आईआईटी-गुवाहाटी के प्रथम वर्ष के छात्र का शव 10 अप्रैल को उनके हॉस्टल के कमरे में मिला. बिहार के समस्तीपुर के रहने वाले इस छात्र के परिवार ने आरोप लगाया है कि उनकी रैगिंग कर हत्या कर दी गई है, वहीं पुलिस आत्महत्या का संदेह जता रही है. परिवार ने मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है.
त्रिपुरा के लगभग 700 स्नातक शिक्षकों ने 2017 और 2020 के उनके बर्ख़ास्तगी आदेशों को असंवैधानिक बताते हुए याचिका में कहा है कि शिक्षकों के परिवार गंभीर स्थिति है. बर्ख़ास्त किए गए 160 से अधिक शिक्षकों की मृत्यु हो गई है, उनमें से कई ने बुनियादी जीविका की सुविधाओं के अभाव के कारण आत्महत्या की.
हमीरपुर ज़िले का मामला. बीते 29 फरवरी को 14 और 15 साल की दो किशोरियों के शव बरामद हुए थे. उनमें से एक के पिता ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली. परिजनों का आरोप है कि आरोपियों के परिवार की ओर से उन्हें सामूहिक बलात्कार का मामला वापस लेने के लिए धमकाया जा रहा था.
गुजरात सरकार द्वारा विधानसभा में दिए गए आंकड़ों के मुताबिक, आत्महत्या करने वालों में 495 छात्र थे. सबसे अधिक आत्महत्या के 3,280 मामले अहमदाबाद शहर में, इसके बाद सूरत शहर में 2,862 और राजकोट शहर में 1,287 मामले दर्ज किए गए. आत्महत्या के प्रमुख कारणों में मानसिक स्वास्थ्य, प्रेम संबंध, गंभीर बीमारी आदि शामिल हैं.
मध्य प्रदेश के इंदौर शहर का मामला. पुलिस ने बताया कि मृतक की पहचान पेटीएम कर्मचारी गौरव गुप्ता के रूप में हुई, पिछले कुछ दिनों से तनाव में थे. हाल ही में भारतीय रिज़र्व बैंक ने लगातार गैर-अनुपालन और अन्य चिंताओं के कारण पेटीएम पेमेंट्स बैंक को 15 मार्च के बाद किसी भी ग्राहक से जमा और क्रेडिट स्वीकार करने से रोक दिया है.
मृतक की पहचान उत्तर प्रदेश के कन्नौज के रहने वाले बृजेश पाल के रूप में हुई है. वह हाल ही में एक पुलिस भर्ती परीक्षा में शामिल हुए थे और कथित तौर पर पेपर लीक से परेशान थे. अपने पीछे छोड़े गए एक सुसाइड नोट में उन्होंने अपने इस क़दम के पीछे बेरोज़गारी को ज़िम्मेदार ठहराया है.
यह घटना 24 जनवरी सुबह दक्षिण मणिपुर में भारत-म्यांमार सीमा पर हुई. असम राइफल्स ने एक बयान में कहा है कि घटना में घायल सभी छह जवान ग़ैर-मणिपुरी हैं. उन्हें इलाज के लिए सैन्य अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है. बयान में कहा गया गोलीबारी की इस घटना का राज्य की जातीय हिंसा से कोई लेना-देना नहीं है.
मराठवाड़ा संभागीय आयुक्त कार्यालय की एक रिपोर्ट के अनुसार, साल 2023 में मराठवाड़ा में 1,088 किसानों ने आत्महत्या की. मराठवाड़ा के बीड ज़िले में सबसे अधिक 269 मौतें दर्ज की गईं. इसके बाद औरंगाबाद ज़िले में 182, नांदेड़ में 175, धाराशिव में 171 और परभणी ज़िले में 103 मौतें हुईं.
झारखंड के दुमका की रहने वाली प्रियंका जायसवाल 29 दिसंबर, 2023 को ही आईआईटी-कानपुर में केमिकल इंजीनियरिंग में पीएचडी के लिए दाख़िला लिया था. संस्थान में बीते 11 जनवरी को एमटेक दूसरे वर्ष के छात्र और 19 दिसंबर 2023 को पोस्ट-डॉक्टोरल शोध कर रहीं एक छात्रा ने भी आत्महत्या कर ली थी.
कोचिंग संस्थान विज्ञापनों में सफलता दर या चयनित छात्रों की रैंक के बारे में झूठे दावे न करें: केंद्र
केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने भ्रामक विज्ञापनों को रोकने के लिए कोचिंग संस्थानों के लिए मसौदा दिशानिर्देश तैयार किए हैं. सीसीपीए ने स्वत: संज्ञान लेकर कार्रवाई करते हुए 31 कोचिंग संस्थानों को नोटिस भेजा है और भ्रामक विज्ञापनों के लिए उनमें से नौ पर जुर्माना लगाया है.
आईआईटी खड़गपुर में तीसरे वर्ष के छात्र फ़ैज़ान अहमद 14 अक्टूबर 2022 को अपने छात्रावास में मृत पाए गए थे. परिवार ने उनकी हत्या का संदेह जताया था, जिसके बाद उनका शव कब्र से निकालकर दोबारा पोस्टमॉर्टम भी किया गया था. मामले की जांच कर रही एसआईटी अब तक किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंची है, जबकि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में हत्या की बात कही गई थी.
जींद ज़िले के सफीदों का मामला. ग्रेजुएशन दूसरे वर्ष की एक छात्रा के परिजनों ने बताया है कि आरोपी पिछले छह महीने से उनका पीछा करता था और परेशान करता था.
घटना 24 दिसंबर की रात खातोली थाना क्षेत्र के एक गांव में हुई. मृतक ने कॉलेज की पढ़ाई छोड़ दी थी और उनके पिता के साथ खेत में काम करते थे. एक अधिकारी ने कहा कि पुलिस अभी तक यह पता नहीं लगा पाई है कि यह आत्महत्या है या अचानक ज़हरीला पदार्थ खाने का मामला है.
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने संसद में बताया कि 2019 में छात्रों की आत्महत्या से मौत की 10,335 घटनाएं दर्ज की गईं, 2020 व 2021 में यह आंकड़ा क्रमशः 12,526 और 13,089 दर्ज किया गया. एससी और एसटी छात्रों द्वारा आत्महत्या की संख्या पर मंत्रालय ने कहा कि इसका डेटा उपलब्ध नहीं है.
इस साल 31 मार्च को पश्चिम बंगाल के एक 32 वर्षीय शोध छात्र अपने कमरे में मृत पाए गए थे. घटना की जांच के लिए पांच सदस्यीय जांच समिति बनाई गई थी. आईआईटी मद्रास के एक बयान में कहा कि बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के निर्देश के आधार पर मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर आशीष सेन को निलंबित कर दिया गया है.