पंजाब के बाद पश्चिम बंगाल दूसरा राज्य है, जहां विधानसभा में बीएसएफ का अधिकारक्षेत्र बढ़ाने के केंद्र के फ़ैसले के ख़िलाफ़ प्रस्ताव पारित किया गया. प्रस्ताव में कहा गया है कि बीएसएफ का अधिकारक्षेत्र बढ़ाना देश के संघीय ढांचे के खिलाफ़ है क्योंकि क़ानून व्यवस्था राज्य सूची का विषय है.
पंजाब व पश्चिम बंगाल सरकार ने इस निर्णय की निंदा करते हुए कहा कि यह संघवाद पर हमला है और राज्यों के अधिकारक्षेत्र में हस्तक्षेप करना है. पहले बीएसएफ को पंजाब, पश्चिम बंगाल और असम में अंतरराष्ट्रीय सीमा से 15 किलोमीटर के क्षेत्र में कार्रवाई का अधिकार था, अब गृह मंत्रालय ने इसे बढ़ाकर 50 किलोमीटर कर दिया है.
बीते दिनों लोकसभा में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद रॉय ने 'सार्वजनिक हित' का हवाला देते हुए दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज यूएपीए मामलों की जानकारी देने से मना कर दिया. हैरानी की बात यह है कि इस बारे में सारी जानकारी सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध है. यह भी गौर करने योग्य है कि दिल्ली में इस कड़े क़ानून के तहत गिरफ़्तार 34 लोगों में अधिकांश धार्मिक अल्पसंख्यक हैं.
भारतीय पुलिस सेवा के पूर्व अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने कार्यकाल में तमाम अलोकतांत्रिक, अराजक, दमनकारी, उत्पीड़नात्मक तथा विभेदकारी कार्य किए, वह इनके विरोध में उनके ख़िलाफ़ चुनाव लड़ेंगे. ठाकुर को गृह मंत्रालय के निर्णय के अनुपालन में गत 23 मार्च को समय-पूर्व सेवानिवृत्ति दे दी गई थी.
पश्चिम बंगाल के कूच बिहार से भाजपा सांसद नीसिथ प्रमाणिक केंद्रीय गृह मंत्रालय में नए राज्यमंत्री बनाए गए हैं. प्रमाणिक द्वारा चुनावी हलफनामे और संसद को दी गई उनकी शैक्षणिक योग्यता संबंधित जानकारी में अंतर सामने आया है.
‘द शिलॉन्ग टाइम्स’ की संपादक पेट्रीसिया मुखिम और ‘कश्मीर टाइम्स’ की मालिक अनुराधा भसीन ने कहा कि भारतीय दंड संहिता की धारा 124 ए (राजद्रोह) अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और प्रेस की स्वतंत्रता के अधिकार को ‘परेशान करने के साथ ही बाधित करना’ जारी रखेगी. पत्रकारों ने कहा है कि औपनिवेशिक समय के दंडात्मक प्रावधान का इस्तेमाल पत्रकारों को डराने, चुप कराने और दंडित करने के लिए किया जा रहा है.
केंद्रीय गृह मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, राजद्रोह के इन मामलों में से 141 में आरोप-पत्र दायर किए गए, जबकि छह साल की अवधि के दौरान इस अपराध के लिए महज छह लोगों को दोषी ठहराया गया. सबसे अधिक 54 मामले असम में दर्ज किए गए, लेकिन एक भी मामले में किसी को दोषी नहीं ठहराया गया. मंत्रालय ने अभी तक 2020 के आंकड़े एकत्रित नहीं किए हैं.
पश्चिम बंगाल के कूच बिहार से भाजपा सांसद नीसिथ प्रमाणिक को हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्रालय में राज्य मंत्री बनाया गया है. उन्होंने अपने हलफ़नामे में बताया था कि उनकी सर्वोच्च शैक्षणिक योग्यता माध्यमिक परीक्षा है, लेकिन लोकसभा की वेबसाइट पर बैचलर्स ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन दर्ज है.
पाकिस्तान ने 2015 में भारत को उसकी जेल में बंद इन 17 लोगों के बारे में बताया था, जिन्होंने अपनी सज़ा पूरी कर ली है, लेकिन उन्हें वापस भारत नहीं भेजा जा सकता, क्योंकि मानसिक रूप से अस्वस्थ होने के कारण उन्हें अपने पते-ठिकाने के बारे में कुछ याद नहीं है. राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ इनकी जानकारी साझा की गई थी, लेकिन इनमें से किसी के बारे में छह साल बाद भी कुछ पता नहीं चल सका
भाजपा सांसद जगन्नाथ सरकार और नीसिथ प्रमाणिक ने कहा कि भाजपा नेतृत्व के निर्देश पर वे विधायक पद से इस्तीफ़ा दे रहे हैं. जगन्नाथ सरकार ने इस बात पर जोर दिया कि सांसद रहने के बावजूद उनका विधानसभा चुनाव लड़ना और जीतने के बाद इस्तीफ़ा देना भाजपा की किसी भी तरह संगठनात्मक कमज़ोरी को नहीं दर्शाता.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्रालय के आदेश के मुताबिक 77 में से 61 विधायकों को न्यूनतम ‘एक्स’ श्रेणी की सुरक्षा दी जाएगी और सीआईएसएफ के कमांडो तैनात किए जाएंगे. उन्होंने बताया कि बाकी को या तो केंद्रीय सुरक्षा प्राप्त है अथवा उन्हें उच्च ‘वाई’ श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा है कि संघर्ष विराम समझौतों को एक साल के लिए और बढ़ाने का निर्णय लिया गया है, जो एनएससीएन/एनके और एनएससीएन/आरके साथ 28 अप्रैल 2021 से 27 अप्रैल 2022 तक तथा एनएससीएन/के-खांगो के साथ 18 अप्रैल 2021 से 17 अप्रैल 2022 तक प्रभावी रहेगा.
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और कांग्रेस नेताओं के बीच लीक हुई फोन बातचीत से राजस्थान में पैदा हुए सियासी उठापटक और अवैध फोन टैप के आरोपों के आठ महीने बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार ने दो हफ़्ते पहले फोन टैपिंग की पुष्टि की थी.
जुलाई 2020 में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, राज्य के तत्कालीन पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह और कांग्रेस विधायक भंवर लाल शर्मा के बीच फोन पर बातचीत की रिकॉर्डिंग लीक हुई थी. तब फोन टैपिंग के आरोपों के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा था कि नेताओं के फोन टैप करना उनकी सरकार का तरीका नहीं है.
पुलिस ने दिल्ली दंगों से जुड़े मामलों में जेएनयू के पूर्व छात्र नेता उमर ख़ालिद को 14 सितंबर और छात्र शरजील इमाम को 25 अगस्त को यूएपीए के तहत गिरफ़्तार किया था.