अगर विश्वविद्यालय सार्वजनिक तौर पर विचारों की अभिव्यक्ति रोके तो वह अपने उद्देश्य से विमुख है

सार्वजनिक हित और सत्ता में हमेशा तनाव रहता है. बल्कि कई बार सत्ता अपने हित को ही सार्वजनिक हित मानने के लिए बाध्य करती है. जनता को इस द्वंद्व के प्रति सजग रखना ज्ञान के क्षेत्र में काम करने वालों का काम है. उनका सार्वजनिक बोलना या लिखना उनके लिए नहीं जनता के हित के लिए ज़रूरी है.

राजस्थान: छात्रों ने धर्मांतरण के दावों पर तीन शिक्षकों के निलंबन करने के विरोध में धरना दिया

राजस्थान के कोटा ज़िले के खजूरी ओडपुर सरकारी स्कूल का मामला. शिक्षकों के ख़िलाफ़ कार्रवाई सांगोद ब्लॉक के सर्व हिंदू समाज द्वारा राज्य के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर को शिकायत भेजने के बाद हुई. छात्रों ने निलंबन के ख़िलाफ़ एसडीएम कार्यालय तक मार्च किया. इनका कहना है उनके स्कूल में धर्म परिवर्तन की कोई घटना नहीं हुई है.

राजस्थान सरकार ने 15 फरवरी तक सभी सरकारी और निजी स्कूलों में सूर्य नमस्कार अनिवार्य किया

राजस्थान के शिक्षा विभाग के इस आदेश का विरोध करते हुए कहा कि इससे उन पर ग़ैर-शैक्षणिक काम का बोझ बढ़ जाएगा. राज्य के शिक्षा मंत्री ने कहा कि शुरुआत में सभी स्कूलों में सुबह की प्रार्थना के दौरान सूर्य नमस्कार अनिवार्य होगा और 15 फरवरी के बाद आगे का निर्णय लिया जाएगा.

यूपी सरकार ने मदरसा शिक्षकों को मिलने वाला ‘अतिरिक्त धन’ भी बंद किया, विरोध तेज़ करेंगे शिक्षक

उत्तर प्रदेश में छह साल पहले केंद्र की मदरसा आधुनिकीकरण योजना के तहत काम करने वाले शिक्षकों का वेतन कथित तौर पर रोक दिया गया था. अब यूपी सरकार ने इन शिक्षकों को 2016 से दिए जाने वाले मानदेय या ‘अतिरिक्त धन’ का भुगतान भी बंद करने का फैसला किया है. लंबित वेतन को लेकर ये शिक्षक दिसंबर 2023 से लखनऊ में धरना दे रहे हैं.

गुजरात: सरकार को विश्वविद्यालयों में अधिक अधिकार देने वाले विधेयक के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन

गुजरात सरकार ने हाल ही में गुजरात कॉमन यूनिवर्सिटीज़ बिल के मसौदे की घोषणा की है, जिसे अगले महीने विधानसभा में पेश किया जा सकता है. इसे शिक्षा का 'सरकारीकरण' और स्वायत्तता को ख़तरा क़रार देते हुए छात्रों और शिक्षक संघ इसे वापस लेने की मांग कर रहे हैं.

उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों में प्रिंसिपल के 67 प्रतिशत से अधिक पद ख़ाली: रिपोर्ट

उत्तराखंड राज्य शिक्षा विभाग द्वारा एकत्र किए गए आंकड़ों के अनुसार, राज्य में प्रिंसिपल के स्वीकृत पदों में से 67 प्रतिशत से अधिक ख़ाली हैं. इस पद पर नियुक्ति केवल प्रमोशन के ज़रिये ही हो सकती है और पिछले चार सालों में ऐसा कोई प्रमोशन नहीं हुआ है.

डीयू ने ईद के अवकाश को ‘वर्किंग डे’ घोषित किया, शिक्षक संघ ने कहा- सांप्रदायिक निर्णय

दिल्ली विश्वविद्यालय ने 29 जून (ईद-उल-जुहा) को कार्य दिवस के रूप में चिह्नित किया है क्योंकि डीयू के शताब्दी समारोह का समापन कार्यक्रम 30 जून को होना है, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य अतिथि हैं.  डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट ने इस क़दम को ‘बेहद सांप्रदायिक’ बताते हुए इसे वापस लेने की मांग की है.

मध्य प्रदेश: फ़र्ज़ी प्रमाण-पत्र के ज़रिये नौकरी पाने के आरोपी 77 शिक्षकों के ख़िलाफ़ केस दर्ज

मध्य प्रदेश के मुरैना ज़िले में विकलांगता कोटे के तहत प्राथमिक स्कूलों में नियुक्त किए गए कम से कम 77 शिक्षकों पर नौकरी के लिए फर्जी तरीके से विकलांगता प्रमाण-पत्र प्राप्त करने का केस दर्ज किया गया है. चयनित 750 शिक्षकों में से 450 ने मुरैना जिला अस्पताल द्वारा जारी प्रमाण-पत्र प्रस्तुत किया था.

उत्तर प्रदेश: छात्रों से नमाज़ अदा कराने का आरोप लगने के बाद स्कूल प्रिंसिपल निलंबित

उत्तर प्रदेश के हाथरस शहर का मामला. बीते 19 ​अप्रैल को स्थानीय हिंदुत्ववादी नेता के नेतृत्व में छात्रों के अभिभावकों ने विरोध प्रदर्शन किया था. स्कूल प्रबंधन में हालांकि प्रिसिंपल को निलंबित कर दिया, लेकिन इन आरोपों से इनकार किया है.

झारखंड: एक शिक्षक वाले स्कूलों के ख़िलाफ़ अभिभावकों और छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया

झारखंड के लातेहार ज़िले में अभिभावकों और छात्रों ने एक शिक्षक स्कूलों वाले के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर शिक्षा के अधिकार अधिनियम के अनुसार शिक्षकों की पोस्टिंग की मांग की. इस अधिनियम के तहत प्रत्येक स्कूल में कम से कम दो शिक्षक और प्रत्येक 30 बच्चों के लिए कम से कम एक शिक्षक होना चाहिए.

शिक्षा मंत्रालय ने राज्यों से कहा, प्रधानमंत्री की किताब ‘एग्ज़ाम वॉरियर्स’ सभी स्कूल में उपलब्ध कराएं

शिक्षा मंत्री ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासकों से अनुरोध किया है कि वे 'समग्र शिक्षा' के तहत प्रत्येक स्कूल के पुस्तकालयों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लिखित 'एग्ज़ाम वॉरियर्स' किताब उपलब्ध कराएं ताकि अधिकतम संख्या में छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों को प्रधानमंत्री के ज्ञान और दृष्टि से शिक्षा मिल सके.

बंगाल: मिड-डे मील में चिकन लेग पीस नहीं देने पर अभिभावकों ने शिक्षकों को ‘बंधक’ बनाया

घटना पश्चिम बंगाल के मालदा ज़िले के एक स्कूल में हुई. ज़िला प्रशासन ने परिजनों के आरोप की जांच के आदेश दिए हैं. छात्रों के माता-पिता का आरोप था कि मिड-डे मील के तहत चिकन परोसे जाने वाले दिन शिक्षक लेग-पीस और अन्य बेहतर हिस्से ख़ुद रख लेते थे और बचे-खुचे हिस्सों को बच्चों को परोसा जाता था.

विश्वविद्यालयों पर विद्यार्थियों का भरोसा कैसे बनाए रखा जा सकता है

दिल्ली विश्वविद्यालय में पीएचडी प्रवेश की अपारदर्शी प्रक्रिया ने छात्रों को ढेरों अनसुलझे सवालों के साथ छोड़ दिया है.

असम: छात्राओं के लिए 1,600 से अधिक और छात्रों के लिए 3000 से ज़्यादा स्कूलों में शौचालय की सुविधा नहीं

असम के शिक्षा मंत्री ने विधानसभा में बताया कि 1,100 से अधिक स्कूलों में पीने के पानी की व्यवस्था नहीं है और बिजली का कनेक्शन भी तक़रीबन इतने ही स्कूलों में नहीं है. इसके अलावा 2,900 स्कूल एक शिक्षक के भरोसे चलाए जा रहे हैं, जबकि लगभग 4,800 शैक्षणिक संस्थान एक कमरे में संचालित होते हैं.

महामारी के बाद झारखंड के स्कूलों में उपस्थिति घटी, बच्चे पढ़ना-लिखना भी भूले: सर्वे

अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट में को लेकर उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण से यह प्रदर्शित होता है कि वंचित और आदिवासी बच्चे शिक्षा विभाग द्वारा असहाय छोड़ दिए गए. स्कूल दो साल बंद रहे, लेकिन बच्चों के लिए कुछ नहीं किया गया. इस दौरान ऑनलाइन शिक्षा केवल मज़ाक बन कर रह गई, क्योंकि सरकारी स्कूलों में 87 प्रतिशत छात्रों की पहुंच स्मार्टफोन तक नहीं थी.

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