यूपी में चुनाव लड़ रहे विधायकों की संपत्ति पांच साल में 82 फीसदी बढ़ी: एडीआर

एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की रिपोर्ट के मुताबिक यूपी में फिर से चुनाव लड़ रहे विभिन्न दलों के 311 विधायकों की औसत संपत्ति वर्ष 2012 में 3.49 करोड़ रुपये थी जो इस साल बढ़कर 6.33 करोड़ रुपये हो गई है.

उत्तर प्रदेश में ऊदल की विरासत बचाने में नाकाम रहे वामदल

ग्राउंड रिपोर्ट: ऊदल कम्युनिस्ट पार्टी के लोकप्रिय नेता थे. उन्होंने बनारस की कोलअसला विधानसभा सीट से नौ बार चुनाव जीतकर कीर्तिमान बनाया था लेकिन यह सब गुज़रे ज़माने की बात है.

देखौ गुरु! ई बनारस है, मोदी हों या अखिलेश, इहां सबको मत्था टेकना पड़ता है…

ग्राउंड रिपोर्ट: होली के पहले बनारस में चुनाव का रंग चढ़ा हुआ है और यहां का माहौल देखकर लगता है कि इस बार की होली कुछ ज़्यादा ही लाजवाब होने वाली है.

यूपी चुनाव: छठे चरण में दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर, विकास का मुद्दा गायब

इस चरण में भाजपा के हिंदुत्ववादी नेता सांसद महंत आदित्यनाथ के संसदीय क्षेत्र गोरखपुर और माफिया-राजनेता मुख्तार अंसारी के क्षेत्र मऊ तथा केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्र के संसदीय क्षेत्र देवरिया में चुनाव पर खास नजर रहेगी.

यूपी चुनाव: चार साल बाद भी निर्भया के गांव को वादों के सिवा कुछ न मिल सका

निर्भया बलात्कार कांड के चार साल बाद भी उनके गांव मेदौरा कलां की हालत जस की तस है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और दूसरे नेताओं की ओर से किए गए वादे अभी भी ज़मीन पर नहीं उतरे हैं.

क्या भाजपा को लगता है कि यूपी में ‘सांप्रदायिकता’ ही आख़िरी सहारा है?

राज्य में चार चरण के मतदान के बाद नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने सांप्रदायिकता का नारा बुलंद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी, पर यह तो वक़्त ही बताएगा कि उनकी विभिन्न जातियों के हिंदुओं को साथ लाने की ये कोशिश कामयाब होगी या नहीं.

ग्राउंड रिपोर्ट: हमारे लोकतंत्र में घुमंतू समुदाय को कब मिलेगा हक़?

घुमंतू समुदाय गांव के सार्वजनिक और सांस्कृतिक जीवन में घुले-मिले हैं. वे विकसित हो रहे जनतंत्र में अपना स्पष्ट हिस्सा मांग रहे हैं.

ग्राउंड रिपोर्ट: आज़म ख़ान और उत्तर प्रदेश की मुस्लिम सियासत

'मिसाल दी जाती है कि छोटा मुंह बड़ी बात. लेकिन यहां तो बड़ा मुंह छोटी बात हो रही है. प्रधानमंत्री नुक्कड़ सभाएं कर रहे हैं. अरे! 1.31 अरब के वज़ीरे आज़म! भूखे को रोटी दो. नंगे को कपड़ा दो. कब्रिस्तान और श्मशान मत दो.'

गोंडा से ग्राउंड रिपोर्ट: जाति, धर्म, धन और धुरंधर लोकतंत्र की शान

यूपी के गोंडा का जायज़ा लेने से पता चला कि पार्टियां भले ही कालाधन लाने, परिवारवाद मिटाने की बातें करें लेकिन चुनाव में जीत धन बल और बाहुबल से ही मिलती है.

‘जानवर समाज का हिस्सा हैं इसलिए वे हमारी राजनीति का हिस्सा बने रहेंगे’

जिन्हें मायावती पसंद नहीं हैं. वे उनके चुनाव चिह्न को ‘पागल हाथी’ कहते हैं. इस तरह वे एक ही बार में ‘पागल’ और ‘हाथी’ के लिए असंवेदनशील टिप्पणी कर बैठते है.

यूपी में बेरोज़गारों के लिए कमाई का भी मौक़ा है विधानसभा चुनाव!

यूपी चुनाव में दल बेरोज़गार युवाओं का इस्तेमाल करने में पीछे नहीं हैं. कहीं 500 रुपये दिहाड़ी पर तो कहीं बाइक में फुल टंकी तेल भराकर रैलियों के लिए भीड़ जुटाई जा रही है.

‘मोदी जानते हैं कि हिंदुओं के एक तबके में ये धारणा है कि उनके साथ सदियों से भेदभाव हो रहा है’

मैं ये बचपन से सुनता आ रहा हूं कि मस्जिदों में असलहे रखे जाते हैं. हिंदुओं की एक बड़ी आबादी इसे सच मानती है. आप उसको कुरेद सकते हैं, हिंसक बना सकते हैं.

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