चंडीगढ़ मेयर चुनाव धांधली: सुप्रीम कोर्ट ने किया संपूर्ण न्याय

वीडियो: भाजपा को बड़ा झटका देते हुए बीते 20 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने विवादास्पद चंडीगढ़ मेयर चुनाव मामले पर सुनवाई के दौरान आम आदमी पार्टी (आप) के कुलदीप कुमार को शहर के नगर निगम का वैध रूप से निर्वाचित मेयर घोषित कर दिया. इस चुनाव में पीठासीन अधिकारी पर मत-पत्रों में गड़बड़ी करने का आरोप लगा था.

वन संशोधन अधिनियम: सुप्रीम कोर्ट ने 1996 के फैसले के मुताबिक वनों की परिभाषा कायम रखने कहा

वन (संरक्षण) संशोधन विधेयक अगस्त 2023 में क़ानून बन गया था. 1996 में अदालत के आदेश के अनुसार, कोई भी क्षेत्र जो जंगल के शब्दकोशीय अर्थ को पूरा करता है, उसे जंगल माना जाना चाहिए और 1980 के वन संरक्षण अधिनियम के तहत संरक्षित किया जाना चाहिए, भले ही वह आधिकारिक तौर पर जंगल के रूप में दर्ज न हो.

मोदी सरकार ने ‘कॉरपोरेट मित्रों’ की मदद के लिए ‘वन’ की परिभाषा में बदलाव किया था: जयराम रमेश

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि प्रधानमंत्री अपने कॉरपोरेट मित्रों को लाभ पहुंचाने के लिए भारत के जंगलों को उन्हें सौंपने और पर्यावरण को प्रदूषित करना आसान बनाना चाहते थे. इसलिए सबसे पहले उन्होंने 2017 में नियमों को बदल दिया, ताकि उन परियोजनाओं को वैध बनाया जा सके, जिन्होंने वन मंज़ूरी का उल्लंघन किया था.

भाजपा को झटका, सुप्रीम कोर्ट ने आप-कांग्रेस उम्मीदवार को चंडीगढ़ का मेयर घोषित किया

सुप्रीम कोर्ट ने मेयर चुनाव के पीठासीन अधिकारी और भाजपा के चंडीगढ़ अल्पसंख्यक सेल के पूर्व महासचिव अनिल मसीह के ख़िलाफ़ जांच का आदेश दिया, साथ ही कहा कि उन्होंने शीर्ष अदालत में झूठ बोला था. बीते 30 जनवरी को मसीह ने आठ मत-पत्रों को अवैध घोषित कर दिया था और जिससे अब इस्तीफ़ा दे चुके भाजपा से मेयर मनोज सोनकर की जीत हो गई थी.

मणिपुर से संदेशखाली की तुलना ग़लत: कोर्ट; हिंदू महिलाओं के नाम पर भाजपा की सियासी रोटियां

वीडियो: सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिकाकर्ता द्वारा सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस नेताओं द्वारा पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में महिला ग्रामीणों के यौन शोषण के आरोपों की तुलना मणिपुर में महिलाओं के साथ हुए मामलों से करने पर आपत्ति जताई और उनसे अदालत की निगरानी में घटना की सीबीआई/एसआईटी जांच के लिए कलकत्ता हाईकोर्ट का दरवाज़ा खटखटाने को कहा है.

चंडीगढ़ मेयर चुनाव: पीठासीन अधिकारी ने मत-पत्रों पर निशान लगाने की बात स्वीकार की

वोटों में गड़बड़ी के आरोपों के बीच भाजपा के मनोज सोनकर ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव में जीत दर्ज की थी. हालांकि मामले की सुनवाई से एक दिन पहने उन्होंने इस्तीफ़ा दे दिया. अब चुनाव के पीठासीन अधिकारी ने मत-पत्रों पर निशान बनाने की बात स्वीकार की, जिसे बाद में उन्होंने अवैध घोषित किया था. सीजेआई ने कहा कि उन पर मुक़दमा चलाया जाना चाहिए.

चंडीगढ़ मेयर मनोज सोनकर का इस्तीफ़ा, आम आदमी पार्टी के तीन पार्षद भाजपा में शामिल हुए

पिछले महीने मेयर पद पर भाजपा के मनोज सोनकर का चुनाव पीठासीन अधिकारी द्वारा वोट में गड़बड़ी के आरोपों के बीच हुआ था. 19 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में इस पर सुनवाई होनी थी. इधर आम आदमी पार्टी के तीन पार्षदों के भाजपा में शामिल होने से उसकी कुल संख्या बढ़कर 19 हो गई है, जबकि आप-कांग्रेस गठबंधन के सिर्फ़ 17 सदस्य रह गए हैं.

‘सरकार को लगता था कि कहीं उमर ख़ालिद मुस्लिमों की आवाज़ न बन जाएं, इसलिए उन्हें टारगेट किया’

वीडियो: छात्र कार्यकर्ता उमर ख़ालिद ने दिल्ली दंगों से जुड़ी साज़िश के मामले में बीते 14 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट से अपनी जमानत याचिका वापस ले ली. सितंबर 2020 को गिरफ़्तार होने के बाद से वह जेल में हैं. इस विषय पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता एसक्यूआर इलियास से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.

2018-22 के दौरान राजनीतिक दलों की अज्ञात स्रोतों से आय बढ़कर 72% हो गई: सुप्रीम कोर्ट में पेश डेटा

सुप्रीम कोर्ट में पेश किए आंकड़ों के अनुसार, कुल अज्ञात आय - यानी 20,000 रुपये से कम की दान राशि, कूपन की बिक्री आदि - में कमी नहीं देखी गई है. 2014-2015 से 2016-2017 के दौरान यह 2,550 करोड़ रुपये थी, जो 2018-19 से 2021-2022 के दौरान बढ़कर 8,489 करोड़ रुपये हो गई.

सुप्रीम कोर्ट की प्रमुख टिप्पणियां: ‘चुनावी बॉन्ड मतदाताओं के सूचना के अधिकार का उल्लंघन हैं’

सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड योजना को असंवैधानिक बताने वाले अपने फैसले में और भी कई महत्वपूर्ण टिप्पणी कीं, जिनमें से एक में कहा गया कि राजनीतिक फंडिंग के बारे में जानकारी एक मतदाता को यह आकलन करने में सक्षम बनाएगी कि क्या नीति निर्धारण और वित्तीय योगदान के बीच कोई संबंध है.

भाजपा का ख़ुफ़िया चुनावी बॉन्ड ग़ैर-क़ानूनी, मोदी के इस्तीफ़े की मांग उठेगी?

वीडियो: सुप्रीम कोर्ट ने बीते बृ​हस्पतिवार को साल 2018 में केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लाई गई चुनावी बॉन्ड योजना को असंवैधानिक बताते हुए इसे रद्द कर दिया. इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी से बातचीत.

इलेक्टोरल बॉन्ड लोकतंत्र का गला दबाने की योजना थी: कपिल सिब्बल

वीडियो: बीते 15 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में चुनावी बॉन्ड योजना को असंवैधानिक बताते हुए इसे रद्द कर दिया था. इस विषय पर सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और आरटीआई एक्टिविस्ट अंजलि भारद्वाज से अतुल होवाले की बातचीत.

सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड योजना को असंवैधानिक बताते हुए रद्द किया, दान का विवरण देने को कहा

शीर्ष अदालत ने चुनावी बॉन्ड जारी करने पर भी रोक लगा दी है और एसबीआई से योगदान प्राप्त करने वाले राजनीतिक दलों का विवरण देने के लिए कहा है. चुनावी बॉन्ड योजना 2018 की शुरुआत में नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा लाई गई थी. इसके माध्यम से भारत में कंपनियां और व्यक्ति राजनीतिक दलों को गुमनाम दान दे सकते हैं.

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