तीन तलाक़ क़ानून: पत्नियों को छोड़ने वाले हिंदू पुरुषों पर कार्रवाई कब?

संसद ने मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक़ देने की प्रथा पर रोक लगाने के प्रावधान वाले एक ऐतिहासिक विधेयक को मंगलवार को मंज़ूरी दे दी. विधेयक में तीन तलाक़ का अपराध सिद्ध होने पर संबंधित पति को तीन साल तक की जेल का प्रावधान किया गया है. इस मुद्दे पर द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी का नज़रिया.

तीन तलाक़ पर रोक लगाने वाला विधेयक राज्यसभा से भी पास

मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक के प्रावधानों के अनुसार, अगर कोई मुस्लिम पति अपनी पत्नी को मौखिक, लिखित या इलेक्ट्रॉनिक रूप से या किसी अन्य विधि से तीन तलाक़ देता है तो यह अवैध होगा. तीन तलाक़ का अपराध सिद्ध होने पर पति को तीन साल तक की जेल का प्रावधान किया गया है.

राम मंदिर पर फैसला आने के बाद सरकार की​ जो ज़िम्मेदारी होगी वह उसे पूरा करेगी: नरेंद्र मोदी

समाचार एजेंसी एएनआई को दिए एक साक्षात्कार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या मामले की सुनवाई में देरी के लिए कांग्रेस नेताओं को ज़िम्मेदार ठहराया.

तीन तलाक़: मुस्लिम नहीं, पत्नियों को छोड़ देने वाले सभी पतियों को अपराध के दायरे में लाना चाहिए

पिछली जनगणना के अनुसार देश में 20 लाख से ज़्यादा महिलाएं अपने पति से अलग रहती हैं, जिन्हें छोड़ा गया है. ऐसा क़ानून आना चाहिए जिससे न केवल मुस्लिम बल्कि इस तरह पत्नियों को छोड़ देने वाले सभी पतियों को सज़ा मिल सके.

छोड़ी गई औरतों की संख्या तीन तलाक़ पीड़िताओं से ज़्यादा, मोदी उनके लिए भी बोलें

पतियों द्वारा एक़तरफा तरीके से छोड़ी गई हर औरत की ज़िंदगी दयनीय है. पिछली जनगणना के अनुसार भारत में कुल 23 लाख परित्यक्त औरतें हैं, जो तलाक़शुदा औरतों की संख्या के दोगुने से ज़्यादा है.

लोकसभा में तीन तलाक़ विधेयक पास, कांग्रेस समेत कई पार्टियों ने किया वॉकआउट

विपक्षी दलों ने विधेयक के कई प्रावधानों पर आपत्ति जताई और उन्हें असंवैधानिक बताया और दावा किया कि इसका वास्तविक उद्देश्य मुस्लिम महिलाओं का सशक्तिकरण नहीं करना है बल्कि मुस्लिम पुरुषों को दंडित करना है.

उत्तर प्रदेश में भाजपा नियुक्त करेगी 100 ‘तीन तलाक प्रमुख’

भाजपा के अल्‍पसंख्‍यक प्रकोष्‍ठ के अनुसार दो 'तीन तलाक प्रमुख' की नियुक्ति हो चुकी है. जो महिलाएं शरीयत और कानून की ठोस जानकारी रखती हैं और तीन तलाक से पीड़ित औरतों के जीवन में सामाजिक बदलाव ला सकती हैं, उन्हें इस काम के लिए चुना जाएगा.

केंद्र सरकार ने ‘तीन तलाक़’ को दंडनीय अपराध बनाने के लिए अध्यादेश को मंज़ूरी दी

केंद्र की सत्तारूढ़ मोदी सरकार तीन तलाक़ बिल को हाल ही ख़त्म हुए मानसून सत्र में संसद से पारित कराने में असफल रही थी.

मोदी सरकार के ख़िलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव पर शुक्रवार को लोकसभा में होगी चर्चा

संसद के मानसून सत्र की हंगामेदार शुरुआत हुई है. लोकसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस मंजूर हुआ.

तीन तलाक़ देने के बाद कथित तौर पर महीने भर भूखा-प्यासा रखा, मौत के बाद दहेज हत्या का केस दर्ज

उत्तर प्रदेश के बरेली शहर का मामला. मई में मुक़दमा दर्ज करने के बाद ससुराल पक्ष के छह आरोपियों को गिरफ़्तार नहीं किया जा सका. बड़ी बहन ने आरोप लगाया कि केस दर्ज करने के बाद भी पुलिस ने बयान दर्ज नहीं किया.

हलाला और बहुविवाह मामले में जल्द सुनवाई पर विचार करेगा सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को हलाला और बहु विवाह के मामले में जल्द जवाब दाख़िल करने का निर्देश दिया है. मामले में याचिकाकर्ताओं में से एक समीना बेगम की ओर से पेश अधिवक्ता शेखर और अश्विनी उपाध्याय ने कहा कि उनकी मुवक्किल को धमकी दी जा रही है.

तीन तलाक़ विधेयक हिरण की खाल में लोमड़ी वाली चालाकी का हथकंडा: विपक्ष

विपक्ष ने कहा, तलाक़ एक दीवानी मामला, यह फौज़दारी अपराध नहीं हो सकता. इसे आपराधिक जुर्म बनाने का उद्देश्य महिलाओं का संरक्षण नहीं, मुस्लिमों को प्रताड़ित करना और राजनीतिक लाभ लेना है.