उत्तर प्रदेश: योगी सरकार गायों को बचाने के लिए कितनी गंभीर है?

जो हिंदुत्ववादी संगठन गो-रक्षा के नाम पर निर्दोष लोगों से मारपीट करने पहुंच जाते हैं कभी सरकार से यह नहीं पूछते कि गोशालाओं के निर्माण को लेकर उसकी क्या योजना है? क्यों गो-आश्रय स्थल के निर्माण हेतु ग्राम पंचायतों को धन नहीं दिया जा रहा? क्यों चारे और उचित रखरखाव के अभाव में पशु जान गंवा रहे हैं?

खेती के लिए गोबर आधारित उत्पादों के विपणन में केंद्र गोशालाओं की मदद करे: नीति आयोग

नीति आयोग की एक रिपोर्ट में सिफ़ारिश की गई है कि केंद्र गोशालाओं को पूंजी सहायता के माध्यम से मदद करे, ताकि वे कृषि में अनुप्रयोगों के लिए गाय के गोबर और गोमूत्र-आधारित फॉर्मूलों का विपणन कर सकें.

गुजरात सरकार ने आवारा पशुओं की शहरी इलाकों में आवाजाही रोकने वाले विधेयक को वापस लिया

विधेयक में पशुपालकों के लिए मवेशी पालने हेतु लाइसेंस प्राप्त करना अनिवार्य किया गया था और उनके पशुओं को आवारा घूमते पाए जाने पर जेल तक की सज़ा का प्रावधान किया गया था. विधेयक पारित किए जाने के बाद से मालधारी समुदाय आंदोलन कर रहा था.

गुजरात: पूर्व उप-मुख्यमंत्री नितिन पटेल ‘तिरंगा यात्रा’ के दौरान गाय की टक्कर में घायल

गुजरात के पूर्व उप-मुख्यमंत्री नितिन पटेल मेहसाणा ज़िले के कडी कस्बे में ‘तिरंगा यात्रा’ निकाल रहे थे. इसी दौरान एक गाय तेज़ी से आती और लोगों को टक्कर मारते हुए निकल जाती है. एक्सरे और सीटी स्कैन में पटेल के पैर की हड्डी टूटी पाई गई है.

यूपी: ‘नीलगाय अउर गोरू बड़ा तबाह कइले बा, सब खेत बारी चर जात हैं’

महराजगंज ज़िले के वनग्रामों में किसान आवारा पशुओं द्वारा उनके खेतों को नुकसान पहुंचाए जाने की समस्या से जूझ रहे हैं. अब फसल बचाने के लिए उन्होंने स्टन मशीन यानी हल्का झटका देने वाली मशीन इस्तेमाल करना शुरू किया है, हालांकि इसके महंगे होने और एक जगह खेत न होने के चलते यह बहुत लाभकारी नहीं है.

उत्तर प्रदेश: योगी आदित्यनाथ की रैली स्थल के समीप ही किसानों ने आवारा पशु छोड़े

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी ज़िले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के रैली स्थल के पास यह घटना हुई. बताया जा रहा है कि किसानों ने ऐसा यह बताने के लिए किया कि उनके इलाके में आवारा पशुओं का संकट बना हुआ है.

यूपी चुनाव: आवारा पशुओं से क्यों परेशान हैं कन्नौज के आलू किसान?

वीडियो: उत्तर प्रदेश के कन्नौज में आलू किसानों की सबसे बड़ी चिंता का विषय आवारा पशु हैं. योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भाजपा की राज्य सरकार के गोहत्या पर रोक लगाने के फैसले का पशु व्यापार पर प्रभाव पड़ा है. कथित गोरक्षा समूहों के डर के कारण पशु व्यापारी अपना व्यवसाय सामान्य रूप से करने में असमर्थ हैं. किसानों का कहना है कि इसकी वजह से उन्हें अपने मवेशियों को छोड़ने के लिए मजबूर किया गया है.

2012-2019 के बीच उत्तर प्रदेश में आवारा पशुओं की संख्या में क़रीब 2 लाख की वृद्धि: केंद्र सरकार

एक सवाल के जवाब में केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय लोकसभा में बताया कि उत्तर प्रदेश में आवारा पशुओं की संख्या 2012 में 10,09,436 थी, जो 2019 में बढ़कर 11,84,494 हो गई. राज्य के चित्रकूट ज़िले में इनकी संख्या सबसे अधिक है. इसके बाद क्रमश: महोबा, गोंडा, हरदोई और बांदा का नंबर आता है.

यूपी: योगी आदित्यनाथ ने महापौरों व पार्षदों से कहा- आम लोगों को गाय गोद लेने के लिए प्रेरित करें

स्थानीय शहरी निकायों के प्रतिनिधियों के साथ ऑनलाइन बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य सरकार ने आवारा मवेशियों की समस्या कम करने के प्रयास किए हैं लेकिन इसे लेकर समाज को जागरूक करने की ज़रूरत है ताकि परिवार गायों को गोद ले सकें.