कर्नाटकः माहवारी में महिलाओं कोविड टीका न लगाने का आरोप, प्रशासन ने इनकार किया

कर्नाटक के रायचूर, बेलगावी और बीदर ज़िलों के टीकाकरण केंद्रों से ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां केंद्रों पर मौजूद स्टाफकर्मी माहवारी के दौरान यहां आने वाली महिलाओं को बिना टीका लगाए वापस भेज दिया. उनका कहना था कि ऐसे में टीका लगाने से महिलाओं में नकारात्मक प्रभाव सामने आते हैं.

पेटेंट धारकों के अधिकारों से ज़्यादा प्रबल जीवन का अधिकार होना चाहिए: एनएचआरसी प्रमुख

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष जस्टिस अरुण मिश्रा मानवाधिकार परिषद की एक डिजिटल वैश्विक बैठक में कहा कि जीवन का अधिकार प्रबल होना चाहिए, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि दुनिया भर में कोविड से संबंधित जीवन रक्षक दवाओं और टीकों की कमी दूर हो. इसके अलावा निर्धन लोगों को दवाएं और टीके किफ़ायती मूल्य पर उपलब्ध हो सकें.

कोवैक्सीन में बछड़े के सीरम के बारे में सोशल मीडिया पर तथ्य तोड़-मरोड़ कर पेश किए गए: केंद्र

कांग्रेस नेता गौरव पांधी ने एक आरटीआई के जवाब में मिले दस्तावेज़ को साझा करते हुए कोवैक्सीन में गाय के बछड़े के सीरम का इस्तेमाल किए जाने का दावा किया था. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि नवजात बछड़े के सीरम का इस्तेमाल केवल वेरो कोशिकाएं तैयार करने और उनके विकास के लिए ही किया जाता है. वैक्सीन के अंतिम रूप में बछड़े का सीरम बिल्कुल नहीं होता.

कोविशील्ड अंतराल बढ़ाने पर विशेषज्ञों की असहमतियों की ख़बरों को केंद्र ने खारिज़ किया

भारत सरकार ने जिस वैज्ञानिक समूह की मंज़ूरी के आधार पर कोविशील्ड की दो खुराक के बीच के अंतर को दोगुना किया था, उस वैज्ञानिक सलाहकार समूह के तीन सदस्यों ने इससे इनकार किया था. इस पर स्पष्टीकरण देते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि तीनों में से किसी सदस्य ने असहमति व्यक्त नहीं की थी.

वैज्ञानिक समिति के सदस्यों ने कहा- नहीं की थी कोविशील्ड खुराक में अंतर दोगुना करने की सिफ़ारिश

केंद्र सरकार ने जिस वैज्ञानिक समूह की मंज़ूरी के आधार पर कोविशील्ड वैक्सीन की दो खुराक के बीच के अंतर को 6-8 सप्ताह से बढ़ाकर 12-16 सप्ताह करने का दावा किया था, उसके तीन प्रमुख सदस्यों ने कहा है कि इस टीके की दो खुराक के अंतर को दोगुना करने की सिफ़ारिश के लिए निकाय के पास पर्याप्त डेटा नहीं है.

कोविशील्ड की खुराकों में अंतराल में बदलाव को लेकर उचित वैज्ञानिक अध्ययन की ज़रूरत: सरकार

कोविशील्ड की दो खुराकों के बीच अंतर को थोड़ा कम करने की बात कहने वाले कुछ अध्ययनों की ख़बरों के संदर्भ में नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वीके पॉल ने कहा कि इस तरह की चिंताओं पर बिना हड़बड़ी के संतुलित रुख़ की ज़रूरत है. बीते महीनों में कोविशील्ड की खुराकों के बीच का समयांतर दो बार बढ़ाया गया है.

वैक्सीन वितरण में असमानता: निजी क्षेत्र के लिए निर्धारित कोटे का 50 फीसदी नौ अस्पतालों ने खरीदा

मई महीने में केंद्र द्वारा वैक्सीन पॉलिसी में संशोधन किए जाने और इसे बाज़ार के लिए खोलने के बाद वैक्सीन की कुल 1.20 करोड़ खुराक में से 60.57 लाख नौ निजी अस्पतालों ने खरीदी हैं. बाकी पचास फीसदी टीके भी अधिकतर शहरों में बने 300 अस्पतालों द्वारा खरीदे गए हैं.

आंकड़े दिखाते हैं कि सरकार को जितने टीके मिले, उससे 6.95 करोड़ अधिक वितरित किए: आरटीआई कार्यकर्ता

आरटीआई कार्यकर्ता लोकेश बत्रा ने अपने आवेदनों पर आए केंद्र के जवाबों और सरकार द्वारा सार्वजनिक की गई जानकारी की तुलना करते हुए सवाल किया है कि यह कैसे संभव है कि 2 मई तक केंद्र ने केवल 16.23 करोड़ टीके प्राप्त किए थे, पर तब उसके द्वारा 23.18 करोड़ टीकों की खुराक वितरित या आपूर्ति की बात कही गई थी.

कोरोना की दूसरी लहर के लिए पीएम ज़िम्मेदार, टीकाकरण की गति यही रही तो और लहरें आएंगी: राहुल

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि आप प्रधानमंत्री है, आप ज़िम्मेदारी किसी और पर नहीं डाल सकते हैं. लब्बोलुआब यह है कि आप ज़िम्मेदार हैं. अब तक भारत की केवल 3 प्रतिशत आबादी का ही टीकाकरण क्यों किया गया है? प्रधानमंत्री ने टीकों का निर्यात किया, क्योंकि वह यह समझ ही नहीं पाए कि हो क्या रहा है. इस बीच आम आदमी पार्टी ने कहा कि भारत बायोटेक और सीरम इंस्टिट्यूट को फायदा पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार टीकों

टीके की कमी के बीच रोज़ाना होने वाला टीकाकरण 35 प्रतिशत तक कम हुआ: रिपोर्ट

क्रिसिल के रिपोर्ट में बताया गया है कि देश में टीके की उपलब्धता की राष्ट्रीय स्तर पर कमी के कारण 23 मई तक रोज़ाना होने वाला टीकाकरण प्रति दस लाख की आबादी पर कम होकर 980 रह गया है, जबकि उससे एक हफ़्ते पहले यह प्रति दस लाख की आबादी पर 1,455 था. यह 35 फ़ीसदी से ज़्यादा की कमी है. वैश्विक स्तर पर टीकाकरण का औसत प्रति दस लाख की आबादी पर 3,564 है.

अमीर-ग़रीब देश का भेद मिटा कोविड टीकों का वितरण नैतिक रूप से ज़रूरी: दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति

दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति साइरिल रामाफोसा ने कहा ​है कि संपन्न देशों में लाखों लोगों का टीकाकरण हो चुका है, जबकि ग़रीब देशों में अरबों लोग टीके का इंतज़ार कर रहे हैं. महामारी के ख़ात्मे के लिए प्रभावी और समावेशी वैश्विक टीकाकरण बहुत ज़रूरी है. आप तब तक सुरक्षित रहने की उम्मीद नहीं कर सकते, जब तक कि हम सभी सुरक्षित न हों.

कोविशील्ड टीके की दो डोज़ के बीच का समय 6-8 सप्ताह बढ़ाकर 12-16 हफ़्ता किया गया: सरकार

पिछले कुछ महीनों में दूसरी बार ऐसा हुआ है, जब कोविशील्ड टीके की दो डोज के बीच का समयांतर बढ़ाया गया है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मार्च में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा था कि वह दो डोज के बीच समयांतर को 28 दिनों से बढ़ाकर 6 से 8 सप्ताह तक कर दें. कोवैक्सीन के दो डोज के बीच के समय में बदलाव नहीं किया गया है.

महाराष्ट्र: टीके की कमी के बीच स्वास्थ्य मंत्री के गृह ज़िले को मिली अतिरिक्त खुराक

एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बीते 31 मार्च को जब केंद्र से महाराष्ट्र को मिली 26.77 लाख वैक्सीन की खुराक को सभी ज़िलों में बांटा गया था, तब राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे के गृह ज़िले जालना को उसके लिए आवंटित सत्रह हज़ार खुराक के साथ 60 हज़ार अतिरिक्त खुराक मिली थी.

कर्नाटक: चामराजनगर ज़िला अस्पताल में ऑक्सीजन की कथित कमी से 24 मरीज़ों की मौत

कर्नाटक के चामराजनगर में ज़िला अस्पताल में ये मौतें पिछले 24 घंटे के दौरान हुई हैं. मृतकों में कोविड-19 के 23 मरीज भी हैं. मृतकों के परिवारों ने आरोप लगाया कि यहां ऑक्सीजन की कमी थी. हालांकि चामराजनगर ज़िला प्रभारी मंत्री ने कहा कि ज़रूरी नहीं कि सभी की मौत ऑक्सीजन की कमी के कारण हुई हो.

कोविशील्ड और कोवैक्सिन की पहली खुराक लेने के बाद 21 हज़ार से ज़्यादा लोग संक्रमित हुए: सरकार

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद महानिदेशक बलराम भार्गव ने बताया कि 1,737,178 व्यक्तियों ने कोवैक्सिन की दूसरी खुराक ली थी, उनमें से केवल 695 लोग संक्रमित हुए हैं. इसी तरह 15,732,754 व्यक्तियों ने कोविशील्ड टीके की दूसरी खुराक ली थी, उनमें से 5,014 संक्रमित पाए गए हैं. उन्होंने कहा कि यह छोटी संख्या है और चिंताजनक नहीं है.