कॉलेजियम ने मालेगांव धमाके के आरोपी की वकील को हाईकोर्ट जज बनाने की सिफ़ारिश भेजी

देश के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाले सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने बॉम्बे हाईकोर्ट की वकील नीला गोखले को बॉम्बे हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत करने की मंज़ूरी दी है. नीला गोखले 2008 के मालेगांव बम विस्फोट मामले में आरोपी लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित की वकील हैं.

कॉलेजियम की ओर से दोबारा भेजे गए नामों को सरकार वापस भेज रही है, यह चिंता का विषय: अदालत

शीर्ष अदालत ने कहा कि जब कोई सिफारिश की जाती है, तो सरकार के अपने विचार हो सकते हैं, लेकिन उस पर अपनी टिप्पणी अंकित करके वापस भेजे बिना उसे रोके नहीं रखा जा सकता है. अदालत उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम द्वारा अनुशंसित नामों को मंजूरी देने में केंद्र की ओर से की जा रही कथित देरी से जुड़े एक मामले की सुनवाई कर रही थी.

केंद्र और न्यायपालिका के बीच कोई तनाव नहीं: केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू

हाल ही में ख़त्म हुए संसद सत्र में कई बार उच्च न्यायपालिका पर निशाना साधने के बाद केंद्रीय क़ानून मंत्री किरेन रिजिजू ने एक कार्यक्रम में कहा कि मोदी सरकार कभी भी अपनी सीमा पार नहीं करेगी और न्यायपालिका के क्षेत्र में दख़ल नहीं देगी.

कॉलेजियम प्रणाली में पारदर्शिता के अभाव के संबंध में कई अभ्यावेदन मिले: रिजिजू

विधि एवं न्याय मंत्री किरेन रिजिजू ने राज्यसभा में एक लिखित सवाल के जवाब में बताया कि जजों की नियुक्ति की प्रक्रिया में सुधार के साथ ही उच्च न्यायपालिका में न्यायाधीशों की नियुक्ति की कॉलेजियम व्यवस्था में पारदर्शिता, वस्तुनिष्ठता और सामाजिक विविधता की कमी को लेकर सरकार को कई मेमो मिले हैं.

सरकार द्वारा जजों की नियुक्तियों से कॉलेजियम प्रणाली बेहतर है: कपिल सिब्बल

कॉलेजियम को लेकर क़ानून मंत्री की टिप्पणियों के बीच एक चैनल से बातचीत में वरिष्ठ अधिवक्ता और पूर्व केंद्रीय क़ानून मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि सारे सार्वजनिक संस्थानों पर मौजूदा सरकार का नियंत्रण है और यदि वह 'अपने जज' नियुक्त कर न्यायपालिका भी कब्ज़ा लेती है, तो यह लोकतंत्र के लिए ख़तरनाक होगा.

सुप्रीम कोर्ट की शिकायत पर जस्टिस ताहिलरमानी के ख़िलाफ़ हुई जांच में कुछ नहीं मिला: केंद्र

2019 में मद्रास हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस विजया के. ताहिलरमानी का तबादला मेघालय हाईकोर्ट में किया था, जिस बारे में पुनर्विचार से कॉलेजियम के इनकार के बाद उन्होंने इस्तीफ़ा दे दिया था. इसके बाद तत्कालीन सीजेआई रंजन गोगोई ने उनके ख़िलाफ़ सीबीआई कार्रवाई की अनुमति दी थी.

सरकार का कॉलेजियम द्वारा भेजे गए नाम रोके रखना अस्वीकार्य: सुप्रीम कोर्ट

शीर्ष अदालत ने कॉलेजियम द्वारा दोबारा भेजे गए नामों सहित उच्चतर न्यायपालिका में जजों की नियुक्ति के लिए अनुशंसित नामों को केंद्र द्वारा लंबित रखने पर नाराज़गी जताते हुए कहा कि उसने पहले स्पष्ट किया था कि अगर सरकार के एक बार आपत्ति जताने के बाद कॉलेजियम ने दोबारा नाम भेज दिया है तो नियुक्ति होनी ही है.

जस्टिस सुधांशु धुलिया, जस्टिस बी. परदीवाला को सुप्रीम कोर्ट भेजने की कॉलेजियम की सिफ़ारिश

जस्टिस सुधांशु धुलिया उत्तराखंड हाईकोर्ट के दूसरे न्यायाधीश होंगे, जिन्हें पदोन्नत करके शीर्ष अदालत भेजा जाएगा, जबकि जस्टिस बी. परदीवाला पारसी समुदाय से सर्वोच्च न्यायालय तक पहुंचने वाले चौथे न्यायाधीश होंगे.

हाईकोर्ट कॉलेजियम द्वारा भेजे गए 164 में से 126 प्रस्ताव सरकार के पास लंबित: क़ानून मंत्री

केंद्रीय क़ानून मंत्री किरेन रिजिजू द्वारा राज्यसभा में दी गई जानकारी के अनुसार, सरकार के पास लंबित 126 प्रस्तावों में से सर्वोच्च अदालत के कॉलेजियम ने 35 नामों को स्वीकार करने के लिए भेजा है, जो कि न्याय विभाग के लंबित हैं. वहीं अन्य 75 सिफारिशें भी इसी विभाग के पास लंबित हैं. इसी तरह 13 प्रस्ताव कानून एवं न्याय मंत्रालय और तीन प्रस्ताव प्रधानमंत्री कार्यालय में विचाराधीन हैं.

केंद्र ने कॉलेजियम की सिफ़ारिश मानी तो सौरभ कृपाल बन सकते हैं हाईकोर्ट के पहले समलैंगिक जज

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने वरिष्ठ अधिवक्ता सौरभ कृपाल को दिल्ली हाईकोर्ट की पीठ में पदोन्नत करने के प्रस्ताव को मंज़ूरी दे दी है, जो उनके यौन झुकाव के कारण विवाद का विषय था, लेकिन पदोन्नति केंद्र की सहमति के अधीन होगी. केंद्र अगर अनुमति देता है तो वह देश के किसी हाईकोर्ट के पहले समलैंगिक न्यायाधीश बन सकते हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने वकील को जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट का जज बनाने के लिए तीसरी बार सिफ़ारिश भेजी

वकील सादिक़ वसीम नागराल का नाम सबसे पहले 24 अगस्त, 2017 को जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट कॉलेजियम द्वारा प्रस्तावित किया गया था. इसके बाद छह अप्रैल 2018 को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने उनके नाम की सिफ़ारिश की. हाईकोर्ट में जज नियुक्त करने के लिए इस साल मार्च महीने में दूसरी बार अपनी सिफ़ारिश को दोहराया था. हालांकि इतने महीने बीत जाने के बाद भी केंद्र सरकार ने नागराल की नियुक्ति पर कोई फैसला नहीं किया है.

कॉलेजियम ने हाईकोर्ट में 68 जजों की सिफ़ारिश की, इसमें से 12 पर केंद्र ने जताई थी आपत्ति

सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम ने केंद्र की दलीलों को दरकिनार करते हुए 12 ऐसे नामों को दोहराया है, जिस पर मोदी सरकार ने पूर्व में आपत्ति जताई थी. नियम के मुताबिक यदि कॉलेजियम किसी सिफ़ारिश को दोहराती है तो केंद्र सरकार को हर हाल में उसकी नियुक्ति सुनिश्चित करनी होगी.

क्या अमित शाह से टकराने की सज़ा मिली जस्टिस अकील क़ुरैशी को?

वीडियो: मंगलवार को भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमनe ने सुप्रीम कोर्ट की तीन महिला न्यायाधीशों सहित नौ नए न्यायाधीशों को पद की शपथ दिलाई, जिससे सर्वोच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की कुल संख्या 33 हो गई. इतिहास में पहली बार सुप्रीम कोर्ट के नौ जजों ने एक साथ ली. नियुक्तियां विवाद के बिना नहीं रही हैं क्योंकि त्रिपुरा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस अजिल कुरैशी शीर्ष अदालत में पदोन्नति के लिए चुने गए सर्वोच्च न्यायालय के कॉलेजियम में से

सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में पहली बार तीन महिलाओं समेत कुल नौ न्यायाधीशों ने एक साथ शपथ ली

भारत के चीफ जस्टिस एनवी रमना ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट की तीन महिला न्यायाधीशों सहित नौ नए न्यायाधीशों को पद की शपथ दिलाई. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों की कुल संख्या बढ़कर 33 हो गई है.

न्यायाधीशों की नियुक्ति प्रक्रिया पर मीडिया में अटकलें, ख़बरें बेहद दुर्भाग्यपूर्ण: सीजेआई

सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम द्वारा भेजे गए नामों पर मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने कहा कि न्यायाधीशों की नियुक्ति की प्रक्रिया पवित्र है और इसके साथ गरिमा जुड़ी हुई है. मीडिया को इस पवित्रता को समझना और पहचानना चाहिए. मुख्य न्यायाधीश ने जस्टिस नवीन सिन्हा की सेवानिवृत्ति के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में यह टिप्पणी की है.