दिल्ली हाईकोर्ट ने रमज़ान के दौरान निज़ामुद्दीन मरकज़ खोलने की अनुमति दी

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि यह निर्देश दिया जाता है कि रमज़ान के दौरान निजामुद्दीन मरकज़ के भूतल और चौथी मंज़िल पर नमाज़ तथा धार्मिक इबादत की अनुमति होगी. यह व्यवस्था केवल रमज़ान के एक महीने के लिए है, जिसका समापन ईद-उल-फ़ित्र के साथ होगा. अदालत ने स्पष्ट किया कि परिसर में कोई ‘तबलीग़ी गतिविधि’ या तक़रीर नहीं होगी.

पत्रकारों की संवैधानिक निकायों से मुस्लिम-विरोधी हिंसा रोकने की अपील, कहा- चुप्पी विकल्प नहीं

देश के 28 वरिष्ठ पत्रकारों और मीडियाकर्मियों ने राष्ट्रपति, सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों और विभिन्न उच्च न्यायालयों, भारत के निर्वाचन आयोग और अन्य वैधानिक निकायों से देश के धार्मिक अल्पसंख्यकों, विशेषकर मुसलमानों पर हो रहे हमलों को रोकने का आह्वान किया है.

देश में समाचार चैनलों का एक वर्ग हर चीज़ को सांप्रदायिकता के पहलू से दिखाता है: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वेब पोर्टल किसी भी चीज़ से नियंत्रण नहीं होते हैं. ख़बरों को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की जा रही है और यह एक समस्या है. अंतत: इससे देश का नाम बदनाम होता है. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल दिल्ली में तबलीग़ी जमात के कार्यक्रम और कोविड-19 के प्रसार पर इसके प्रभाव को लेकर फ़र्ज़ी और सांप्रदायिक खबरें प्रसारित करने के ख़िलाफ़ दाख़िल एक याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की.

तबलीग़ी जमात के कार्यक्रम को संक्रमण के प्रसार से जोड़ने वाली एमबीबीएस की पुस्तक वापस ली गई

महाराष्ट्र में एमबीबीएस के द्वितीय वर्ष के छात्रों के लिए ‘एसेंशियल्स ऑफ मेडिकल माइक्रोबायलॉजी’ में कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को कथित तौर पर नई दिल्ली में तबलीग़ी जमात के कार्यक्रम से जोड़ा गया था, जिस पर आपत्ति जताई गई थी. लेखकों ने इस संबंध में माफ़ी भी मांगी है.

तबलीग़ी जमात के कार्यक्रम में शामिल कुछ लोग आज भी घर लौटने के लिए संघर्ष कर रहे हैं

वीडियो: पिछले साल दक्षिण दिल्ली स्थित निज़ामुद्दीन मरकज़ कोरोना वायरस के प्रसार का एक केंद्र बनकर उभरा था. यहां तबलीग़ी जमात के कार्यक्रम में देश-विदेश से तमाम लोग शामिल हुए थे, जिनके ख़िलाफ़ संक्रमण फैलाने को लेकर केस दर्ज किया गया था. आरोपियों में शामिल कई विदेशी नागरिक आज भी अपने घर लौटने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.

वैश्विक स्वतंत्रता निगरानी रिपोर्ट में स्वतंत्र से आंशिक स्वतंत्र की श्रेणी में आया भारत

अमेरिकी सरकार के थिंक टैंक फ्रीडम हाउस की रिपोर्ट में कहा गया है कि राजनीतिक अधिकारों और नागरिक स्वतंत्रता में गिरावट 2019 में नरेंद्र मोदी के दोबारा चुने जाने के बाद ही तेज़ हो गई थी और न्यायिक स्वतंत्रता भी दबाव में आ गई थी.

तबलीग़ी जमात: कोर्ट ने कहा- बरी किए गए 35 विदेशी नागरिकों के ज़ब्त पासपोर्ट जारी करे दिल्ली पुलिस

दिल्ली की एक अदालत ने देश में कोविड-19 महामारी के मद्देनज़र जारी सरकारी दिशानिर्देशों का कथित तौर पर पालन नहीं करते हुए तबलीग़ी जमात के कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए आरोपों का सामना कर रहे 36 विदेशी नागरिकों को पिछले साल दिसंबर में बरी कर दिया था.

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा, क्या किसानों के आंदोलन से तबलीग़ी जमात जैसी ‘दिक्कत’ पेश आएगी

सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना वायरस के मद्देनज़र कृषि क़ानूनों के विरोध में बड़ी संख्या में दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को लेकर चिंता जताते हुए केंद्र सरकार से पूछा है कि क्या प्रदर्शनकारियों को कोविड-19 से बचाने के लिए एहतियाती कदम उठाए गए हैं.

तबलीग़ी जमात: दिल्ली की अदालत ने 36 विदेशियों को सभी आरोपों से बरी किया

दिल्ली पुलिस ने तबलीग़ी जमात के सदस्यों के ख़िलाफ़ वीज़ा शर्तों के उल्लंघन, धार्मिक प्रचार गतिविधियों में शामिल होने समेत कई आरोपों को लेकर चार्जशीट दायर की थी. हालांकि कोर्ट ने ठोस सबूत नहीं मिलने पर सभी को बरी कर दिया.

तबलीग़ी जमात के कार्यक्रम में शामिल होने से हत्या के प्रयास का केस कानून का दुरुपयोगः हाईकोर्ट

उत्तर प्रदेश के मऊ निवासी युवक पर मार्च महीने में तबलीग़ी जमात के कार्यक्रम में शामिल होने की जानकारी जान-बूझकर स्थानीय प्रशासन को नहीं देने और दिल्ली से घर लौटने पर स्वेच्छा से क्वारंटीन नहीं होने का आरोप था.

तबलीगी जमात पर मीडिया रिपोर्टिंग को संतुलित बताने के केंद्र के जवाब से सुप्रीम कोर्ट असंतुष्ट

जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने एक याचिका में केंद्र सरकार पर आरोप लगाया था कि उसने देश में कोरोना वायरस की शुरुआत में अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने के लिए फैलाई फेक न्यूज़ रोकने के लिए ज़्यादा कुछ नहीं किया. इसके जवाब में केंद्र ने हलफनामा दाखिल कर कहा था कि अधिकांश प्रमुख राष्ट्रीय समाचार पत्रों ने ‘मोटे तौर पर तथ्यात्मक रिपोर्ट ’ प्रकाशित की थीं और मीडिया के सिर्फ एक छोटे-से वर्ग ने ही ऐसा किया था.

तबलीग़ी जमात केस: अदालत ने कहा, बोलने की आज़ादी के अधिकार का सर्वाधिक दुरुपयोग हुआ

सुप्रीम कोर्ट ने उन याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की, जिसमें आरोप लगाया गया है कि कोरोना महामारी की शुरुआत के समय तबलीग़ी जमात के आयोजन को लेकर मीडिया का एक वर्ग मुस्लिमों के ख़िलाफ़ सांप्रदायिक वैमनस्य फैला रहा था. मीडिया का बचाव करते हुए केंद्र की ओर से कहा गया है कि याचिकाकर्ता बोलने और अभिव्यक्ति की आज़ादी को कुचलना चाहते हैं.

दिल्ली: तबलीग़ी जमात के 8 विदेशी सदस्य आरोपमुक्त, अदालत ने कहा- मरकज़ में होने के सबूत नहीं

दिल्ली पुलिस ने वीज़ा शर्तों के कथित उल्लंघन, धार्मिक प्रचार गतिविधियों में शामिल होने समेत कई आरोपों में क़रीब 955 विदेशियों के ख़िलाफ़ चार्जशीट दायर की थी, जिनमें से 44 ने दिल्ली में केस लड़ा. साकेत अदालत ने इनमें से आठ को बरी किया और बाकी 36 पर से कई आरोप हटा दिए हैं.

संभावना है कि तबलीग़ी जमात के विदेशी सदस्यों को बलि का बकरा बनाया गया: बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद पीठ ने तबलीग़ी जमात के 29 विदेशी सदस्यों के ख़िलाफ़ दर्ज एफ़आईआर रद्द करते हुए कहा कि दिल्ली में जमात के कार्यक्रम में शामिल होने आए विदेशियों के ख़िलाफ़ मीडिया में दुष्प्रचार किया गया और ऐसी छवि बनाने की कोशिश की गई कि ये ही भारत में कोविड-19 फ़ैलाने के ज़िम्मेदार थे.

तमिलनाडु: तबलीग़ी जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए विदेशी नागरिक डिटेंशन कैंप में रहने को मजबूर

वीडियो: तमिलनाडु सरकार ने मार्च महीने में तबलीग़ी जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए एशिया, यूरोप और अफ्रीकी देशों के कुल 129 विदेशी नागरिकों को एक केंद्रीय जेल में रखा है. उनके परिजनों के अनुसार, उनके साथ बेहद अमानवीय व्यवहार हो रहा है, वहीं वकीलों का मानना है कि यह कार्रवाई ग़ैरक़ानूनी है.

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