रूस-यूक्रेन की बीच तनाव: अमेरिका का दूतावास कर्मचारियों के परिवारों को यूक्रेन छोड़ने का आदेश

रूस और यूक्रेन के बीच लंबे समय से तनाव जारी है. वर्तमान में युद्ध जैसे हालात बने हुए हैं. यूक्रेन सीमा पर रूस एक लाख से अधिक सैनिकों की तैनाती कर चुका है. अपने सैन्य बलों को वापस बुलाने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका से सुरक्षा की कई मांगें की हैं. यूक्रेन के नाटो में प्रवेश पर प्रतिबंध और नाटो पूर्वी यूरोप के अधिकांश हिस्सों से सैनिकों और हथियारों को हटाए, रूस की प्रमुख मांग है.

ब्रिटेन: लंदन हाईकोर्ट ने विकीलीक्स के सह-संस्थापक असांजे को अमेरिका प्रत्यर्पण का रास्ता साफ किया

लंदन हाईकोर्ट ने निचली अदालत के उस फैसले को पलट दिया जिसमें विकीलीक्स के सह-संस्थापक जूलियन असांजे के मानसिक स्वास्थ्य का हवाला देते हुए प्रत्यर्पण के अमेरिकी अनुरोध को खारिज़ कर दिया था. असांजे पर अमेरिका ने जासूसी के 17 आरोप लगाए हैं, जबकि एक आरोप कंप्यूटर के दुरुपयोग का भी है. 

अमेरिका: संशोधित मुक़दमे में प्रमुख हिंदू संगठन पर कई मंदिरों में जबरन मज़दूरी करवाने का आरोप

मई में भारतीय श्रमिकों के एक समूह ने बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था के ख़िलाफ़ मानव तस्करी एवं मजदूरी क़ानून के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए एक मुक़दमा दायर किया था. इसमें पिछले महीने किए गए संशोधन में कहा गया है कि संस्था ने भारत से आए सैकड़ों श्रमिकों को लालच देकर अपने मंदिरों में कम मज़दूरी पर काम करने के लिए मजबूर किया.

तालिबान को 20 साल की ‘ख़ुफ़िया मदद’ से सत्ता दिला देना आईएसआई की बड़ी उपलब्धि है

इस बात पर भरोसा नहीं किया जा सकता है कि वो अमेरिका, जिसने 2001 से 2020 तक ख़ुफ़िया जानकारी पर 1000 अरब डॉलर से अधिक ख़र्च किए हैं, इतना अयोग्य था कि उसे दो दशकों से अधिक समय तक तालिबान के साथ पाकिस्तान के संबंधों का कोई अंदाज़ा ही नहीं हुआ.

अफ़ग़ानिस्तान: तालिबान ने महिलाओं के प्रदर्शन को कवर कर रहे पत्रकारों को बुरी तरह से पीटा

अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल स्थित एक अख़बार के दो अफ़ग़ान पत्रकारों सहित कई अन्य पत्रकारों ने तालिबान की हिरासत में बुरी तरह प्रताड़ित किए जाने की बात कही है. जानकारी के अनुसार, तालिबान द्वारा पत्रकारों से कहा गया कि महिलाओं की तस्वीरें लेना ग़ैर-इस्लामिक है.

अफ़ग़ानिस्तान: अमेरिका की वापसी के बाद भारत व तालिबान के बीच हुई पहली औपचारिक वार्ता

पहले औपचारिक और सार्वजनिक रूप से स्वीकृत संपर्क में क़तर में भारतीय राजदूत दीपक मित्तल ने मंगलवार को तालिबान के वरिष्ठ नेता शेर मोहम्मद अब्बास स्तानिकजई से मुलाकात की. दोनों पक्षों के बीच बैठक उस दिन हुई है जब अमेरिका ने अफ़ग़ानिस्तान से अपने सैनिकों की वापसी करते हुए देश में 20 साल के सैन्य अभियान को समाप्त कर दिया है.

अफ़ग़ानिस्तान: अमेरिका ने अपने सभी सैनिकों को वापस बुलाया, 20 साल पुराना युद्ध समाप्त

अफ़ग़ानिस्तान से अपने सभी सैनिकों को वापस बुलाने के कुछ घंटे बाद अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने घोषणा की कि अमेरिकी बलों की वापसी के बाद अब अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान का शासन है. अमेरिकी बलों की वापसी के बाद तालिबान ने काबुल के अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे को पूरी तरह अपने नियंत्रण में ले लिया है. तालिबान नेताओं ने देश को सुरक्षित करने, हवाईअड्डे को फिर से खोलने और पूर्व प्रतिद्वंद्वियों को माफी देने का संकल्प जताया.

काबुल धमाके ने तालिबान के इस भरम को तोड़ दिया है कि वे शांति ला सकते हैं: टोलो टीवी प्रमुख

वरिष्ठ पत्रकार करण थापर से बात करते हुए अफ़ग़ानिस्तान के लोकप्रिय चैनल टोलो टीवी के प्रमुख साद मोहसेनी ने कहा कि तालिबान के लिए तो चुनौती अब शुरू हुई है क्योंकि उसे शासन करना है और इस बड़ी ज़िम्मेदारी के लिए ज़रूरी कौशल और गुण उसमें नदारद हैं.

काबुल हवाईअड्डे पर आत्मघाती हमलों में मरने वालों की संख्या 100 के पार, 13 अमेरिकी भी शामिल

अफ़ग़ानिस्तान पर आतंकी संगठन तालिबान के क़ब्ज़ा जमाने के बाद राजधानी काबुल स्थित हवाईअड्डे पर देश छोड़कर जाने के लिए लोग जद्दोजहद कर रहे हैं. इस दौरान बृहस्पतिवार को हवाईअड्डे और नज़दीक के एक होटल पर दो भयावह आत्मघाती हमले हुए हैं, जिसमें कम से कम 108 लोगों की मौत हो गई है. इसमें 95 अफ़ग़ान नागरिक और 13 अमेरिकी शामिल हैं. हमले के बाद शुक्रवार को देश से बाहर जाने वालों के लिए उड़ानें फिर से शुरू हो गई

अफ़ग़ानिस्तान से तीन उड़ानों में क़रीब चार सौ लोगों को भारत लाया गया

अफ़ग़ानिस्तान पर तालिबान के क़ब्ज़े के बाद भारतीय वायुसेना के विमानों के ज़रिये 107 भारतीयों समेत कुल 168 लोगों को काबुल से दिल्ली लाया गया. अधिकारियों ने बताया कि 87 भारतीयों और दो नेपाली नागरिकों के एक अन्य समूह को दुशाम्बे से एअर इंडिया के एक विशेष विमान से लाया गया है.

भारत आए अफ़ग़ानिस्तान के नागरिकों ने बताया आंखों देखा हाल

वीडियो: 20 साल बाद तालिबान ने एक बार फिर अफ़ग़ानिस्तान पर क़ब्ज़ा कर लिया है, जिससे वहां के नागरिक दहशत में हैं और देश छोड़कर भाग रहे हैं. द वायर ने दिल्ली आए वहां के कई नागरिकों से बात की. इनमें से कई ऐसे भी थे, जिन पर तालिबान आतंकियों ने हमला किया था.

गुड तालिबान या बैड तालिबान: अपना रुख़ साफ़ करे मोदी सरकार

वीडियो: भारत ने अब तक तालिबान को लेकर कुछ नहीं कहा है. सरकार ने न काबुल में तालिबान के विरोध में कोई बयान दिया और न ही ऐसी कोई बात कही है, जिससे ज़ाहिर हो कि भारत भी रूस या चीन की तरह काबुल में तालिबान को क़बूल कर लेगा. भारत सरकार को इस बारे में अपना रुख़ स्पष्ट करना चाहिए.

अफ़ग़ानिस्तान: बाइडन ने सेना बुलाने के फैसले का किया बचाव, अफ़ग़ान सेना को ठहराया ज़िम्मेदार

उन्होंने कहा कि सच्चाई यह है कि यह सब कुछ हमारे अनुमान से कहीं ज़्यादा जल्दी हुआ. तो क्या हुआ? अफ़ग़ानिस्तान के नेताओं ने हार मान ली और देश छोड़कर भाग गए. अफ़ग़ान सेना पस्त हो गई और वो भी लड़ने की कोशिश किए बिना. पिछले हफ़्ते के घटनाक्रमों ने यह साबित कर दिया कि अफ़ग़ानिस्तान में अमेरिकी सेना की भागीदारी को ख़त्म करना सही फ़ैसला है.

अमेरिका पर अफ़ग़ान पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की ज़िम्मेदारी: सीपीजे

बीते 15 अगस्त को तालिबान के अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल में प्रवेश करने के बाद से ही ‘अफ़ग़ानिस्तान नेशनल रेडियो और टेलीविजन’ (आरटीए) ने सीधा प्रसारण बंद कर कर्मचारियों को घर भेज दिया था. शमशाद टीवी और तोलो टीवी के सुरक्षा गार्डों को नि:शस्त्र कर दिया गया और तोलो टीवी का सीधा प्रसारण या कार्यक्रम नहीं हो रहे हैं.

अफ़ग़ानिस्तान संकट: भारत राजधानी काबुल से अपने राजनयिकों और अधिकारियों को वापस लाया

अधिकारियों ने बताया कि अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल से भारतीय वायुसेना का सी-17 विमान राष्ट्रीय राजधानी के पास स्थित हिंडन वायुसेना स्टेशन आने के क्रम में मार्ग में सुबह क़रीब 11:15 बजे गुजरात के जामनगर स्थित वायुसेना स्टेशन में उतरा. भारत ने अफ़ग़ान नागरिकों के लिए आपातकालीन ई-वीज़ा की घोषणा की. इस बीच भारत में रह रहे अफ़ग़ान छात्रों ने वीज़ा अवधि बढ़ाने की मांग की है.

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