देश की जेलों में बंद क़ैदियों में से 75 फीसदी विचाराधीन, एक दशक में सर्वाधिक: रिपोर्ट

एनसीआरबी द्वारा जारी आंकड़ों और इंडिया जस्टिस रिपोर्ट द्वारा उसके विश्लेषण बताता है कि साल 2020 में जेल में बंद विचाराधीन क़ैदियों की संख्या तेज़ी से बढ़ी है जबकि दोषसिद्धि के आंकड़े में कमी आई है. इसके चलते जेल में बंद कुल क़ैदियों में विचाराधीन बंदियों की संख्या तीन-चौथाई से अधिक है.

जेलों में बंद दलित, आदिवासी, मुस्लिमों की संख्या देश में उनकी आबादी के अनुपात से अधिकः एनसीआरबी

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के साल 2019 के आंकड़ो के अनुसार देश की जेलों में बंद विचाराधीन मुस्लिम क़ैदियों की संख्या दोषी ठहराए गए मुस्लिम क़ैदियों से अधिक है.