राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने वन संरक्षण नियम 2022 पर मंत्रालय से रोक लगाने को कहा

पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को लिखे पत्र में राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने कहा है वन संरक्षण नियम 2022 ने वन भूमि के डायवर्ज़न से पहले वनवासियों की सहमति लेने की आवश्यकता को पूरी तरह से ख़त्म कर दिया है. पर्यावरण मंत्रालय ने बीते जून महीने में नए नियमों को अधिसूचित किया था. 

आदिवासियों और परंपरागत वनवासियों को सामुदायिक वन अधिकार दिए गए: छत्तीसगढ़ सरकार

सामुदायिक वन अधिकारों में लघु वनोपज का मालिक़ाना हक़, मछली और जल निकायों के उत्पादों के प्रयोग, कमज़ोर आदिवासी समूहों के निवास स्थान जैसे अधिकार शामिल हैं. राज्य सरकार का कहना है कि अब तक चार लाख से अधिक व्यक्तिगत और 46 हज़ार से अधिक सामुदायिक वन अधिकार पत्र जारी किए गए हैं.