कर्नाटक के तुमकुरु ज़िले का मामला. अधिकारियों ने बताया कि तीन महिलाओं को ग्रामीणों द्वारा गांव के बाहर बने एक कमरे में रखा गया था, क्योंकि वे माहवारी से गुज़र रही थीं. तीनों महिलाएं गोल्ला समुदाय से हैं. समुदाय का मानना है कि माहवारी वाली और गर्भवती महिलाएं अशुभ होती हैं, इसलिए उन्हें गांव से दूर रखा जाता है.
महाराष्ट्र के नासिक स्थित प्रसिद्ध त्र्यंबकेश्वर मंदिर में पिछले साल जून में ‘शिवलिंग’ पर बर्फ़ जमने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था. जांच समिति ने इस घटना को फ़र्ज़ी क़रार दिया है. इस कृत्य के लिए कथित तौर पर ज़िम्मेदार तीन पुजारी फिलहाल फ़रार हैं.
ओडिशा के मयूरभंज ज़िले का मामला. पुलिस ने बताया कि मृतक की पहचान बालीभोल गांव की 62 वर्षीय जमुना हंसदा के रूप में हुई है. इस संबंधमें दो युवकों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है.
सुप्रीम कोर्ट में दायर एक जनहित याचिका में डरा-धमकाकर और उपहारों के ज़रिये अनुसूचित जाति/जनजाति के लोगों के सामूहिक धर्मांतरण, काले जादू, अंधविश्वास को नियंत्रित करने के लिए केंद्र को निर्देश देने की मांग की गई थी. शीर्ष अदालत द्वारा इस पर सुनवाई से ही इनकार कर दिया गया.
केंद्र सरकार ने बीते पांच जनवरी को घोषणा की थी कि गाय की देसी नस्ल और इसके फायदे के बारे में रुचि पैदा करने की कोशिश के तहत 25 फरवरी को गौ-विज्ञान परीक्षा का आयोजन किया जाएगा. इस परीक्षा की यह कहते हुए आलोचना की जा रही थी कि यह अंधविश्वास फैलाने और देश में शिक्षा क्षेत्र का भगवाकरण करने की कोशिश है.
साल 2013 में आसाराम के आश्रम में पढ़ रही शाहजहांपुर की एक नाबालिग लड़की ने उन पर बलात्कार का आरोप लगाया था. अप्रैल 2018 में उन्हें अदालत ने आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई थी. तब से आसाराम जेल में ही बंद हैं. शाहजहांपुर जेल में हुए कार्यक्रम को लेकर नाबालिग के पिता ने आपत्ति जताते हुए जांच की मांग की थी.
ओडिशा में अलग-अलग घटनाओं में जादू-टोने के संदेह में तीन लोगों की हत्या का मामला सामने आया है. वहीं बालासोर ज़िले में काला जादू करने के संदेह में एक वृद्ध और उनकी बेटी से मारपीट कर उन्हें गोबर मिला पानी पीने के लिए मजबूर किया गया.
अहमदाबाद में आसाराम के आश्रम में पढ़ाई कर रहे दो बच्चे तीन जुलाई, 2008 को लापता हो गए थे. पांच जुलाई को साबरमती नदी के किनारे बच्चों के शव मिले थे. बच्चों के परिजनों ने आसाराम और उनके बेटे पर बच्चों की हत्या का आरोप लगाया था.
'आई नेक्स्ट' अख़बार ने वाराणसी के फ्लाईओवर हादसे के लिए सूर्य, मंगल और शनि ग्रह के त्रिकोण को ज़िम्मेदार बताते हुए लिखा कि इन ग्रहों के कारण आगे ऐसी और भी घटनाएं होने की आशंका है.
उमा भारती ने मध्य प्रदेश में अपने मुख्यमंत्रीकाल में विधानसभा के अंदर आसाराम के प्रवचन कराए थे तो पूरे मंत्रिमंडल के साथ सत्ता पक्ष के सारे विधायकों के लिए उसे सुनना अनिवार्य कर दिया था.
भाजपा सचेतक ने कहा, ‘जहां विधानसभा है, वहां श्मशान था. मृत बच्चे दफ़नाए जाते थे. हो सकता है कि कोई आत्मा हो, जिसे शांति न मिली हो. इसीलिए सदन में कभी एक साथ 200 विधायक नहीं रहे.’
नेता कई तरह की गुप्त पूजा कराते हैं जिसका ख़र्च बीस-बीस लाख आता है. क्रिकेटर से लेकर सार्वजनिक जीवन का हर संभ्रांत प्रतीक अंधविश्वास का संरक्षक है, इसलिए सिरसा के डेरा समर्थकों को गंवारों की फौज न कहें.
समाज में विचारों की, अाचारों की अौर समझ की नई खिड़कियां खोलते रहने की जरूरत पड़ती है. जो समाज ऐसा करना बंद कर देता है, जो अतीत के गुणगान में लग जाता है, वह अंतत: अपनी ही चोटी में उलझ कर, उसे काट डालता है. हम उसी दौर से गुजर रहे हैं.
चोटी काटने की अफ़वाह में एक बुज़ुर्ग दलित महिला की चुड़ैल बताकर पीट-पीटकर हत्या कर दी गई. चार राज्यों में अब तक ऐसी घटनाओं के 75 से भी ज़्यादा मामले सामने आ चुके हैं.
तांत्रिकों के सान्निध्य में मंत्रियों का जाना और पाप-पुण्य के फेर में पेड़ों पर कुल्हाड़ी चलाना अंधश्रद्धा पर सरकारी मुहर लगाना है.