बहुत अधिक न हो, जिससे पति को कठिनाई हो, न ही कम हो, जो पत्नी को ग़रीबी में धकेल दे.
पांच जजों की पीठ द्वारा 3:2 से यह प्रस्ताव भी ख़ारिज कर दिया गया कि समलैंगिक जोड़े बच्चों को गोद ले सकते हैं.
2023 अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार हार्वर्ड प्रोफेसर क्लॉडिया गोल्डिन को महिलाओं की श्रम बाज़ार में स्थिति को लेकर किए उनके शोध को लेकर मिला है. उनकी रिसर्च दर्शाती है कि परिवार बनाने और नौकरी करने में कोई द्वंद्व नहीं है, बशर्ते समाज उसके लिए तैयार हो.
पुस्तक समीक्षा: 1989 में इंग्लैंड की पत्रकार जोन स्मिथ द्वारा लिखी गई 'मिसोजिनीज़' जीवन के हरेक क्षेत्र- अदालत से लेकर सिनेमा तक व्याप्त स्त्रीद्वेष की पड़ताल करती है. भारतीय परिप्रेक्ष्य में देखें, तो स्त्रीद्वेष की व्याप्ति असीमित दिखने लगती है.
बिहार के कटिहार ज़िले का मामला. पुलिस ने कहा कि हमने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और रिपोर्ट का इंतज़ार कर रहे हैं. हमें अभी तक मृतक के परिवार से कोई शिकायत नहीं मिली है, इसलिए एफ़आईआर दर्ज नहीं की गई है. शिकायत मिलने पर हम मामले की जांच करेंगे.
शाहरुख़ ख़ान भले ही कहें कि उनकी दिलचस्पी सिर्फ 'एंटरटेन' करने में है, पर उनकी हालिया फिल्मों से पता चलता है कि मनोरंजन के साथ-साथ उन्हें किसी न किसी क़िस्म के संदेश देने में भी दिलचस्पी है.
किसी साहित्यिक रचना के पुनर्पाठ की प्रक्रिया उस शीशे को मांजने की तरह होती है, जिसकी चमक बार-बार रगड़ने से निखरती है. विनोद कुमार शुक्ल का उपन्यास 'दीवार में एक खिड़की रहती थी' इस दृष्टिकोण से ऐसी ही रचना है, जिसके पुनर्पाठों में ही कई-कई अर्थ-छवियां स्पष्ट होते हैं.
कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: महात्मा गांधी भारतीय मानस में धंस गए हैं और उन्हें वहां से अपदस्थ करने का जो सुनियोजित साधन-संपन्न अभियान भले चल रहा हो, वह कभी सफल नहीं हो सकता.
सामाजिक न्याय के लिए लड़ने का दावा करने वाले हिंदुत्ववादी शक्तियों से किसी सुविचारित दीर्घकालिक रणनीति के बजाय चुनावी समीकरणों के सहारे निपटते रहे. इसने उन्हें सत्ता दिलाई तो भी सामाजिक न्यायोन्मुख नीतियां लागू व कार्यक्रम चलाकर उसकी अपील का विस्तार नहीं किया.
मनोज झा के एक वक्तव्य पर जिस प्रकार की हिंसक प्रतिक्रिया हुई है, उससे वर्चस्वशाली समुदाय के हिंसक स्वभाव को समझा जा सकता है.
वीडियो: पूर्व राज्यसभा सांसद अली अनवर से उनकी हालिया किताब ‘सम्पूर्ण दलित आंदोलन पसमांदा तसव्वुर’ के विशेष संदर्भ में देश की पसमांदा राजनीति, 2024 के लोकसभा चुनाव पर इसके प्रभाव और एससी कोटा में मुसलमानों को शामिल किए जाने को लेकर बातचीत.
वीडियो: लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देने के लिए पारित किए गए 'नारी शक्ति वंदन अधिनियम' और महिलाओं को बराबरी का दर्जा देने की राजनीतिक मंशा को लेकर वरिष्ठ पत्रकार शरत प्रधान का नज़रिया.
साक्षात्कार: बेंगलुरू के नेशनल लॉ स्कूल के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. कार्तिक राम मनोहरण ने जाति, धर्म और जेंडर से जुड़े मसलों पर विस्तृत शोध किया है. सनातन धर्म पर छिड़े विवाद पर इसकी विभिन्न व्याख्याओं और उत्तर-दक्षिण भारत की राजनीतिक मान्यताओं के अंतर को लेकर उनसे बातचीत.