कर्नाटक के उच्च शिक्षा मंत्री एमसी सुधाकर ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के साथ बैठक के बाद कहा कि हिजाब पहनने वाले उम्मीदवारों को कर्नाटक परीक्षा प्राधिकरण (केईए) द्वारा आयोजित भर्ती परीक्षाओं में उपस्थित होने की अनुमति दी जाएगी. उन्होंने कहा कि पोशाक पर कोई भी प्रतिबंध व्यक्तियों के अधिकारों का उल्लंघन होगा.
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने लोकसभा में बताया कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों में एससी, एसटी और ओबीसी उम्मीदवारों के लिए 7,033 पद स्वीकृत हैं, जिनमें से 1 जुलाई तक 3,007 पद ख़ाली थे.
आरटीआई क़ानून के तहत दी गई जानकारी में रेलवे ने कहा है कि एक जून तक ‘लेवल-1’ या प्रवेश स्तर के कर्मचारियों सहित ‘ग्रुप-सी’ श्रेणी में 2,74,580 पद ख़ाली हैं. इसमें सुरक्षा श्रेणी में 1,77,924 रिक्तियां शामिल हैं.
केंद्रीय सचिवालय सेवा (सीएसएस) के प्रतिनिधित्व निकाय सीएसएस फोरम ने कहा कि अगर समय पर पदोन्नति नहीं दी गई तो केंद्रीय सचिवालय में सेक्शन अफसर (एसओ) ग्रेड में 50 प्रतिशत से अधिक रिक्तियां होंगी. फोरम ने बीते 8 जून को इस संबंध में केंद्रीय राज्य मंत्री (कार्मिक विभाग) जितेंद्र सिंह को एक पत्र लिखा था.
केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुभाष सरकार ने लोकसभा में बताया कि केंद्रीय विद्यालयों में शिक्षकों के 12,099 तथा ग़ैर-शिक्षण कर्मचारियों के 1,312 पद ख़ाली हैं. इसी तरह जवाहर नवोदय विद्यालयों में शिक्षकों के 3,271 तथा ग़ैर-शिक्षण कर्मचारियों के 1,756 पद खाली हैं.
समिति ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा नई दिल्ली स्थित एम्स को रिक्त पदों को भरने के लिए आवश्यक निर्देश दिए जाने के बावजूद ग्रुप-ए के कुल 404 मेडिकल पद ख़ाली हैं. इसी तरह ग्रुप-बी के 26.82 फीसदी और ग्रुप-सी के 20.73 फीसदी पद भी भरे नहीं गए हैं.
लोकसभा में प्रस्तुत संसद की एक समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि एम्स, दिल्ली में उचित पात्रता, योग्यता, पूरी तरह से अनुभवी होने के बावजूद एससी/एसटी उम्मीदवारों को शामिल नहीं किया जा रहा. अनौपचारिक आधार पर अस्पताल में काम करने वाले अनुसूचित जाति/जनजाति समुदायों के कनिष्ठ कर्मचारियों का चयन उस समय नहीं किया गया जब पदों को नियमित किया जा रहा था.
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी के अनुसार, मई में भारत की बेरोज़गारी दर 7.1% रही. आंकड़े मूल रूप से दावा करते हैं कि सही प्रकार की नौकरियां न मिलने से निराश होकर कामकाजी उम्र के 90 करोड़ भारतीयों में से आधों, विशेष रूप से महिलाओं, ने रोज़गार की तलाश करना ही बंद कर दिया है.
रेलवे में पदों को ख़त्म करने को लेकर भाजपा सांसद वरुण गांधी ने कहा कि समाप्त होती हर नौकरी रेलवे की तैयारी कर रहे करोड़ों युवाओं की उम्मीदें तोड़ रही है. यह ‘वित्तीय प्रबंधन’ है या ‘निजीकरण’ की तरफ बढ़ाया जा रहा कदम? वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार नई नौकरियां देने में नहीं, बल्कि बची हुईं नौकरियां छीनने में सक्षम है.
चार जनवरी को इलाहाबाद में रहकर पढ़ाई और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्र अचानक सड़कों पर निकल आए और ताली-थाली पीटते हुए लंबित भर्तियों को भरने की मांग करने लगे. उनका कहना था कि वे रोज़गार जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे पर सोई हुई सरकार को नींद से जगाना चाहते हैं.
शिक्षा राज्य मंत्री सुभाष सरकार ने राज्यसभा में बताया कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के 6,229 पद जबकि ग़ैर-शिक्षण श्रेणी में 13,782 पद ख़ाली हैं. आईआईटी में शिक्षकों के 3,230 व ग़ैर-शिक्षण वर्ग में 4,182 पद रिक्त हैं. इसके अलावा आईआईएम में शिक्षकों के 403 पद ख़ाली हैं.
सुप्रीम कोर्ट एससी और एसटी वर्ग से संबंधित कर्मचारियों को पदोन्नति में आरक्षण से संबंधित मुद्दे पर दलीलें सुन रही थी. केंद्र ने बताया कि समूह ‘ए’ और ‘बी’ की नौकरियों में प्रतिनिधित्व कम है, वहीं समूह ‘सी’ और ‘डी’ में प्रतिनिधित्व अधिक है. एससी और एसटी के लिए समूह ‘ए’ और ‘बी’ में उच्च पद पाना अधिक कठिन है.
महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने लोकसभा में कहा कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना राज्य प्रशासन का कर्तव्य है. एक अन्य प्रश्न के जवाब में उन्होंने बताया कि देश में बाल विकास परियोजना अधिकारी के 2,191 पद और आंगनवाड़ी महिला निरीक्षक के 16,970 पद रिक्त हैं.
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने लोकसभा में बताया कि देश के 45 केंद्रीय विश्वविद्यालयों, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, भारतीय विज्ञान, शिक्षा और अनुसंधान संस्थान तथा भारतीय विज्ञान संस्थान में अनुसूचित जाति श्रेणी में 2,608, अनुसूचित जनजाति श्रेणी में 1,344 पद और अन्य पिछड़ा वर्ग श्रेणी में 4,821 पद रिक्त हैं.
पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, पुलिस बलों में महिलाओं की संख्या 215,504 है, जो भारत में कुल पुलिस बल का 10.30 फ़ीसदी है. पिछले वर्ष की तुलना में महिला पुलिसकर्मियों की संख्या में 16.05 प्रतिशत का इज़ाफ़ा हुआ है. वहीं, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में महिलाओं की संख्या महज़ 2.98 फ़ीसदी है. इन बलों में कुल 29,249 महिला जवान हैं.