2007 में एएमयू पर प्रकाशित एक लेख के लिए टाइम्स ऑफ इंडिया ने माफ़ी मांगी

टाइम्स ऑफ इंडिया ने साल 2007 में 'एएमयूः व्हेयर द डिग्रीज़ आर सोल्ड लाइक टॉफीज़' शीर्षक से एक लेख छापा था, जिसमें एक अनाम स्रोत के हवाले से कहा गया था कि यूनिवर्सिटी में टॉफियों की तरह डिग्री बांटी जाती हैं. इसके बाद एक पूर्व छात्रसंघ नेता ने अख़बार पर मुक़दमा दायर किया था.

मोदी सरकार ने तीन अख़बारों को सरकारी विज्ञापन देना बंद किया

सामूहिक रूप से 2.6 करोड़ मासिक पाठक वर्ग वाले तीनों बड़े अख़बार समूहों का कहना है कि मोदी के पिछले महीने लगातार दूसरी बार भारी बहुमत से चुनकर सत्ता में आने से पहले ही उनके करोड़ों रुपये के विज्ञापनों को बंद कर दिया गया.

एमजे अकबर पर अमेरिकी पत्रकार ने लगाया बलात्कार का आरोप

पल्लवी गोगोई ने ‘द वाशिंगटन पोस्ट’ में एक लेख में अपनी जिंदगी के ‘सबसे कष्टकारी क्षणों’ के बारे में एमजे अकबर द्वारा किए गए उत्पीड़न को बताया. अकबर ने पल्लवी गोगोई द्वारा लगाए गए दुष्कर्म के आरोपों को नकारा है, पत्नी ने भी किया बचाव.

ग़ज़ाला वहाब का एमजे अकबर को जवाब

प्रताड़ना और उत्पीड़न की मेरी कहानी को ख़ारिज करते हुए अकबर अपने 'प्लाईवुड और कांच के छोटे-से क्यूबिकल' में छिप रहे हैं. या तो वे झूठ बोल रहे हैं या उन पर उम्र का असर होने लगा है.

एमजे अकबर का बयान निराशाजनक, मानहानि के ख़िलाफ़ लड़ने के लिए तैयार हूं: प्रिया रमानी

यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली पत्रकार प्रिया रमानी के ख़िलाफ़ केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर ने पटियाला हाउस कोर्ट में एक निजी आपराधिक मानहानि मुक़दमा दायर किया है.

मोदी सरकार में मंत्री और पूर्व संपादक एमजे अकबर पर 8 महिला पत्रकारों ने लगाया यौन शोषण का आरोप

इस बारे में प्रतिक्रिया देते हुए महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने कहा कि ताक़तवर पदों पर बैठे पुरूष अक्सर ऐसा करते हैं. किसी के भी ख़िलाफ़ यौन उत्पीड़न के आरोपों को गंभीरता से लिया जाना चाहिए क्योंकि आमतौर पर महिलाएं इस बारे में बोलने से डरती हैं.

पत्रकारिता को स्टिंग ऑपरेशन से ज़्यादा ख़तरा ज़हर फैला रहे मीडिया से है

मीडिया मालिक अख़बारों और न्यूज़ चैनलों को सुधारने के लिए कुछ करें या न करें, लेकिन यह तो तय है कि जब तक हर रोज़, हर न्यूज़रूम में प्रतिरोध की आवाज़ें मौजूद रहेंगी, तब तक भारतीय पत्रकारिता बनी रहेगी.

हम कोबरापोस्ट का ‘रिवर्स स्टिंग’ कर रहे थे: टाइम्स समूह

टाइम्स समूह ने अपने बयान में कहा है, ‘हमें पता था कि कोबरापोस्ट का रिपोर्टर संदेहास्पद है. हमारे वरिष्ठ अधिकारियों ने उसकी सच्चाई जानने के लिए उसे लपेटे में लिया ताकि उसके पीछे कौन है, इसका पता लगाया जा सके.’

टाइम्स समूह को लेकर कोबरापोस्ट का स्टिंग दिखाता है कि पैसा ही सबसे बड़ा है

कोबरापोस्ट के स्टिंग आॅपरेशन में टाइम्स समूह के एमडी विनीत जैन कहते नज़र आ रहे हैं कि एक कॉरपोरेट के तौर पर हमें निष्पक्ष दिखना है, मतलब देखने में निष्पक्ष लगना चाहिए.

नजीब की मां ने मीडिया संस्थानों पर किया मानहानि का मुक़दमा

जेएनयू से लापता हुए छात्र नजीब अहमद के आईएसआईएस से जुड़ने की ख़बर प्रसारित करने के ख़िलाफ़ उनकी मां फ़ातिमा नफ़ीस ने 2.2 करोड़ रुपये का हर्जाना मांगा है.

क्यों मीडिया ने अमित शाह की संपत्ति और स्मृति ईरानी की डिग्री से जुड़ी ख़बर हटा दी?

कई मीडिया संस्थानों ने अमित शाह की संपत्ति में 300 फीसदी की बढ़ोत्तरी और स्मृति ईरानी की डिग्री से जुड़ी ख़बर छापी थी, जिसे बिना कोई वजह बताए हटा लिया गया.

क्या टाइम्स आॅफ इंडिया के संपादक ने अपने हित के लिए पत्रकारिता को ताक पर रख दिया?

अगर संपादक मंत्री से कहकर किसी नियुक्ति में कोई बदलाव करवा सकते हैं, तो क्या इसके एवज में मंत्रियों को अख़बारों की संपादकीय नीति प्रभावित करने की क्षमता मिलती है?