मानव विकास पर संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, चीन और श्रीलंका उच्च मानव विकास श्रेणी में क्रमशः 75वें और 78वें स्थान पर हैं, जबकि मध्यम श्रेणी में रखा गया भारत, भूटान (125) और बांग्लादेश (129) से भी नीचे 134वें स्थान पर है.
चीन के ‘ग्लोबल टाइम्स’ अख़बार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा गया है कि उनके नेतृत्व में भारत ने आर्थिक, सामाजिक शासन और विदेश नीति के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति की है. इस पर कांग्रेस का कहना है कि चीन के सरकारी मीडिया ने प्रधानमंत्री की प्रशंसा इसलिए की है क्योंकि चीनी घुसपैठ के जवाब में उन्होंने अपनी आंखें मूंद ली हैं.
अपने नागरिकों के लिए ‘आधार’ जैसी पहचान प्रणाली तैयार करने की दिशा में श्रीलंका द्वारा किए गए समझौते में 400 करोड़ रुपये की अनुदान राशि भारत सरकार प्रदान करेगी. इस प्रणाली में व्यक्ति की आंखों का रंग, उंगलियों के निशान और खून के प्रकार जैसे बायोमेट्रिक डेटा शामिल होंगे.
बीते 16 जून को श्रीलंका के स्थानीय मीडिया ने बताया कि अस्पताल में इलाजरत एक मरीज़ की मौत भारत निर्मित एनेस्थेटिक दवा दिए जाने के बाद हुई. इससे पहले अप्रैल में भी भारतीय एनेस्थेटिक दवा दिए जाने के बाद एक गर्भवती महिला की मौत का मामला सामने आया था.
'हम अडानी के हैं कौन' श्रृंखला के तहत तीन सवालों का 26वां सेट जारी करते हुए कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछा कि श्रीलंका में सरकारों के बीच की परियोजनाओं के लिए अडानी समूह की पैरवी किस आधार पर की गई थी.
बीते 22 दिसंबर को केंद्र की मोदी सरकार ने संसद को बताया था कि भारत और श्रीलंका के बीच के क्षेत्र की सैटेलाइट तस्वीर, जहां पौराणिक राम सेतु के अस्तित्व की बात कही जाती है, में द्वीप और चूना पत्थर वाले उथले किनारे नज़र आते हैं, लेकिन उन्हें ‘निर्णायक तौर पर’ पुल के अवशेष नहीं कहा जा सकता है.
राज्यसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में अंतरिक्ष राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि सैटेलाइट तस्वीरों में द्वीप और चूना पत्थर वाले उथले किनारे नज़र आते हैं लेकिन उन्हें 'निर्णायक तौर पर' पुल के अवशेष नहीं कहा जा सकता.
श्रीलंकाई लेखक शेहान करुणातिलक को उनके उपन्यास ‘द सेवन मून्स ऑफ माली अल्मेडा’ के लिए बुकर पुरस्कार दिया गया है. उनके उपन्यास में माली अलमेडा नामक एक युद्ध फोटोग्राफर की कहानी है, जो मौत के बाद स्वर्ग पहुंचता है और गृहयुद्ध के अत्याचारों की तस्वीरों का एक ज़ख़ीरा उसके हाथ लग जाता है.
तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदूर में एक चुनावी रैली के दौरान 21 मई, 1991 की रात को एक महिला आत्मघाती हमलावर के हमले में राजीव गांधी की हत्या कर दी गई थी. हत्या में व्यापक साजिश की जांच के लिए साल 1998 में मल्टी डिसिप्लीनरी मॉनिटरिंग एजेंसी (एमडीएमए) को दो साल की अवधि के लिए स्थापित किया गया था.
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद ने श्रीलंका में सुलह, जवाबदेही और मानवाधिकारों को बढ़ावा देने के लिए एक मसौदा प्रस्ताव को स्वीकार किया. इस प्रस्ताव में महत्वपूर्ण यह है कि इसमें श्रीलंका के मौजूदा आर्थिक संकट की जांच करने और ज़िम्मेदार लोगों पर मुक़दमा चलाने की मांग की गई है.
पिछले हफ़्ते सीलोन इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड के अध्यक्ष ने एक संसदीय समिति के सामने कहा था कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीलंकाई राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे को मन्नार के एक पावर प्रोजेक्ट को अडानी समूह को देने को कहा था. इसके बाद उन्होंने बयान वापस ले लिया और अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया. अब लोगों ने अडानी समूह को परियोजना देने में पारदर्शिता की कमी पर सवाल उठाए हैं.
सीलोन इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड के अध्यक्ष एमएमसी फर्डिनेंडो ने शुक्रवार को एक संसदीय समिति के सामने कहा था कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीलंकाई राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे को मन्नार के एक पावर प्रोजेक्ट को अडानी समूह को देने को कहा था. राष्ट्रपति के इससे इनकार के बाद उन्होंने बयान वापस ले लिया था.
एक संसदीय समिति ने एक सुनवाई के दौरान सीलोन इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड के प्रमुख से श्रीलंका के उत्तरी तट पर 500 मेगावाट का पवन ऊर्जा संयंत्र बनाने के लिए अडानी समूह को चुनने के बारे में सवाल किया था, जहां उन्होंने यह बयान दिया. राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने प्रोजेक्ट को किसी व्यक्ति या समूह विशेष को देने की बात कहने से इनकार किया है. इसके बाद बोर्ड प्रमुख अपने बयान से मुकर गए.
वैश्विक खाद्य सुरक्षा सूचकांक-2021 में 113 देशों के बीच भारत ने 71वां स्थान हासिल किया है. भारत कुल अंकों के लिहाज से दक्षिण एशिया में सबसे अच्छे स्थान पर रहा, लेकिन खाद्य पदार्थों की वहनीयता यानी अफोर्डेबिलिटी के मामले में अपने पड़ोसी देशों पाकिस्तान और श्रीलंका से पीछे है.
श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने सार्वजनिक सुरक्षा अध्यादेश के तहत आपातकाल नियम-क़ानूनों को लागू किया है, जिसके ज़रिये सरकारी अधिकारियों को कारोबारियों द्वारा जमा कर रखे गए खाद्य भंडारों को ज़ब्त करने और आवश्यक खाद्य सामानों की जमाखोरी करने वालों को गिरफ़्तार करने की मंज़ूरी दी है.