देश में टीबी की दवाओं की किल्लत न होने का सरकार का दावा कितना सही है?

वीडियो: पिछले कुछ समय से टीबी रोग के इलाज में उपयोग होने वाली दवाओं की कमी संबंधी ख़बरें लगातार सामने आ रही हैं. इस रोग से जूझ रहे मरीज़ों के परिजनों का कहना है कि किल्लत के चलते दवाएं प्राप्त करने में उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, केंद्र सरकार का दावा है कि दवाओं के किल्लत की ख़बरें भ्रामक हैं.

टीबी की दवाओं की कमी को लेकर 113 वैश्विक निकायों ने प्रधानमंत्री से फ़ौरन हस्तक्षेप की मांग की

टीबी के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाओं की कमी से संबंधित ख़बरों को लेकर दुनियाभर के 113 नागरिक समाज संगठनों और 776 व्यक्तियों ने पत्र लिखकर भारत के प्रधानमंत्री और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है.

सरकार का टीबी दवाओं की कमी से इनकार, सिविल समूह बोले- यह पीड़ितों के संघर्ष की उपेक्षा है

टीबी रोग के इलाज में उपयोग होने वाली दवाओं की कमी संबंधी ख़बरों के सामने आने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने एक बयान जारी करके इन्हें भ्रामक क़रार दिया है. इसकी आलोचना करते हुए सिविल सोसायटी समूहों ने कहा है कि उनके पास टीबी की दवाएं प्राप्त करने में कठिनाइयों से जूझ रहे रोगियों, रिश्तेदारों और डॉक्टरों की अपीलों की बाढ़ आ गई है.

भारत में 2018 में करीब 5.4 लाख टीबी के मामले दर्ज नहीं हुएः विश्व स्वास्थ्य संगठन

विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीबी रिपोर्ट के मुताबिक, दुनियाभर में टीबी के 30 लाख मामले राष्ट्रीय टीबी कार्यक्रम में दर्ज नहीं हो पाते हैं. भारत में 2018 में टीबी के करीब 26.9 लाख मामले सामने आए और 21.5 लाख मामले भारत सरकार के राष्ट्रीय कार्यक्रम के तहत दर्ज किए गए यानी 5,40,000 मामले इसमें दर्ज नहीं हुए.