‘आज़ादी के सात दशकों में उन सिद्धांतों पर काम नहीं किया गया जिनके बल पर देश आज़ाद हुआ था’

साक्षात्कार: इतिहासकार, शिक्षाविद और नारीवादी उमा चक्रवर्ती देश की आज़ादी के समय छह साल की थीं. शिक्षा, समाज सेवा, फिल्म निर्माण जैसे क्षेत्रों में व्यापक काम कर चुकीं उमा का कहना है कि आज धर्म के आधार पर हो रही लिंचिंग, दंगे आदि स्वतंत्रता आंदोलन और उससे जुड़े वादों के साथ धोखा हैं.

‘यौन उत्पीड़न पर ख़ामोश रहने का फ़ायदा सिर्फ़ आरोपी को मिलता है’

साक्षात्कार: कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न और मीटू आंदोलन से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर जानी-मानी इतिहासकार व नारीवादी उमा चक्रवर्ती और आंबेडकर विश्वविद्यालय की शिक्षक वसुधा काटजू से सृष्टि श्रीवास्तव की बातचीत.