दिल्ली दंगे: उमर ख़ालिद की ज़मानत याचिका पर आदेश सुरक्षित, 14 मार्च को अदालत सुनाएगी फैसला

यूएपीए के तहत अक्टूबर 2020 में जेएनयू के पूर्व छात्र उमर ख़ालिद को गिरफ़्तार किया था. यूएपीए के साथ ही इस मामले में उनके ख़िलाफ़ दंगा करने और आपराधिक साजिश रचने के भी आरोप लगाए गए हैं. जून 2021 को दिल्ली हाईकोर्ट ने इस संबंध में यूएपीए के तहत गिरफ़्तार जेएनयू की छात्रा नताशा नरवाल, देवांगना कलीता और इक़बाल आसिफ़ तन्हा को ज़मानत दे दी थी.

कोर्ट के आदेश के बावजूद उमर ख़ालिद को हथकड़ी लगाकर पेश किया, जेल प्रशासन को नोटिस

उमर ख़ालिद को दिल्ली दंगों संबंधित मामले में पेशी पर हथकड़ी लगाए जाने के ख़िलाफ़ उनके वकीलों की याचिका पर अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने एक आदेश में कहा कि दिल्ली पुलिस कमिश्नर किसी ज़िम्मेदार वरिष्ठ पुलिस अधिकारी की निगरानी में जांच के बाद रिपोर्ट दायर कर बताएं कि क्या उमर को हथकड़ी में पेश किया गया, यदि हां तो किस आधार पर.

उमर ख़ालिद के पिता, अखिलेश यादव के साथ मिलकर साज़िश रच रहे हैं: योगी आदित्यनाथ

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विपक्षी दल किसी भी हद तक जा सकते हैं. आपने देखा होगा कि हाल ही में एक पार्टी (सपा) से कौन मिलने आया था, उमर ख़ालिद के पिता. वह उमर ख़ालिद, जिसने कहा था कि ‘भारत तेरे टुकड़े होंगे’. इस पर समाजवादी पार्टी ने कहा कि मुख्यमंत्री विधानसभा चुनावों का ध्रुवीकरण करने की कोशिश कर रहे हैं.

राजनाथ सिंह झूठ क्यों बोले?

अगर राजनाथ सिंह को झूठ ही सही, सावरकर के माफ़ीनामे को स्वीकार्य बनाने के लिए गांधी की छतरी लेनी पड़ी तो यह एक और बार सावरकर पर गांधी की नैतिक विजय है. नैतिक पैमाना गांधी ही रहेंगे, उसी पर कसकर सबको देखा जाएगा. जब-जब भारत भटकता है, दुनिया के दूसरे देश और नेता हमें गांधी की याद दिलाते हैं. 

दिल्ली दंगों पर पुलिस ने काल्पनिक कहानियां लिखीं, आरोप-पत्र में लगाया ‘तड़का’: उमर ख़ालिद

दिल्ली दंगों से जुड़े कई आरोपों में गिरफ़्तार जेएनयू के पूर्व छात्र और कार्यकर्ता उमर ख़ालिद के वकील ने कहा कि जांच अधिकारी ने चार्जशीट में काल्पनिक कहानियां लिखीं. पुलिस इस मामले में सभी आरोपियों को ‘एक ही लाठी से हांकना’ चाहती है. उन्होंने पूछा कि क्या चक्काजाम का आयोजन आतंकवाद रोधी क़ानून- यूएपीए लगाने का आधार देता है.

दिल्ली दंगा: एक साल से क़ैद उमर ख़ालिद को रिहा करने की मांग

बीते साल 13 सितंबर को उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए सांप्रदायिक दंगे के सिलसिले में यूएपीए के तहत छात्र नेता उमर ख़ालिद को गिरफ़्तार किया था. यूएपीए के साथ ही इस मामले में उनके ख़िलाफ़ दंगा करने और आपराधिक साज़िश रचने के भी आरोप लगाए गए हैं. 

प्रेस क्लब में हुई सार्वजनिक सभा में की गई उमर ख़ालिद की रिहाई की मांग

वीडियो: पूर्व जेएनयू छात्र और सीएए-एनआरसी के ख़िलाफ़ मुखर कार्यकर्ता के तौर पहचाने जाने वाले उमर ख़ालिद को 13 सितंबर 2020 को दिल्ली पुलिस ने उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए सांप्रदायिक दंगे के सिलसिले में गिरफ़्तार किया था. उमर को एक साल से क़ैद में रखने के ख़िलाफ़ कई जानी-मानी हस्तियां सोमवार को एक साथ आईं और प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में उनको रिहा करने की मांग की.

दिल्ली दंगे की चार्जशीट किसी वेब सीरीज की पटकथा जैसी: उमर ख़ालिद के वकील

जेएनयू के पूर्व छात्र और कार्यकर्ता उमर ख़ालिद के वकील का कहना है कि दिल्ली दंगे को लेकर दायर चार्जशीट में ख़ालिद को सांप्रदायिक दिखाने की कोशिश की गई, लेकिन जिस पुलिस अधिकारी ने यह रिपोर्ट तैयार की है, उनका दिमाग ही सांप्रदायिक है. ख़ालिद को फरवरी 2020 में हुए दिल्ली दंगों की साजिश रचने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया है.

रोज़ डरती, ख़ुद से लड़ती फिर जीतती हुई एक इंक़लाबी की मां…

लगभग साल भर से दिल्ली दंगों से संबंधित मामले में जेल में बंद उमर ख़ालिद की मां कहती हैं कि उसे बाहर आने पर हिंदुस्तान छोड़ देना चाहिए, लेकिन कुछ पलों बाद वो बदल-सी जाती हैं.

दिल्ली दंगा: उमर ख़ालिद ने कहा, टीवी चैनलों ने उनके भाषण के संपादित अंश चलाकर उन्हें फंसाया

दिल्ली दंगों को लेकर यूएपीए के तहत गिरफ़्तार जेएनयू के पूर्व छात्र उमर ख़ालिद ने अपना बचाव करते हुए अदालत में कहा कि पुलिस के दावों में कई विरोधाभास हैं. उनके ख़िलाफ़ यूएपीए का मामला भाजपा नेता और आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय द्वारा ट्वीट किए गए उनके संक्षिप्त भाषण के संपादित वीडियो क्लिप पर आधारित है. आरोप-पत्र पूरी तरह से मनगढ़ंत है. उनके ख़िलाफ़ चुनिंदा गवाह लाए गए और उन्होंने हास्यस्पद बयान दिए गए हैं.

दिल्ली दंगा: पुलिस ने उमर ख़ालिद की ज़मानत याचिका का विरोध किया, कहा- इसमें दम नहीं

यूएपीए के तहत गिरफ़्तार किए गए जेएनयू के पूर्व छात्र उमर ख़ालिद की ज़मानत याचिका का विरोध करते हुए पुलिस ने कहा कि अभियोजन पक्ष, मामले में दायर आरोप-पत्र के हवाले से अदालत में आरोपी के विरुद्ध प्रथम दृष्टया मामला दिखाएगा. मामला एक बड़ी साज़िश का हिस्सा है और यह छह मार्च 2020 को दर्ज हुआ था. ख़ालिद को दंगे से संबंधित एक अन्य मामले में ज़मानत मिल चुकी है.

दिल्ली दंगा: सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ज़मानत मामलों में क़ानून के प्रावधानों पर बहस नहीं होनी चाहिए

दिल्ली दंगों संबंधी मामले में तीन छात्र कार्यकर्ताओं की ज़मानत रद्द करने की दिल्ली पुलिस की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने इशारा किया है कि वह इस पहलू पर विचार करने को तैयार नहीं है.

समान नागरिकता की मांग पर देवांगना कलीता और नताशा नरवाल को गिरफ़्तार किया गया: पिंजरा तोड़

नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के विरोध में बीते साल फरवरी में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई सांप्रदायिक हिंसा के पीछे एक पूर्व नियोजित साजिश का हिस्सा होने के आरोप में महिला संगठन पिंजड़ा तोड़ की नताशा नरवाल और देवांगना कलीता की गिरफ़्तारी के एक साल पूरे हो चुके हैं. इसे लेकर हुए कार्यक्रम में कहा गया कि यह उन आवाज़ों को दबाने का तरीका है, जो सरकार को पसंद नहीं है.

उमर और ख़ालिद सैफ़ी को हथकड़ी लगाकर पेश करने की याचिका ख़ारिज, कोर्ट ने कहा- वे गैंगस्टर नहीं

दिल्ली पुलिस ने स्थानीय अदालत में दायर याचिका में कहा था कि दिल्ली दंगों से जुड़े मामलों में गिरफ़्तार उमर ख़ालिद और ख़ालिद सैफ़ी को हथकड़ी लगाकर पेश करने की अनुमति दी जाए क्योंकि ये दोनों अत्यधिक जोखिम वाले क़ैदी हैं. अदालत ने इससे इनकार करते हुए कहा कि याचिका तकनीकी आधार पर उचित नहीं है.

क्या अदालतें ख़ुद को अपनी ही लगाई ग़ैर ज़रूरी बंदिशों से आज़ाद कर पाएंगी

इंसान की आज़ादी सबसे ऊपर है. जो ज़मानत एक टीवी कार्यक्रम करने वाले का अधिकार है, वह अधिकार गौतम नवलखा या फादर स्टेन का क्यों नहीं, यह समझ के बाहर है. अदालत कहेगी हम क्या करें, आरोप यूएपीए क़ानून के तहत हैं. ज़मानत कैसे दें! लेकिन ख़ुद पर यह बंदिश भी खुद सर्वोच्च अदालत ने ही लगाई है.

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