भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने बीते 25 दिसंबर को कर्नाटक के शिवमोगा शहर में हुए सम्मेलन के दौरान कहा था कि हिंदुओं को उन पर और उनकी गरिमा पर हमला करने वालों को जवाब देने का अधिकार है, वे आत्मरक्षा के लिए घर में चाकू की धार तेज़ रखें. ठाकुर के ख़िलाफ़ कर्नाटक पुलिस में दो शिकायतें भी दी गई हैं, लेकिन पुलिस ने अब तक एफआईआर दर्ज नहीं की है. शिकायतकर्ता तृणमूल कांग्रेस नेता साकेत गोखले ने भी
इस घटना के पहले शीर्ष न्यायालय ने कथित गोरक्षा के नाम पर हिंसा से निपटने के लिए कई दिशा-निर्देश जारी किए थे.
महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी और कांग्रेस नेता तहसीन पूनावाला की ओर से दायर याचिकाओं में आरोप लगाया गया है कि उच्चतम न्यायालय की टिप्पणी के बावजूद देश में पीट-पीटकर हत्या करने की घटनाएं जारी हैं. पहलू ख़ान के बाद राजस्थान के अलवर ज़िले में बीते 21 जुलाई को गो-तस्करी के संदेह में भीड़ ने रकबर ख़ान की पीट-पीटकर हत्या कर दी.
उच्चतम न्यायालय ने नोडल अधिकारी नियुक्त करने का राज्यों को दिए निर्देश.
केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय को बताया कि देश में किसी भी स्वयंभू गोरक्षक समूह का कोई स्थान नहीं है.