बीते दिनों दिल्ली महिला आयोग की 181 हेल्पलाइन का ज़िम्मा एक निजी कंपनी को सौंप दिया गया, जिसके बाद यहां काम करने वाली महिला कर्मचारियों ने आयोग पर बिना क़ानूनी प्रक्रिया के मनमाने ढंग से यह फैसला लेने का आरोप लगाया है. वहीं आयोग का कहना है कि हेल्पलाइन में ठीक से काम न होने के चलते यह कदम उठाना पड़ा.