सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश एएम खानविलकर को लोकपाल का अध्यक्ष नियुक्त किया गया

सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में सेवानिवृत्त होने के लगभग 19 महीने बाद जस्टिस एएम खानविलकर को भ्रष्टाचार विरोधी लोकपाल का अध्यक्ष नियुक्त किया गया. यह पद करीब दो साल पहले रिक्त हुआ था. सरकार ने लोकपाल में तीन न्यायिक सदस्यों सहित छह सदस्यों की नियुक्ति भी की है.

भारतीय विज्ञान संस्थान ने सांप्रदायिक सद्भाव पर तीस्ता सीतलवाड़ की सभा को ‘अनुमति’ नहीं दी

बेंगलुरु स्थित भारतीय विज्ञान संस्थान द्वारा ‘सांप्रदायिक सद्भाव और न्याय’ विषय पर नागरिक अधिकार कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ की बातचीत को सभागार में अनुमति न दिए जाने के बाद उन्होंने परिसर की एक कैंटीन के बाहर छात्रों और फैकल्टी सदस्यों की सभा को संबोधित किया.

तीस्ता सीतलवाड़ के केस करने से पहले ही एनएचआरसी और सुप्रीम कोर्ट ने मोदी की छवि ‘ख़राब’ कर दी थी

नरेंद्र मोदी की छवि को ख़राब करने वालीं तीस्ता सीतलवाड़ अकेली नहीं हैं. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और भारतीय चुनाव आयोग जैसे स्वतंत्र संस्थानों ने भी अतीत में गुजरात हिंसा और मुख्यमंत्री के रूप में मोदी द्वारा चलाई गई सरकार की भूमिका पर कड़ी टिप्पणियां की थीं.

गुजरात हाईकोर्ट ने तीस्ता सीतलवाड़ की ज़मानत याचिका नामंज़ूर की, फ़ौरन ‘सरेंडर करने’ को कहा

गुजरात दंगों से जुड़े मामलों के सिलसिले में अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ पर 'झूठे सबूत गढ़कर नरेंद्र मोदी समेत कई निर्दोष लोगों को फंसाने की साज़िश रचने का आरोप लगाया है. सितंबर 2022 में सुप्रीम कोर्ट से मिली अंतरिम ज़मानत के चलते अब तक उन्हें गिरफ़्तार नहीं किया गया था.

कोर्ट ने सीबीआई व गुजरात सरकार से पूछा- सीतलवाड़, उनके पति को फिर जेल क्यों भेजना चाहते हैं

सुप्रीम कोर्ट सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़, उनके पति जावेद आनंद, गुजरात पुलिस और सीबीआई द्वारा दायर याचिकाओं के एक समूह पर सुनवाई कर रहा था. ये याचिकाएं दंपति के ख़िलाफ़ उनके एनजीओ के माध्यम से फंड के गबन करने के आरोप को लेकर दर्ज तीन एफआईआर के संबंध में दायर की गई हैं.

गुजरात दंगा मामले में हाईकोर्ट ने पूर्व डीजीपी आरबी श्रीकुमार को अंतरिम ज़मानत दी

अहमदाबाद पुलिस ने 2002 के गुजरात दंगों से जुड़े मामले में पूर्व डीजीपी आरबी श्रीकुमार को जून में गिरफ़्तार करते हुए उनके साथ ही सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ और पूर्व पुलिस अधिकारी संजीव भट्ट पर झूठे सबूत गढ़कर क़ानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग करने की साज़िश रचने का आरोप लगाया गया था.

गुजरात दंगा: साक्ष्य गढ़ने के मामले में तीस्ता सीतलवाड़ और दो अन्य के ख़िलाफ़ आरोप-पत्र दाख़िल

गुजरात दंगों से जुड़े मामलों के सिलसिले में सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ और पूर्व पुलिस अधिकारियों आरबी श्रीकुमार तथा संजीव भट्ट पर झूठे सबूत गढ़कर क़ानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग करने की साज़िश रचने का आरोप लगाया गया है, ताकि कई लोगों को ऐसे अपराध में फंसाया जा सके, जो मौत की सज़ा के साथ दंडनीय हो.

जेल से बाहर आने के बाद तीस्ता सीतलवाड़ का पहला साक्षात्कार

वीडियो: सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ को गुजरात दंगों की जांच को गुमराह करके ‘निर्दोष लोगों’ को फंसाने के लिए सबूत गढ़ने की कथित साज़िश के लिए जून महीने में गिरफ़्तार किया  गया था. सुप्रीम कोर्ट द्वारा ज़मानत मिलने के बाद उन्हें बीते शनिवार को साबरमती जेल से रिहा किया गया है. उनसे बातचीत.

सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ गिरफ़्तारी के क़रीब दो महीने बाद जेल से बाहर आईं

गुजरात की साबरमती जेल से रिहा किए जाने के बाद तीस्ता सीतलवाड़ को ज़मानत की औपचारिकताओं के लिए सत्र न्यायालय में पेश किया गया. अदालत ने उन्हें बिना अनुमति देश नहीं छोड़ने को कहा है. सीतलवाड़ को गुजरात दंगों की जांच को गुमराह करके ‘निर्दोष लोगों’ को फंसाने के लिए सबूत गढ़ने की कथित साज़िश के लिए बीते जून महीने में गिरफ़्तार किया  गया था.

सुप्रीम कोर्ट ने सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ को अंतरिम ज़मानत दी

गुजरात पुलिस ने सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ को बीते जून महीने में साल 2002 के गुजरात दंगों की जांच को गुमराह करके ‘निर्दोष लोगों’ को फंसाने के लिए सबूत गढ़ने की कथित साज़िश के लिए गिरफ़्तार किया था. 

सुप्रीम कोर्ट ने ‘अप्रासंगिक’ बताते हुए गुजरात दंगों से जुड़ीं 11 याचिकाओं को बंद किया

प्रधान न्यायाधीश उदय उमेश ललित, जस्टिस एस. रवींद्र भट्ट और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ ने 2002 के गुजरात दंगों के मामलों में स्वतंत्र जांच के लिए क़रीब 20 वर्ष पहले दायर 11 याचिकाओं को बंद करते हुए कहा कि कहा कि अब इन याचिकाओं में निर्णय के लिए कुछ नहीं बचा है.

सुप्रीम कोर्ट तीस्ता सीतलवाड़ की ज़मानत अर्ज़ी पर 30 अगस्त को सुनवाई करेगा

तीस्ता सीतलवाड़ को 2002 के गुजरात दंगों के मामलों में ‘निर्दोष लोगों को फंसाने’ के लिए कथित तौर पर सबूत गढ़ने के लिए जून में गिरफ्तार किया गया था. बीते 30 जुलाई को अहमदाबाद की एक सत्र अदालत ने मामले में सीतलवाड़ तथा पूर्व पुलिस महानिदेशक आरबी श्रीकुमार की जमानत याचिकाएं खारिज कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमें यह जांचना होगा कि क्या उसे कैद की जरूरत है.

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