त्रिपुरा का विपक्षी दल टिपरा मोथा राज्य की जनजातीय आबादी के संवैधानिक समाधान की मांग कर रहा है. आदिवासियों के लिए ग्रेटर टिपरालैंड राज्य और त्रिपुरा जनजातीय क्षेत्र स्वायत्त ज़िला परिषद को सीधे वित्तपोषण जैसी अपनी अन्य मांगों को लेकर भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के साथ कई वार्ताओं में भी शामिल रहा है.
बॉम्बे हाईकोर्ट 2007 में दायर की गईं कई जनहित याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें अमरावती ज़िले के मेलघाट क्षेत्र में कुपोषण के कारण बच्चों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं की मौतों की अधिक संख्या को उजागर किया गया है.
बॉम्बे हाईकोर्ट 2007 में महाराष्ट्र के अमरावती ज़िले के मेलघाट क्षेत्र में मुख्य रूप से कुपोषण के कारण बच्चों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं की बड़ी संख्या में मौतों को लेकर दायर एक जनहित याचिका पर यह टिप्पणी की. इससे पहले अदालत ने कहा था कि आदिवासी समुदायों के लिए कल्याणकारी योजनाएं केवल काग़ज़ पर हैं. कुपोषण से बच्चों की मृत्यु रोकने के लिए महाराष्ट्र सरकार क्या कदम उठा रही है.
बॉम्बे हाईकोर्ट 2007 में दाख़िल एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें अमरावती ज़िले के मेलघाट क्षेत्र में कुपोषण की वजह से बच्चों, गर्भवती महिलाओं तथा स्तनपान कराने वाली महिलाओं की बड़ी संख्या में मृत्यु के मामलों को रेखांकित किया गया था. याचिका के अनुसार, इलाके में इस साल अगस्त से सितंबर के बीच कुपोषण तथा डॉक्टरों की कमी की वजह से 40 बच्चों की मौत हुई और 24 बच्चे मृत जन्मे.
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा वन विभाग को नोडल एजेंसी बनाए जाने पर आदिवासी कार्यकर्ताओं और विशेषज्ञों ने कड़ी आपत्ति जताई थी.
स्वास्थ्य एवं आदिवासी मामलों के मंत्रालयों द्वारा गठित एक विशेषज्ञ समिति द्वारा आदिवासी स्वास्थ्य को लेकर किए गए अध्ययन में पता चला है कि आदिवासियों के स्वास्थ्य की स्थिति बेहद चिंताजनक है.
ग्यारह साल पहले इस क़ानून के पारित होने के बाद से आदिवासी समुदाय इस दिन को एक उत्सव के रूप में मनाते आ रहे हैं.