उत्तराखंड: आगे सीएम, पीछे सीएम, बोलो कितने सीएम

उत्तराखंड की स्थापना करने वाली भाजपा के माथे पर सबसे बड़ा दाग़ यह लगा है कि भारी बहुमत से सरकार चलाने के बावजूद उसने दस साल के शासन में राज्य पर सात मुख्यमंत्री थोप डाले. पार्टी की नाकामी यह भी है कि अब तक उसका कोई भी मुख्यमंत्री अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सका.

पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली

पुष्कर सिंह धामी बीते चार महीनों में उत्तराखंड भाजपा की ओर से चुने गए तीसरे मुख्यमंत्री हैं. 45 वर्षीय धामी राज्य के अब तक के सबसे युवा मुख्यमंत्री हैं. धामी के अलावा 11 मंत्रियों ने भी शपथ ली है. मंत्रिमंडल में सभी पुराने चेहरों को बरक़रार रखा गया है और एकमात्र बदलाव यही किया गया है कि सभी को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है. मंत्रिमंडल में अभी कोई भी राज्य मंत्री नहीं है.

पुष्कर सिंह धामी होंगे उत्तराखंड के अगले मुख्यमंत्री

खटीमा से भाजपा विधायक पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड के 11वें मुख्यमंत्री होंगे. उनका शपथ ग्रहण समारोह रविवार को होगा. उत्तराखंड भाजपा ने पिछले चार महीने में राज्य के लिए तीसरा मुख्यमंत्री चुना है. इससे पहले बीते शुक्रवार को तीरथ सिंह रावत ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया था. बीते नौ मार्च को उत्तराखंड भाजपा में उपजे असंतोष के कारण त्रिवेंद्र सिंह रावत को भी मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ा था.

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत का इस्तीफ़ा, उत्तराखंड में चार महीने में तीसरा सीएम चुना जाएगा

पौड़ी से लोकसभा सांसद तीरथ सिंह रावत को भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व द्वारा त्रिवेंद्र सिंह रावत के स्थान पर मुख्यमंत्री चुना गया था. उत्तराखंड भाजपा में उपजे असंतोष के कारण त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बीते नौ मार्च को पद से इस्तीफ़ा दे दिया था. नियमों के मुताबिक निर्वाचन आयोग संसद के दोनों सदनों और राज्‍यों के विधायी सदनों में ख़ाली सीटों के रिक्त होने की तिथि से छह माह के भीतर उपचुनाव द्वारा भरने के लिए अधिकृत है. तीरथ सिंह

उत्तराखंड: विकास की जगह भाजपा को चौकीदार, राष्ट्रवाद, सर्जिकल स्ट्राइक और मोदी मैजिक का सहारा

लोकसभा चुनाव: भाजपा हो या कांग्रेस दोनों के इर्द-गिर्द ही उत्तराखंड की राजनीति का पहिया राज्य बनने के दौर से घूम रहा है. चाल-चरित्र के मामले में दोनों में कोई भी बुनियादी फ़र्क़ न होने से अलग राज्य बनने के पीछे के सपने चकनाचूर होते चले गए.

उत्तराखंड की भाजपा सरकार को जनता की नहीं, माफियाओं की फ़िक्र है

बेबस व लाचार लोग बिना इलाज के दम तोड़ रहे हैं. ऐसे में अगर मेडिकल की पढ़ाई का रेट एक करोड़ कर देंगे तो जिस धन पशु के पास दौलत होगी, वही पैसा देकर अपनी संतान को डॉक्टर बनाएगा. जब पर्वतीय बच्चे डॉक्टर बनने के अधिकार से वंचित कर दिए जाएंगे तो दुर्गम क्षेत्रों में बिना डॉक्टरों के जिन अस्पतालों में ताले पड़े हैं, उनमें कौन झांकने जाएगा.

उत्तराखंड: गैरसैंण को राजधानी बनाने की मांग को सरकारों ने क्यों अनसुना किया?

‘पहाड़ की राजधानी पहाड़ में’ के नारे के साथ गैरसैंण को राजधानी बनाए जाने का आंदोलन एक बाद फिर तूल पकड़ता नज़र आ रहा है.

गोमूत्र के औषधीय गुणों को पहली बार हमारी सरकार ने पहचाना: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री

गोरक्षक बलिदान दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि हर दिन एक लाख लीटर गोमूत्र इकट्ठा कर उनका प्रयोग ऐसी दवाइयां बनाने में किया जाता है जो त्वचा और हृदय की बीमारियों के उपचार में काम आती हैं.