पत्रकारों ने ‘द कश्मीर वाला’ के संपादक फ़हद शाह की रिहाई की मांग की

समाचार वेबसाइट ‘द कश्मीर वाला’ के संपादक फ़हद शाह पिछले एक साल से जेल में हैं. उन पर गै़रक़ानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया गया है. उन्हें आतंकवाद का महिमामंडन करने, फ़र्ज़ी ख़बरें फैलाने और आम जनता को क़ानून व्यवस्था के ख़िलाफ़ भड़काने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था.

दो साल बाद जेल से रिहा हुए सिद्दीक़ कप्पन ने कहा- मुझे मुस्लिम होने के चलते निशाना बनाया गया

वीडियो: केरल के पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन को अक्टूबर 2020 में गिरफ़्तार किया गया था, जब वह यूपी के हाथरस में सामूहिक बलात्कार मामले की रिपोर्ट के लिए जा रहे थे. बीते 2 फरवरी को उन्हें दो साल से अधिक समय के बाद ज़मानत पर रिहा कर दिया गया. उनसे द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.

शरजील-सफूरा व अन्य को बरी करने वाले जज ने ख़ुद को जामिया हिंसा संबंधी मामलों से अलग किया

बीती 4 फरवरी को साकेत ज़िला अदालत के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अरुल वर्मा ने शरजील इमाम, छात्र कार्यकर्ता आसिफ़ इक़बाल तन्हा और सफूरा ज़रगर एवं आठ अन्य को जामिया हिंसा मामले में बरी कर दिया था. न्यायाधीश वर्मा ने पाया था कि पुलिस ने ‘वास्तविक अपराधियों’ को नहीं पकड़ा, लेकिन आरोपियों को ‘बलि का बकरा’ बनाने में कामयाब रही.

गुवाहाटी हाईकोर्ट ने निर्दलीय विधायक अखिल गोगोई के ख़िलाफ़ आरोप तय करने की अनुमति दी

गुवाहाटी हाईकोर्ट ने एनआईए को असम के निर्दलीय विधायक अखिल गोगोई और उनके तीन सहयोगियों पर सीएए के ख़िलाफ़ प्रदर्शनों और माओवादियों से संदिग्ध संबंधों के सिलसिले में आरोप तय करने की अनुमति दे दी. विशेष एनआईए अदालत ने जुलाई 2021 में उन्हें आरोपमुक्त कर दिया था, जिसे एनआईए ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी.

जामिया हिंसा: अदालत ने फैसले में कहा- दिल्ली पुलिस ने पुराने तथ्यों को ही नए सबूत बनाकर पेश किया

2019 जामिया हिंसा के संबंध में दर्ज मामले में छात्र कार्यकर्ता शरजील इमाम, सफूरा जरगर और आसिफ इकबाल तनहा सहित 11 लोगों को बरी करने वाले दिल्ली की अदालत के आदेश में कहा गया है कि मामले में पुलिस का तीन पूरक चार्जशीट दायर करना सबसे असामान्य था. इसने पूरक चार्जशीट दाखिल कर 'जांच' की आड़ में उन्हीं पुराने तथ्यों को पेश करने की कोशिश की.

सिद्दीक़ कप्पन की रिहाई पर शशि थरूर ने कहा- संशोधित यूएपीए लोकतंत्र के लिए संकट है

कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि 28 महीनों के बाद केरल के पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन की जेल से रिहाई हमें इस बात का ध्यान कराती है कि सरकार यूएपीए के तहत लोगों को बिना किसी आरोप के अनिश्चित समय के लिए हिरासत में रख सकती है.

जामिया हिंसा: शरजील इमाम, सफूरा समेत 11 आरोपमुक्त, अदालत ने कहा- बलि का बकरा बनाया गया

जामिया नगर इलाके में दिसंबर 2019 में हुई हिंसा के संबंध में दर्ज मामले में छात्र कार्यकर्ता शरजील इमाम, सफूरा जरगर और आसिफ इकबाल तनहा सहित 11 लोगों को बरी करते हुए दिल्ली की अदालत ने कहा कि चूंकि पुलिस वास्तविक अपराधियों को पकड़ पाने में असमर्थ रही इसलिए उसने इन आरोपियों को बलि का बकरा बना दिया.

दो साल से अधिक समय बाद केरल के पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन जेल से रिहा

केरल के पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन और तीन अन्य को अक्टूबर 2020 में गिरफ़्तार किया गया था, जब वह उत्तर प्रदेश के हाथरस में सामूहिक बलात्कार मामले की रिपोर्ट करने के लिए जा रहे थे. यूपी पुलिस ने कप्पन पर जाति आधारित दंगा भड़काने का इरादा रखने और सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का मामला दर्ज किया था. इसके बाद उन पर देशद्रोह और यूएपीए के तहत भी मामले जोड़े गए थे.

जम्मू कश्मीर के लोगों को सताने के लिए अतिक्रमण रोधी अभियान भाजपा का नया हथियार: महबूबा मुफ़्ती

जम्मू कश्मीर में ‘अवैध रूप से क़ब्ज़ा की गई’ सरकारी भूमि मुक्त कराने के प्रशासन के अतिक्रमण रोधी अभियान को लेकर पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ़्ती ने केंद्र पर नागरिकों को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है. वहीं, जम्मू के बाहरी इलाके में अभियान के ख़िलाफ़ हज़ारों नागरिकों ने सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया.

उत्तर प्रदेश: अदालत ने गोरखनाथ मंदिर में जवानों पर हमले के दोषी को मौत की सज़ा सुनाई

तीन अप्रैल 2022 को आईआईटी-बॉम्बे से स्नातक अहमद मुर्तज़ा अब्बासी ने गोरखनाथ मंदिर में जबरन प्रवेश का प्रयास करते हुए मंदिर की सुरक्षा में तैनात पीएसी के दो जवानों पर धारदार हथियार से जानलेवा हमला किया था. एटीएस अदालत ने मुर्तज़ा को दोषी ठहराते हुए मौत की सज़ा दी है.

जेल में बंद कश्मीरी कार्यकर्ता को मानवाधिकार क्षेत्र में दिया जाने वाला पुरस्कार मिला

कश्मीर के मानवाधिकार कार्यकर्ता ख़ुर्रम परवेज़ को 22 नवंबर, 2021 को राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने गिरफ़्तार किया था, तब से उनकी हिरासत को कई बार बढ़ाया जा चुका है. परवेज़ मानवाधिकार के क्षेत्र में दिए जाने वाले मार्टिन एनल्स अवॉर्ड, 2023 से सम्मानित होने वाले तीन लोगों में से एक हैं.

उमर ख़ालिद ने जेल से रोज़ाना फोन करने की सुविधा देने के लिए अदालत का रुख़ किया

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र नेता उमर ख़ालिद के आवेदन पर नोटिस जारी कर तिहाड़ जेल के अधीक्षक से जवाब मांगा है. मामले की अगली सुनवाई 21 जनवरी को होगी. उमर उत्तर-पूर्व दिल्ली दंगा मामले में सितंबर 2020 से जेल में बंद हैं.

छत्तीसगढ़: कार्यकर्ता हिड़मे मरकाम जेल से रिहा, पुलिस आतंकवाद के आरोप साबित नहीं कर सकी

छत्तीसगढ़ की जानी-मानी वन अधिकार और क़ैदी अधिकार कार्यकर्ता हिड़मे मरकाम को 9 मार्च 2021 को दंतेवाड़ा में एक सभा के दौरान गिरफ़्तार कर लिया गया था. उन पर हिंसक नक्सली हमलों और हत्या जैसे पांच मामले दर्ज किए गए थे. करीब दो साल की क़ैद के बाद वे रिहा हुई हैं. अब तक वे चार मामलों में बरी हो चुकी हैं, जबकि एक मामला लंबित है.

शीर्ष जांच अधिकारी ने स्वीकारा- एल्गार परिषद आयोजन की भीमा कोरेगांव हिंसा में ‘कोई भूमिका नहीं’

2018 में भीमा कोरेगांव में हुई हिंसा के लिए एल्गार परिषद के आयोजन को ज़िम्मेदार ठहराते हुए इसके कुछ प्रतिभागियों समेत कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया था. मामले की जांच कर रहे न्यायिक आयोग के सामने एक पुलिस अधिकारी ने अपने हलफ़नामे में हिंसा में आयोजन की कोई भूमिका होने से इनकार किया है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केरल के पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ज़मानत दी

अक्टूबर 2020 में हाथरस बलात्कार मामले की कवरेज के लिए जाते समय यूपी पुलिस द्वारा गिरफ़्तार किए गए केरल के पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन को सुप्रीम कोर्ट ने बीते सितंबर में यूएपीए मामले में ज़मानत दे दी थी. हालांकि, उनके ख़िलाफ़ दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग मामले के कारण उन्हें रिहा नहीं किया गया था. 

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