अख़बारों की चिंता में किसान नहीं बल्कि उनके उत्पादों का इस्तेमाल करने वाले लोग हैं

अमर्त्य सेन कह चुके हैं कि भारतीय मीडिया तेज़ी से अमीरों का पक्षधर होता जा रहा है, बीते महीने हुए किसान आंदोलन की हिंदी अख़बारों में कवरेज सेन के कथन की पुष्टि करती है. आंदोलन के दौरान अख़बारों की चिंता किसानों की समस्याएं, उनकी दयनीय हालत और हालत के लिए ज़िम्मेदार लोगों के बजाय आंदोलन के चलते उत्पादों की बढ़ी कीमतें और इससे शहरों में हुई परेशानी रही.