बिप्लब देब के अचानक इस्तीफ़ा देने के बाद माणिक साहा ने त्रिपुरा के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली

अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले बिप्लब कुमार देब के शनिवार शाम मुख्यमंत्री पद से अचानक इस्तीफ़ा देने के बाद 69 वर्षीय माणिक साहा इस पद पर काबिज हुए हैं. शपथ ग्रहण के बाद साहा ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकास के एजेंडे को आगे बढ़ाते हुए त्रिपुरा के लोगों के लिए काम करेंगे.

त्रिपुरा: बिप्लब कुमार देब का पद से इस्तीफ़ा, माणिक साहा होंगे अगले मुख्यमंत्री

त्रिपुरा में पार्टी के मामलों की केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से चर्चा के लिए बिप्लब कुमार देब बीते 12 मई को राजधानी दिल्ली पहुंचे थे. इस्तीफ़े के बाद उन्होंने कहा कि पार्टी सबसे ऊपर है. पार्टी प्रमुख और मुख्यमंत्री दोनों के रूप में त्रिपुरा की बेहतरी के लिए काम करने की कोशिश की.

त्रिपुरा हिंसाः यूएपीए का सामना कर रहे पत्रकारों, कार्यकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट का रुख़ किया

त्रिपुरा पुलिस ने विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर त्रिपुरा के उत्तरी ज़िलों में हालिया सांप्रदायिक हिंसा के ख़िलाफ़, यहां तक ​​कि इसका केवल उल्लेख करने के लिए कई पत्रकारों समेत 102 लोगों पर कड़े ग़ैरक़ानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया था.

त्रिपुरा में पत्रकार पर यूएपीए लगाया जाना मीडिया को ख़ामोश करने की कोशिश: आईडब्ल्यूपीसी

इंडियन वूमंस प्रेस कोर ने त्रिपुरा में एक पत्रकार समेत कइयों पर यूएपीए के तहत मामला दर्ज किए जाने को लेकर राज्य पुलिस की आलोचना करते हुए इन्हें तत्काल वापस लिए जाने की मांग की है. एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने कहा कि वह पत्रकारों के ख़िलाफ़ पुलिस की कार्रवाई से स्तब्ध है और यह राज्य सरकार द्वारा हिंसा को नियंत्रित करने में अपनी विफलता से ध्यान हटाने का एक प्रयास है.

त्रिपुरा: सांप्रदायिक हिंसा पर सोशल मीडिया पोस्ट के लिए 102 लोगों पर यूएपीए के तहत केस दर्ज

तीन नवंबर को लिखे एक पत्र में पश्चिम अगरतला थाने ने ट्विटर को उसके प्लेटफॉर्म से कम से कम 68 खातों को ब्लॉक करने और उनकी व्यक्तिगत जानकारी देने का अनुरोध करते हुए बताया कि इनके ख़िलाफ़ यूएपीए की धारा 13 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है. विपक्ष ने इसे लेकर सत्तारूढ़ भाजपा पर निशाना साधा है.

त्रिपुरा में हुई सांप्रदायिक हिंसा का लाभ किसे मिल रहा है…

त्रिपुरा में मुसलमान विरोधी हिंसा भाजपा की राजनीतिक आवश्यकता है. एक तो चुनाव होने वाले हैं और जानकारों का कहना है कि हर चुनाव में ऐसी हिंसा से भाजपा को लाभ होता है. दूसरे, इस फौरी कारण के अलावा मुसलमान विरोधी घृणा को हिंदू समाज का स्वभाव बनाने के लिए ऐसी हिंसा का संगठन ज़रूरी है.

हम भी भारत, एपिसोड 24: त्रिपुरा में भाजपा समर्थकों ने क्यों ढहाई लेनिन की प्रतिमा?

हम भी भारत की 24वीं कड़ी में आरफ़ा ख़ानम शेरवानी त्रिपुरा चुनाव में भाजपा की जीत और वहां हुईं हिंसा की घटनाओं पर दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रो. अपूर्वानंद और भाजपा नेता एजाज़ इल्मी के साथ चर्चा कर रही हैं.