गुरुवार को #अरेस्टअरुणयादव (#ArrestArunYadav) दिन के सर्वाधिक ट्रेंडिंग हैशटैग में से एक था, जहां ट्विटर उपयोगकर्ताओं ने मोहम्मद ज़ुबैर गिरफ़्तारी का हवाला देते हुए साल 2017 से लेकर अब तक भाजपा नेता अरुण यादव द्वारा इस्लाम और मुसलमानों को लेकर किए गए ट्वीट्स को साझा करते हुए दिल्ली और हरियाणा पुलिस से उनकी गिरफ़्तारी की मांग की थी.
पिछले साल बांग्लादेश में दुर्गा पूजा के दौरान हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमले के बाद त्रिपुरा में आगज़नी, लूटपाट और हिंसा की घटनाएं हुई थीं, इसके ख़िलाफ़ चार छात्रों ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने राज्य में सांप्रदायिक हिंसा पर लोगों को सोशल मीडिया पोस्ट के लिए नोटिस भेजने को लेकर त्रिपुरा पुलिस की खिंचाई की थी.
मामला बीते साल त्रिपुरा में हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद की गई सोशल मीडिया पोस्ट करने वालों से जुड़ा है. कोर्ट के आदेश के बावजूद इन लोगों को नोटिस भेजने को लेकर अदालत ने कहा कि अगर पुलिस ने लोगों को परेशान करना बंद नहीं किया, तो वह राज्य के गृह सचिव और संबंधित पुलिस अधिकारियों को तलब करेंगे.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि हिंसा के बारे में लिखना कोई अपराध नहीं है. त्रिपुरा पुलिस ने पत्रकार समीउल्लाह शब्बीर ख़ान के ख़िलाफ़ राज्य में पिछले साल हुई हिंसा से संबंधित एक ट्वीट के लिए यूएपीए और विभिन्न धाराओं के तहत मुक़दमा दर्ज किया था.
कार्यकर्ता साकेत गोखले ने 13 और 26 जून को किए ट्वीट में पूर्व भारतीय राजनयिक लक्ष्मी एम. पुरी द्वारा स्विट्जरलैंड में खरीदी संपत्ति को लेकर सवाल उठाते हुए उनके पति व केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी का भी ज़िक्र किया था. कोर्ट ने गोखले को मामले के लंबित रहने के दौरान दंपति के ख़िलाफ़ निंदात्मक ट्वीट न करने का निर्देश दिया है.
पारदर्शिता कार्यकर्ता और पूर्व पत्रकार साकेत गोखले ने ट्वीट करके पूर्व भारतीय राजनयिक लक्ष्मी पुरी द्वारा कथित तौर पर स्विट्ज़रलैंड में संपत्ति ख़रीदने का हवाला दिया था और उनके पति एवं केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी का भी संदर्भ दिया गया था. इसे लेकर पुरी ने गोखले के ख़िलाफ़ मानहानि याचिका दायर कर क्षतिपूर्ति के तौर पर पांच करोड़ रुपये की मांग की है.
लुमेन डाटाबेस पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक, 21 जून को भारत सरकार से 37 ट्वीट्स के ख़िलाफ़ क़ानूनी अनुरोध मिले थे. चूंकि ट्वीट को रोक दिया गया है, इसलिए उसमें कही गई बातों को स्वतंत्र रूप से सत्यापित नहीं किया जा सकता. इससे पहले ट्विटर ने ग़ाज़ियाबाद के लोनी में एक बुज़ुर्ग मुस्लिम व्यक्ति के साथ कथित मारपीट के मामले को लेकर किए गए 50 ट्वीट को प्रतिबंधित कर दिया था.
दैनिक भास्कर ने नरेंद्र मोदी सरकार के कैबिनेट के दस मंत्रियों के ग्यारह सौ से अधिक ट्वीट्स का विश्लेषण किया है, जिसके अनुसार कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान इन मंत्रियों ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल के ज़रिये एक भी कोविड पीड़ित को ऑक्सीजन सिलेंडर या अस्पताल बेड दिलाने में मदद नहीं की.
फेसबुक ने बृहस्पतिवार की सुबह एक बयान जारी करते हुए कहा कि उसने ग़लती से उस हैशटैग को बाधित किया, जिसमें प्रधानमंत्री के इस्तीफ़े (#ResignModi) की मांग की जा रही है. कंपनी ने स्पष्ट किया कि यह मोदी सरकार के आदेश पर नहीं किया गया.
केंद्र की मोदी सरकार के अनुरोध पर ट्विटर पहले ही भारत में ऐसे क़रीब 50 ट्वीट्स पर रोक लगा चुका है, जो कोविड-19 महामारी की स्थिति को संभालने में सरकार के तरीकों की आलोचना कर रहे थे. अब इन ट्वीट्स को भारत में नहीं देखा जा सकता.
ट्विटर ने भारत में ऐसे क़रीब 50 ट्वीट्स पर रोक लगा दी है जो कोविड-19 महामारी की स्थिति को संभालने में नरेंद्र मोदी सरकार के तरीकों की आलोचना कर रहे थे. अब इन ट्वीट्स को भारत में नहीं देखा जा सकता.
गोएयर द्वारा बर्ख़ास्त किए पायलट ने बीते सात जनवरी को प्रधानमंत्री के बारे में अपमानजनक ट्वीट किया था. इसके बाद उन्होंने उसी दिन इस ट्वीट को हटाकर माफ़ी मांगते हुए एक अन्य ट्वीट किया और अपना अकाउंट लॉक कर दिया है.
वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने ट्वीट किया है कि सांप्रदायिक नफ़रत और हिंसा भड़काने वाले ट्वीट करने पर मधु किश्वर के ख़िलाफ़ आपराधिक शिकायत दर्ज कराई है. उनके झूठ के पर्दाफ़ाश करने का वक़्त आ गया है.