कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि राष्ट्रपति के भाषण में मोदी जी का प्रचार और विज्ञापन दिखा, पूरा भाषण राजनीतिक था. भाषण में कोई दूरदर्शिता नहीं थी. दलितों, वंचित वर्गों और आदिवासियों के लिए सरकार क्या करने जा रही है, इसका कोई ज़िक्र नहीं किया गया था. बेरोज़गारी, महंगाई पर भी राष्ट्रपति जी कुछ नहीं बोलीं.
राम मंदिर आयोजन की चकाचौंध में ग्राहम स्टेंस की बर्बर हत्या और उसके निहितार्थों को याद करना भी मुनासिब नहीं समझा गया. जबकि इस बर्बर हत्याकांड में वह तमाम संकेत मिलते हैं, जिन्हें 21वीं सदी की बहुसंख्यकवादी राजनीति में भरपूर प्रयोग में लाया गया.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार चुनावी मौसम में पुरानी विफल योजना का नाम बदलकर आदिवासी समुदाय को ‘धोखा’ देने की कोशिश कर रही है. साथ ही उन्होंने पूछा कि मोदी सरकार के दौरान आदिवासियों के विकास योजना पर किए जाने वाले ख़र्च में भारी कमी क्यों आई है.
असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने कहा है कि असम समान नागरिक संहिता को लागू करेगा, लेकिन इसका स्वरूप अन्य भाजपा शासित राज्यों में अमल में लाए जा रहे मॉडल से अलग होगा. इसमें कुछ संशोधनों के साथ आदिवासी समुदाय को छूट दी जाएगी.
निर्वाचन आयोग के अनुसार, शाम क़रीब साढ़े सात बजे तक भाजपा 31 सीटें जीत चुकी है और 23 पर आगे चल रही है. वहीं कांग्रेस के हिस्से में अब तक 18 सीटें आई हैं और 17 पर यह आगे चल रही है.
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गुजरात सरकार ने राज्य में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के ‘अतिरिक्त’ राशन कार्डों को रद्द करने का आदेश पारित किया है. इसके तहत 11 ज़िलों में 83,556 परिवारों के राशन कार्ड रद्द किए जाने हैं. यह क़दम 80,000 से अधिक आदिवासी परिवारों के पांच लाख से अधिक लोगों को उनके भोजन के मूल अधिकार से वंचित कर देगा.
ओडिशा के कांग्रेस सांसद सप्तगिरी शंकर उल्का ने लोकसभा में सवाल पूछा था कि केंद्र सरकार और उपयुक्त अधिकरणों के पास अनुसूचित जनजाति के दर्जे के कितने अनुरोध लंबित हैं. इस पर जनजातीय मामलों के राज्य मंत्री बिश्वेश्वर टुडू ने सरकार के पास लंबित ऐसे अनुरोधों की संख्या बताने से इनकार कर दिया.
मंडला ज़िले की घुघरी तहसील के ओढ़ारी गांव में नर्मदा नदी पर बसनिया बांध प्रस्तावित है. बांध के चलते मंडला और डिंडौरी ज़िले के लगभग 31 आदिवासी बाहुल्य गांव डूब क्षेत्र में आएंगे और 2,700 से अधिक परिवार विस्थापित होंगे.
छत्तीसगढ़ के नारायणपुर ज़िले के गोर्रा गांव में बीते एक जनवरी को कथित धर्मांतरण को लेकर ईसाई परिवारों पर हुए हमले में एक पुलिस अधिकारी समेत कई लोग घायल हो गए थे. इसके अगले दिन दो जनवरी को नारायणपुर में धर्मांतरण के विरोध में एक सभा हुई थी, जिसके बाद भीड़ ने शहर के एक स्कूल में स्थित चर्च में तोड़फोड़ की थी.
मध्य प्रदेश सरकार बीते दिनों पेसा क़ानून लागू करने के बाद से इसे अपनी उपलब्धि बता रही है. 1996 में संसद से पारित इस क़ानून के लिए ज़रूरी नियम बनाने में राज्य सरकार ने 26 साल का समय लिया. आदिवासी नेताओं का कहना है कि शिवराज सरकार के इस क़दम के पीछे आदिवासियों की चिंता नहीं बल्कि समुदाय को अपने वोट बैंक में लाना है.
छत्तीसगढ़ के एक गिरिजाघर पर हाल में हुए हमले की निंदा करते हुए मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के. संगमा ने कहा कि बर्बरता की ऐसी हरकतें तुरंत बंद होनी चाहिए. ईसाई हाशिये पर रहे हैं और राज्य सरकारों को हस्तक्षेप कर न्याय सुनिश्चित करना चाहिए.
केंद्र सरकार ने लगातार जारी विरोध के बाद झारखंड में जैन समुदाय के धार्मिक स्थल सम्मेद शिखरजी से संबंधित पारसनाथ पहाड़ी पर सभी प्रकार की पर्यटन गतिविधियों पर रोक लगा दी है. हालांकि अब आदिवासी संगठनों ने पारसनाथ पहाड़ी को पहाड़ी देवता या शक्ति का सर्वोच्च स्रोत क़रार देते हुए जैन समुदाय से इसे मुक्त करने की मांग की है. मांगों पर ध्यान न देने पर विद्रोह की चेतावनी दी गई है.
छत्तीसगढ़ के नारायणपुर शहर में बीते दो जनवरी को कथित धर्मांतरण के विरोध में लोगों के एक समूह द्वारा विरोध प्रदर्शन के दौरान एक चर्च में तोड़फोड़ की गई थी. पुलिस ने बताया कि कथित धर्मांतरण को लेकर अलग-अलग हिंसक घटनाओं के सिलसिले में भाजपा के वर्तमान और पूर्व ज़िलाध्यक्षों सहित कम से कम 11 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है.
बीते दिनों राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने छोटे-मोटे अपराधों में जेल की सज़ा काट रहे आदिवासियों की दुर्दशा का ज़िक्र किया था, जिसके बाद शीर्ष अदालत ने इस बात का संज्ञान लिया था. झारखंड की जेलों में भी कई ऐसे विचाराधीन क़ैदी हैं, जिन्हें यह जानकारी तक नहीं है कि उन्हें किस अपराध में गिरफ़्तार किया गया था.