उत्तराखंड: व्यापारियों के संगठन ने मुसलमानों के स्वामित्व वाली दुकानों का पंजीकरण रद्द किया

आरोप है कि उत्तराखंड के धारचूला शहर स्थित एक नाई की दुकान पर काम करने वाला मुस्लिम युवक दो हिंदू नाबालिग लड़कियों को बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गया था, जिसके बाद धारचूला व्यापार मंडल ने स्थानीय प्रशासन के परामर्श से 91 दुकानों के पंजीकरण रद्द कर दिए, लगभग सभी दुकानें मुसलमानों की हैं.

विरोध प्रदर्शनों के दौरान हुए नुकसान की भरपाई के लिए विधेयक लाने की तैयारी में उत्तराखंड सरकार

बीते दिनों उत्तराखंड के नैनीताल ज़िले के हल्द्वानी में हुई हिंसा के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घोषणा की थी कि उपद्रव में क्षतिग्रस्त हुईं संपत्तियों के नुकसान की भरपाई उपद्रव में शामिल लोगों से वसूली करके की जाएगी. अब राज्य सरकार ‘उत्तराखंड सार्वजनिक और निजी संपत्ति क्षति वसूली विधेयक’ लाने जा रही है.

हल्‍द्वानी में हुई हिंसा प्रशासनिक चूक थी: कांग्रेस विधायक सुमित हृदयेश

वीडियो: उत्तराखंड के हल्द्वानी शहर के बनभूलपुरा इलाके में बीते 8 फरवरी को कथित ‘अवैध मस्जिद और मदरसे’ के ध्वस्तीकरण के बाद हिंसा भड़क उठी थी. इस पूरे मामले को लेकर हल्द्वानी से कांग्रेस विधायक सुमित हृदयेश से द वायर के याक़ूत अली की बातचीत.

हल्‍द्वानी हिंसा: किन परिस्थितियों में रह रहे हैं बनभूलपुरा के लोग

वीडियो: उत्तराखंड में हल्द्वानी शहर के बनभूलपुरा इलाके में बीते 8 फरवरी को कथित ‘अवैध मस्जिद और मदरसे’ के ध्वस्तीकरण के बाद भड़की हिंसा में कम से कम छह लोगों की मौत हो गई थी. द वायर के याक़ूत अली ने इलाके के दौरा कर वहां रह रहे लोगों से बातचीत की और हालात का जायज़ा लिया.

क्या हल्द्वानी में ‘मस्जिद-मदरसे’ के ध्वस्तीकरण और उससे उपजी हिंसा की न्यायिक जांच की जाएगी?

हल्द्वानी के बनभूलपुरा इलाके में कथित ‘अवैध मस्जिद और मदरसे’ के ध्वस्तीकरण ने ज़िला प्रशासन की कार्यप्रणाली की कथित ख़ामियों को उजागर किया है. उत्तराखंड की भाजपा नेतृत्व वाली सरकार को भी इस मामले में अपना पक्ष स्पष्ट करना है कि जहां तक अल्पसंख्यक अधिकारों का सवाल है, उनके अनुपालन में वह आज तक कितनी चुस्त रही है.

हल्द्वानी हिंसा मामले में लगभग 30 लोग गिरफ़्तार, उत्तराखंड सरकार ने और केंद्रीय बलों की मांग की

उत्तराखंड पुलिस ने बताया कि बीते 8 फरवरी को हल्द्वानी में भड़की हिंसा के संबंध में तीन एफ़आईआर दर्ज की गई है. पिछले 24 घंटों में 25 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है. हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में, जहां हिंसा हुई थी, कर्फ्यू लगा हुआ है. कई निवासियों को ज़िले के अन्य हिस्सों में अपने रिश्तेदारों के यहां चले जाने की सूचना है.

अदालत की अनुमति के बिना ढहाया गया मदरसा, क्यों छिपाया जा रहा है हल्द्वानी का सच?

वीडियो: उत्तराखंड के हल्द्वानी शहर में नगर निगम द्वारा बनभूलपुरा क्षेत्र में एक मदरसे को ‘अतिक्रमण’ बताकर ढहाने की कार्रवाई के बाद क्षेत्र में हिंसा भड़क उठी थी. इसमें कम से कम पांच लोगों की मौत की पुष्टि हुई है. इस मामले को लेकर द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी का नज़रिया.

हल्द्वानी से लेकर भाजपा शासित कई राज्यों में ‘बुलडोज़र अन्याय’ का सामना कर रहा मुस्लिम समुदाय

वीडियो: उत्तराखंड के हल्द्वानी शहर में नगर निगम द्वारा बनभूलपुरा क्षेत्र में एक मदरसे को ‘अतिक्रमण’ बताकर ढहाने की कार्रवाई के बाद क्षेत्र में हिंसा भड़क उठी थी. इसमें कम से कम पांच लोगों की मौत की पुष्टि हुई है.

उत्तराखंड: भू-धंसाव प्रभावित जोशीमठ के निवासी सुदूर क्षेत्र में बसाए जाने के ख़िलाफ़

जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक ने कहा कि राज्य सरकार ने सबसे अधिक प्रभावित लोगों के पुनर्वास के लिए गौचर के पास बमोथ गांव में भूमि की पहचान की है. हालांकि, लोगों ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव को खारिज कर दिया. निवासी जोशीमठ से बहुत दूर स्थानांतरित नहीं होना चाहते हैं क्योंकि उनकी आजीविका मंदिर शहर पर निर्भर है. खतरे वाले क्षेत्रों की पहचान और चिह्नांकन में भी विसंगति है.

सिल्कयारा सुरंग में निर्माण के दौरान पिछले 5 वर्षों में 19 से 20 बार ढहने की घटनाएं हुई थीं: रिपोर्ट

राष्ट्रीय राजमार्ग और अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड के निदेशक ने बताया कि भूस्खलन की घटनाएं हर सुरंग निर्माण के दौरान होती हैं, लेकिन इस बार हम बदकिस्मत रहे, क्योंकि मज़दूर फंस गए थे. उत्तराखंड के सिल्कयारा में बीते 12 नवंबर को निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा ढहने से इसमें फंसे 41 श्रमिकों को 17 दिनों के कड़े संघर्ष के बाद बाहर निकाला गया है.

उत्तराखंड के जोशीमठ शहर में 65 प्रतिशत घर ज़मीन धंसने से प्रभावित: सरकारी रिपोर्ट

उत्तराखंड के जोशीमठ में भू-धंसाव के नुकसान का आकलन करने के लिए भेजी गईं सरकारी एजेसियों ने एक रिपोर्ट में कहा है कि यहां के कुल 2,152 घरों में से 1,403 घर ज़मीन धंसने से प्रभावित हुए हैं. इन पर तत्काल ध्यान देने की ज़रूरत है. रिपोर्ट में राज्य सरकार से मानसून के अंत तक शहर में नए निर्माण पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने का भी आग्रह किया गया है.

जोशीमठ भू-धंसाव पर रिपोर्ट में केंद्रीय संस्थानों ने उच्च तीव्रता वाले भूकंप की संभावना जताई

जोशीमठ में भू-धंसाव को लेकर आठ सरकारी संस्थानों की रिपोर्ट में एनटीपीसी को क्लीन चिट दे दी गई है. हालांकि, विशेषज्ञों ने इस संकट के लिए क्षेत्र में अनियोजित और अराजक इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं, विशेष रूप से एक बिजली संयंत्र जिसमें विस्फोट और पहाड़ों में ड्रिलिंग शामिल थे, को ज़िम्मेदार ठहराया है.

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने सरकार से कहा- जोशीमठ भूस्खलन पर रिपोर्ट को ‘गुप्त’ रखने की कोई वजह नहीं

अदालत ने यह टिप्पणी तब की, जब जोशीमठ के भूस्खलन का अध्ययन करने वाले केंद्र सरकार के आठ संस्थानों द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट को सीलबंद लिफाफे में उसके सामने रखा गया.

मसूरी में जोशीमठ जैसी आपदा रोकने के लिए पर्यटकों की संख्या नियंत्रित की जाए: समिति

उत्तराखंड के मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली संयुक्त समिति ने मसूरी शहर की वहन क्षमता पर राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) को सौंपी रिपोर्ट में सुझाव दिया है कि पर्यटकों का पंजीकरण क्षेत्र की वहन क्षमता, विशेष रूप से उपलब्ध पार्किंग स्थान, अतिथि कक्ष की उपलब्धता आदि के अनुसार किया जाना चाहिए.

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