विपक्ष ने योगी सरकार के उस कथित दिशानिर्देश पर प्रतिक्रिया दी है, जिसमें अपात्र कार्डधारकों को अपना कार्ड लौटाने अन्यथा खाद्य सुरक्षा क़ानून के तहत कार्रवाई के लिए तैयार रहने की चेतावनी दी गई है. कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेता ने दिशानिर्देशों को हास्यास्पद बताते हुए कहा कि अगर तथाकथित अपात्र लोग ख़ुद राशन कार्ड नहीं देते हैं तो इनसे कोरोना जैसी महामारी के दौरान दिए गए राशन की वसूली और कुर्की तक की जाएगी.
वीडियो: प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के मुखिया शिवपाल यादव ने आज़म ख़ान से जेल में मुलाकात की और वही बात कही जो योगी आदित्यनाथ ने पहले कही थी कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव को अपने नेता आज़म ख़ान के लिए कुछ करना चाहिए था. हालांकि इस बार उन्होंने अपने भाई मुलायम सिंह पर भी निशाना साधते हुए कहा कि नेताजी को लोकसभा में आज़म ख़ान की आवाज़ उठानी चाहिए थी.
उत्तर प्रदेश के चंदौली ज़िले का मामला. ग़ैर-ज़मानती वॉरंट जारी होने के बाद ज़िले के मनराजपुर गांव में पुलिस का एक दल रविवार को एक बालू कारोबारी कन्हैया यादव को गिरफ़्तार करने के लिए पहुंचा था. पीड़ित परिवार का आरोप है कि एक पुलिसकर्मी ने इस दौरान कारोबारी की 24 साल की बेटी से बलात्कार किया तथा मारपीट और ज़ोर-जबर्दस्ती के कारण उसकी मौत हो गई.
अखिलेश यादव के भाजपा द्वारा मायावती को राष्ट्रपति बनाए जाने संबंधी बयान पर बसपा सुप्रीमो ने कहा कि समाजवादी पार्टी वाले उन्हें देश का राष्ट्रपति बनाने का सपना इसलिए देखते रहते हैं ताकि उनके लिए उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ़ हो जाए जो कभी संभव नहीं हो सकता.
बरेली जिले की भोजीपुरा सीट से विधायक शाज़िल इस्लाम पर आरोप है कि समाजवादी पार्टी से जीते हुए विधायकों के लिए आयोजित समारोह में उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को निशाना बनाकर कथित तौर पर भड़काऊ बयान दिए थे. उनके ख़िलाफ़ हिंदू युवा वाहिनी के जिला अध्यक्ष अनुज वर्मा ने शिकायत दर्ज कराई है.
बीते बुधवार को बलिया ज़िला प्रशासन को इसी दिन होने वाली 12वीं की अंग्रेज़ी विषय की बोर्ड परीक्षा का पेपर लीक होने की सूचना मिलने के बाद 24 ज़िलों में इम्तिहान रद्द कर दिया गया था. मामले में ज़िला विद्यालय निरीक्षक समेत 22 लोगों को गिरफ़्तारी हुई है. इनमें तीन पत्रकार भी शामिल हैं, जिन्होंने लीक हुए प्रश्न पत्र संबंधी ख़बर लिखी थी.
बताया गया है कि बलिया के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को बुधवार सुबह इसी दिन दूसरी पाली में होने वाले अंग्रेज़ी के पेपर के लीक होने की सूचना मिली थी, जिसके बाद 24 ज़िलों में परीक्षा रद्द कर दी गई. मामले की जांच शुरू हो गई है और बलिया के ज़िला विद्यालय निरीक्षक को निलंबित कर दिया गया है.
भाजपा ने हिस्ट्रीशीटर और बसपा के पूर्व एमएलसी विनीत सिंह उर्फ़ श्याम नारायण सिंह और बाहुबली धनंजय सिंह के क़रीबी बृजेश सिंह प्रिंशु को विधान परिषद चुनाव में उतारा है. कांग्रेस और बसपा ने इस चुनाव में शामिल नहीं होने का फैसला किया है. उत्तर प्रदेश विधान परिषद का चुनाव नौ अप्रैल को होगा, जबकि मतगणना 12 अप्रैल को होगी.
भाजपा को यूपी में बहुमत तो ज़रूर मिला है लेकिन इसकी सहयोगी पार्टियों के वोट प्रतिशत जोड़ लेने पर भी यह केवल 45 प्रतिशत के करीब ही वोट पा सकी है. यह ध्यान में रखते हुए कि किस तरह से चुनाव में सांप्रदायिकता पर ज़ोर दिया गया, ऐसा कहना ग़लत नहीं होगा कि बचे हुए 55 प्रतिशत वोट भाजपा विरोधी थे.
उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर ज़िले के डुमरियागंज से भाजपा के पूर्व विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह को हालिया चुनावों में सपा प्रत्याशी सैयदा ख़ातून से हार का सामना करना पड़ा है. हिंदू युवा वाहिनी के नेता राघवेंद्र प्रताप सिंह अपने चुनाव प्रचार के दौरान भी कई मौकों पर मुसलमानों के ख़िलाफ़ ज़हर उगलते देखे गए थे.
पश्चिमी उत्तर प्रदेश, जहां किसान आंदोलन का असर दिखा था, वहां के 19 विधानसभा क्षेत्रों में से भाजपा सिर्फ़ छह सीटें हासिल कर पाई है. अगर इस चुनावी नतीजे से किसी एक निष्कर्ष पर पहुंचा जाए तो वह यह है कि जनता के मुद्दों पर चला सच्चा जन आंदोलन ही ध्रुवीकरण के रुझानों को पलट सकता है और आगे चलकर यही भाजपा को पराजित कर सकता है.
डॉ. कफ़ील ख़ान को अगस्त 2017 में गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में हुई ऑक्सीजन त्रासदी के बाद निलंबित किया गया था. इसके बाद जुलाई 2019 में बहराइच ज़िला अस्पताल में मरीज़ों का जबरन इलाज करने और सरकार की नीतियों की आलोचना करने के आरोप में उन्हें दूसरी बार निलंबित किया गया था. विधान परिषद की 36 सीटों के लिए नौ अप्रैल को चुनाव होना है.
क्या किसी सत्ता दल को मतदाताओं की नाराज़गी के आईने में अपनी शक्ल तभी देखनी चाहिए, जब वह उसे सत्तापक्ष से विपक्ष में ला पटके?
पूर्वी उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर ज़िले की डुमरियागंज सीट से नवनिर्वाचित सपा विधायक सैयदा ख़ातून ने कहा कि उनकी जीत से कुछ लोग बौखलाए हुए हैं, जो इस क्षेत्र को नफ़रत की आग में जलाना चाहते हैं. विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान इस सीट से दोबारा मैदान में उतरे भाजपा प्रत्याशी राघवेंद्र प्रताप सिंह के ख़िलाफ़ सांप्रदायिक बयानबाज़ी को लेकर एफ़आईआर दर्ज की गई थी.
उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी सीटों के लिहाज़ से भले ही पिछड़ी हो, लेकिन मत प्रतिशत के मामले में उसने लंबी छलांग लगाई है. अपने चुनावी इतिहास में पहली बार उसे 30 फीसदी से अधिक मत मिले हैं.