चुनावी बॉन्ड: तीन वामपंथी दलों ने चुनाव आयोग को बताया- बॉन्ड से चंदा नहीं लिया

देश के तीन वामपंथी दलों - भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन ने चुनाव आयोग को बताया कि उन्हें चुनावी बॉन्ड के माध्यम से कोई पैसा नहीं मिला है.

बिहार: भागलपुर पुल हादसे से जुड़ी कंपनी भी चुनावी बॉन्ड की खरीदार

बिहार में भागलपुर और खगड़िया को जोड़ने वाला निर्माणाधीन पुल पहली बार 30 अप्रैल, 2023 को और फिर 4 जून को दूसरी बार ढह गया था. इसका निर्माण करने वाली कंपनी एसपी सिंगला कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड ने मई 2019 में एक ही दिन में 75 लाख रुपये के बॉन्ड खरीदे थे.

चुनावी बॉन्ड: शीर्ष खरीदारों ने चार सालों तक अपने मुनाफ़े से छह गुना अधिक चंदा दिया

राजनीतिक दलों को सर्वाधिक चंदा देने वाली कंपनी फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड ने 12 अप्रैल, 2019 से 24 जनवरी, 2024 के बीच अपने लाभ के छह गुना से अधिक चंदा दिया है. पार्टियों को चंदा देने में दूरसंचार कंपनी भारती एयरटेल का नाम भी शामिल है, जिसने घाटे के बावजूद चुनावी बॉन्ड खरीदे.

ढही सिल्कयारा सुरंग निर्माण से जुड़ी नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी ने 55 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे

नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड पर 26 अक्टूबर, 2018 को आयकर छापे पड़े थे. इसके छह महीने बाद इसने 30 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड की पहली किश्त खरीदी. 

चुनावी बॉन्ड सबसे बड़ा वसूली रैकेट, भाजपा का खाता फ्रीज़ कर कोर्ट को जांच करनी चाहिए: कांग्रेस

भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चुनावी बॉन्ड योजना को ‘दुनिया का सबसे बड़ा जबरन वसूली रैकेट’ बताया. वहीं, पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सुप्रीम कोर्ट से सत्तारूढ़ भाजपा के ख़िलाफ़ उच्च स्तरीय जांच और उसके बैंक खातों को फ्रीज़ करने की मांग की.

30 फार्मा और स्वास्थ्य सेवा कंपनियों ने मिलकर 900 करोड़ रुपये से ज़्यादा के चुनावी बॉन्ड खरीदे

निर्वाचन आयोग द्वारा प्रकाशित जानकारी की अवधि में कुल 12,155 करोड़ रुपये के बॉन्ड्स खरीदे गए थे. इस राशि का लगभग 7.4% फार्मा और हेल्थकेयर कंपनियों ने खरीदा था. इसमें से यशोदा सुपर-स्पेशियलिटी अस्पताल ने अप्रैल 2022 में सर्वाधिक छह चरणों में 80 बॉन्ड खरीदे, जिसकी क़ीमत 80 करोड़ रुपये है.

एसबीआई के आंकड़ों में विसंगति, खरीदे गए चुनावी बॉन्ड की तुलना में भुनाए गए बॉन्ड की रकम ज़्यादा

निर्वाचन आयोग द्वारा गुरुवार को जारी चुनावी बॉन्ड के आंकड़ों के अनुसार, राजनीतिक दलों द्वारा भुनाए गए बॉन्ड की कुल राशि  12,769 करोड़ रुपये से अधिक है, जबकि खरीदे गए बॉन्ड्स कुल 12,155 करोड़ रुपये के थे.

चुनावी बॉन्ड: खरीदे, भुनाए गए बॉन्ड्स के विशिष्ट नंबर न बताने पर कोर्ट ने एसबीआई को नोटिस भेजा

भारतीय स्टेट बैंक द्वारा चुनाव आयोग को चुनावी बॉन्ड के दो सेट उपलब्ध कराए गए हैं, जिनमें बॉन्ड खरीदने वाली कंपनियों और उन्हें भुनाने वाले राजनीतिक दलों की सूचियां हैं, लेकिन किसी भी सूची में बॉन्ड नंबर उपलब्ध न कराए जाने से यह सत्यापित करना संभव नहीं है कि कौन-सी कंपनी या व्यक्ति किस राजनीतिक दल को चंदा दे रहे थे.

शिक्षक द्वारा नाबालिग छात्रा को फूल स्वीकारने के लिए मजबूर करना यौन उत्पीड़न: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि किसी पुरुष स्कूल शिक्षक द्वारा कक्षा में नाबालिग छात्रा को फूल देना और उसे दूसरों के सामने इसे स्वीकार करने के लिए मजबूर करना पॉक्सो अधिनियम के तहत यौन उत्पीड़न है और इसके लिए सख़्त दिशानिर्देश दिए गए हैं.

सीएए नियमों पर रोक लगाने की मांग को लेकर आईयूएमएल, डीवाईएफआई सुप्रीम कोर्ट पहुंचे

इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग और माकपा की युवा शाखा डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया ने सीएए नियमों के अमल पर रोक की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा है कि यह एक ऐसा क़ानून है जो धर्मनिरपेक्षता की अवधारणा पर प्रहार करता है, जो संविधान की मूल संरचना है.

क्यों चुनाव आयोग की पारदर्शिता और कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में आ चुकी है?

बिना कोई कारण बताए चुनाव आयुक्त अरुण गोयल का इस्तीफ़ा इस बात का नवीनतम उदाहरण है कि पिछले पांच वर्षों में चुनाव आयोग की स्वतंत्रता कैसे संदेह के घेरे में आ गई है.

सरकार द्वारा चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति समिति से सीजेआई को हटाना समझ से परे: अशोक लवासा

पूर्व चुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने एक आलेख में चुनाव आयुक्तों को नियुक्त करने के क़ानून पर कहा है कि मोदी सरकार द्वारा नियुक्ति समिति से भारत के मुख्य न्यायाधीश को बाहर करने से विभिन्न पूर्वाग्रहों को बल मिलता है और लगता है कि यह आम सहमति बनाने की बजाय बहुमत सुनिश्चित करने की कोशिश है. 

चुनावी बॉन्ड: कोर्ट ने एसबीआई की समय विस्तार की याचिका ख़ारिज की, मंगलवार तक विवरण देने कहा

सुप्रीम कोर्ट ने 15 फरवरी को चुनावी बॉन्ड योजना को असंवैधानिक घोषित करते हुए रद्द कर दिया था और भारतीय स्टेट बैंक को चुनावी बॉन्ड का विवरण 6 मार्च तक चुनाव आयोग को जमा करने का निर्देश दिया गया था, लेकिन बाद में एसबीआई ने 30 जून तक के समय विस्तार की मांग करते हुए शीर्ष अदालत के समक्ष एक आवेदन प्रस्तुत कर दिया.