क्या अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के फैसले को मानेगा इज़रायल?

वीडियो: गाजा पर इज़रायल के हमले के बीच दक्षिण अफ्रीका ने इस पर नरसंहार का आरोप लगाते हुए इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस का रुख़ किया था, जिसने अपने निर्णय में इज़रायल को जेनोसाइड कन्वेंशन का पालन करने को कहा है. हालांकि इसने युद्धविराम का निर्देश नहीं दिया. फैसले की बारीकियों पर द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन से बातचीत.

आईसीजे ने इज़रायल से नरसंहार कन्वेंशन का पालन करने को कहा, सैन्य अभियान रोकने का निर्देश नहीं

दक्षिण अफ्रीका ने इजरायल पर नरसंहार का आरोप लगाते हुए अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) में मुक़दमा दायर करते हुए इससे युद्धविराम का निर्देश देने की मांग की थी.

हमारे देश ने अपनी नैतिक दिशा खो दी है

सारी दुनिया में लाखों यहूदी, मुसलमान, ईसाई, हिंदू, कम्युनिस्ट, एग्नॉस्टिक लोग सड़कों पर उतरकर गाज़ा पर हमला फ़ौरन बंद करने की मांग कर रहे हैं. लेकिन, वही मुल्क जो कभी फिलिस्तीन का सच्चा दोस्त था, जिन पर कभी लाखों लोगों के जुलूस निकले हुए होते, वही सड़कें आज ख़ामोश हैं.

इज़रायल ने फ़िलिस्तीनियों से 24 घंटे में उत्तरी गाज़ा छोड़ने को कहा, यूएन बोला- नतीजे घातक होंगे

संयुक्त राष्ट्र के एक प्रवक्ता ने कहा कि अगर इस तरह के आदेश को रद्द नहीं किया गया, तो यह पहले से ही हुई त्रासदी को बड़ी तबाही में बदल सकता है.

क्या जनता के नेहरू को दिल्ली निगल गई?

1950-60 के दशक में दिल्ली ने अपने जैसा एक नेहरू बना लिया. यह 1920-30 के दशक के नेहरू से भिन्न था. समय के साथ वो नेहरू जनता की नज़र से ओझल होते गए जिसने अवध के किसान आंदोलन में संघर्ष किया था.

गर्भपात क़ानून पर अमेरिकी कोर्ट के निर्णय की आलोचना में उतरे अंतरराष्ट्रीय संगठन

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख ने अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट द्वारा गर्भपात के संवैधानिक अधिकार को पलटने से संबंधित निर्णय को महिलाओं के मानवाधिकारों और लैंगिक समानता के लिए 'बड़ा झटका' क़रार दिया है. वहीं यूएन विमेन ने कहा कि जब गर्भपात के लिए सुरक्षित और क़ानूनी पहुंच प्रतिबंधित की जाती है, तब महिलाएं कम सुरक्षित तरीकों का सहारा लेने के लिए मजबूर होती हैं, जिसके नतीजे विनाशकारी होते हैं.

जर्मन विदेश मंत्री के बयान के बाद भारत ने कहा- कश्मीर मसले में बाहरी हस्तक्षेप की ज़रूरत नहीं

जर्मनी की विदेश मंत्री एनालेना बेरबॉक ने मंगलवार को इस्लामाबाद में उनके पाकिस्तानी समकक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी के साथ एक प्रेस वार्ता में कहा था कि कश्मीर समस्या के समाधान में संयुक्त राष्ट्र की भूमिका है और वे उसका समर्थन करते हैं. वहीं, भारत ने कहा है कि इस द्विपक्षीय मसले में किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं है.

पैगंबर मोहम्मद पर बयान: यूएन ने कहा- सभी धर्मों के प्रति सम्मान को दृढ़ता से प्रोत्साहित करते हैं

एक पत्रकार ने पैगंबर मोहम्मद के ख़िलाफ भारतीय सत्तारूढ़ दल के नेताओं द्वारा की गई टिप्पणियों की कई देशों द्वारा आलोचना किए जाने को लेकर संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस की प्रतिक्रिया के बारे में पूछा था, जिसके जवाब में उनके प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने यह बयान दिया.

यूक्रेन से 50 लाख से अधिक लोगों ने किया पलायन: संयुक्त राष्ट्र

संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी के मुताबिक, 24 फरवरी को रूसी आक्रमण शुरू होने के बाद से यूक्रेन के भीतर 70 लाख से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं. संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि 50 लाख लोगों का पलायन दूसरे विश्व युद्ध के बाद से यूरोप के सबसे बड़े शरणार्थी संकट में एक ताज़ा और चौंकाने वाला उदाहरण है.

रूसी हमले के बाद यूक्रेन से विस्थापित होने वाले लोगों की संख्या 45 लाख पहुंची: संयुक्त राष्ट्र

शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त द्वारा रविवार को अपने पोर्टल पर अपडेट की गई जानकारी के मुताबिक़, 24 फरवरी से अब तक 45.04 लाख लोग यूक्रेन छोड़ चुके हैं.

रूस पर प्रतिबंधों को दरकिनार करने की आशंका के बीच भारत ने कहा- क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करें

रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव भारत के दो दिवसीय दौरे पर थे. उन्होंने भारत को तेल, सैन्य साजो-सामान और अन्य वस्तुओं की ज़रूरतों को भी पूरा करने का वादा किया. इससे पहले अमेरिका ने यूक्रेन पर रूस के हमले के मद्देनज़र उस पर लगाए गए पश्चिमी प्रतिबंधों को दरकिनार करने के लिए ख़ामियाजा भुगतने की चेतावनी दी थी.

भारत का रूस के वित्तीय ट्रांसफर सिस्टम में शामिल होना बेहद निराशाजनक होगाः अमेरिकी मंत्री

अमेरिकी वाणिज्य मंत्री जिना रायमोंडो ने वॉशिंगटन में ऑस्ट्रेलिया के वाणिज्य मंत्री के साथ बुधवार को हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यह टिप्पणी की. ऐसी रिपोर्ट है कि भारत अमेरिकी प्रतिबंधों को दरकिनार करते हुए रूस से सस्ती दरों पर कच्चे तेल की ख़रीद के लिए मॉस्को की एक भुगतान प्रणाली अपनाने पर विचार कर रहा है.

यूक्रेन संकट के चलते क्या रूस, भारत और चीन के बीच त्रिपक्षीय साझेदारी संभव है

यूक्रेन पर हमले के बाद अमेरिका और उसके पश्चिमी सहयोगियों के दबाव के बीच एशिया के दो प्रतिद्वंद्वी देश- चीन और भारत अपने तमाम मतभेदों के बावजूद रूस को लेकर समान रवैया अख़्तियार किए हुए हैं.

रूस-यूक्रेन युद्ध पर दस सिद्धांत और भारत के लिए चुनौतियां

अफ़सोस की बात है कि भारत के पास ऐसी समस्या के समाधान के लिए रचनात्मक प्रस्ताव देने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है, जिस पर वह स्पष्ट रुख़ लेने को भी अनिच्छुक है.

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