मोदी सरकार ने फ्रांस के जजों द्वारा रफाल सौदे में भ्रष्टाचार की जांच में बाधा डाली: रिपोर्ट

फ्रांसीसी वेबसाइट मेदियापार की रिपोर्ट बताती है कि जुलाई 2023 में भारत में फ्रांसीसी राजदूत इमैनुएल लेनैन ने आपराधिक मामलों पर भारत के सहयोग में पेश आई चुनौतियों का ज़िक्र किया था. उनका कहना था कि भारत द्वारा कई मामलों को बेहद देरी से और अक्सर आधे-अधूरे तरीके से निपटाया जा रहा है.

सुप्रीम कोर्ट ने बसपा सांसद अफ़ज़ल अंसारी की दोषसिद्धि को निलंबित किया

बसपा सांसद अफ़ज़ल अंसारी को 1 मई 2023 को लोकसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया था. वह उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ीपुर संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे थे. नवंबर 2005 में भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या और जनवरी 1997 में एक विहिप नेता के अपहरण और हत्या के मामले में अंसारी बंधुओं के ख़िलाफ़ गैंगस्टर एक्ट का केस दर्ज किया गया था.

नौसेना में एक भी महिला अधिकारी को स्थायी कमीशन नहीं देने पर सुप्रीम कोर्ट ने आश्चर्य जताया

भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने आश्चर्य जताते हुए कहा कि ऐसा नहीं हो सकता कि 17 मार्च 2020 को हमारे फैसले के बाद एक भी महिला को पदोन्नति के लिए योग्य नहीं पाया गया. अदालत कैप्टन के पद पर पदोन्नति की मांग करने वाले छह अधिकारियों द्वारा दायर एक आवेदन पर सुनवाई कर रही थी.

प्रसारण विधेयक का मसौदा नियमन के बजाय सेंसरशिप लागू करने का ख़ाका है

सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा तैयार प्रसारण सेवा (विनियमन) विधेयक, 2023 या प्रसारण विधेयक को सेंसरशिप चार्टर के बतौर देखा जा सकता है, जहां 'केंद्र सरकार' स्वतंत्र समाचारों को सेंसर बोर्ड जैसे दायरे में घसीटना चाहती है.

अनुच्छेद 370 को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को कैसे समझा जाए?

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के तरीके को सुप्रीम कोर्ट द्वारा वैध ठहराए जाने के फैसले की बारीकियां समझने के लिए ज़रूरी है कि यह समझा जाए कि अनुच्छेद 370 था क्या और इसे हटाया कैसे गया.

अनुच्छेद 370 पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर जम्मू कश्मीर के राजनीतिक दलों ने दुख व्यक्त किया

जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के केंद्र सरकार के फैसले को बरक़रार रखने के शीर्ष अदालत के फैसले पर निराशा व्यक्त करते हुए केंद्रशासित प्रदेश के राजनीतिक दलों के नेताओं ने कहा कि फैसले वाले दिन उन्हें नज़रबंद कर दिया गया था. नेताओं ने कहा कि यह फैसला अप्रत्याशित नहीं था.

नागरिकता क़ानून: केंद्र ने कोर्ट से कहा- अवैध प्रवासियों का सटीक आंकड़ा एकत्र कर पाना संभव नहीं

असम समझौते पर हस्ताक्षर के बाद नागरिकता अधिनियम, 1955 में जोड़ी गई धारा 6ए की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर शीर्ष अदालत में चली सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने यह जवाब दाख़िल किया था. केंद्र सरकार ने अपने हलफ़नामे में कहा है कि 2017 और 2022 के बीच कुल 14,346 विदेशियों को निर्वासित किया गया है.

सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट जजों के लिए संपत्ति की घोषणा करना अनिवार्य हो: सुशील मोदी

भाजपा सांसद और क़ानून पर संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष सुशील कुमार मोदी ने राज्यसभा में शीर्ष अदालत और हाईकोर्ट के न्यायाधीशों की संपत्ति की घोषणा की ज़रूरत का मुद्दा उठाते हुए कहा कि जिस तरह विधायक-सांसदों के बारे में जानना जनता का हक़ है, वैसे ही अदालतों में मुक़दमा लड़ने वाले वादी को भी न्यायाधीशों की संपत्ति जानने का अधिकार है.

जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा देने को लेकर सुप्रीम कोर्ट की चुप्पी पर विपक्ष ने चिंता जताई

विपक्ष का कहना है कि वह इस बात से निराश है कि सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू कश्मीर राज्य को विखंडित करने और उसका दर्जा घटाकर दो केंद्र शासित प्रदेश बनाने के सवाल पर फैसला नहीं किया. जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के फैसले पर बरक़रार रखने के शीर्ष अदालत के फैसले पर कांग्रेस ने कहा कि वह इससे ‘सम्मानपूर्वक असहमति जताती’ है.

केंद्र सरकार का कभी भी जाति-आधारित सर्वेक्षण में बाधा उत्पन्न करने का इरादा नहीं था: अमित शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बीते 10 दिसंबर को पटना में पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की 26वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि ​भारतीय जनता पार्टी जब सत्ता में थी तो उसने बिहार में जाति-आधारित सर्वेक्षण के विचार का समर्थन किया था और राज्यपाल ने विधेयक को मंज़ूरी भी दे दी थी.

सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 370 हटाने के निर्णय को वैध माना, कहा- अनुच्छेद अस्थायी प्रावधान था

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि अनुच्छेद 370 को निरस्त कर जम्मू-कश्मीर को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने वाला संवैधानिक आदेश पूरी तरह से वैध है. साथ ही इसने 30 सितंबर, 2024 से पहले सूबे में विधानसभा चुनाव कराने का निर्देश दिया है.

मैरिटल रेप: हाईकोर्ट ने कहा- पुरुष पर आरोप नहीं लगाया जा सकता, जहां पत्नी की उम्र 18 वर्ष या अधिक हो

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक पति को अपनी पत्नी के साथ कथित तौर पर ‘अप्राकृतिक यौन संबंध’ बनाने के आरोप में आईपीसी की धारा 377 के तहत बरी करते हुए यह टिप्पणी की. हालांकि अदालत ने आरोपी के ख़िलाफ़ आईपीसी की धारा 498ए (दहेज के लिए उत्पीड़न) और 323 के तहत आरोपों में उसकी दोषसिद्धि और सज़ा की पुष्टि की है.

हाईकोर्ट की किशोर लड़कियों पर टिप्पणी पर सुप्रीम कोर्ट ने ऐतराज़ जताया, कहा- उपदेश न दें जज

बीते अक्टूबर में कलकत्ता हाईकोर्ट ने एक फैसले में कहा था कि हर किशोर लड़की को 'यौन इच्छाओं पर काबू रखना चाहिए' और 'अपनी देह की शुचिता की रक्षा करनी चाहिए.' सुप्रीम कोर्ट ने इसका स्वतः संज्ञान लिया था और इस पर आंशिक रोक लगाते हुए कहा कि किशोरों के बर्ताव पर हाईकोर्ट की टिप्पणी पूर्णतः अनुचित थी.

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