आगरा हिरासत मौत: पीड़ित परिवार को मुआवज़े-नौकरी का वादा, ग्यारह पुलिसकर्मी निलंबित

आगरा के जगदीशपुरा थाने के मालखाने से 25 लाख रुपये चुराने के आरोप में गिरफ़्तार किए गए थाने के सफाईकर्मी की कथित रूप से पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी. मामले को लेकर विपक्षी दलों ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए घटना की स्वतंत्र जांच की मांग की है. जिला प्रशासन ने बताया कि पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपये की सहायता राशि और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने का निर्णय लिया गया है.

वाल्मीकि की तालिबान से तुलना का आरोप: यूपी के बाद मध्य प्रदेश में मुनव्वर राना के ख़िलाफ़ केस दर्ज

मशहूर शायर मुनव्वर राना पर महर्षि वाल्मीकि की तुलना तालिबान से करने का आरोप है. इस संबंध में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में केस दर्ज होने के बाद मध्य प्रदेश के गुना शहर में एफ़आईआर दर्ज कराई गई है. राना ने कथित तौर पर कहा था कि वाल्मीकि रामायण लिखने के बाद भगवान बन गए. इससे पहले वह एक डकैत थे. इसी तरह तालिबान अभी आतंकवादी हैं, लेकिन लोग और चरित्र बदलते हैं.

उत्तर प्रदेश: ग़ाज़ियाबाद के गांव में वाल्मीकि समुदाय के लोगों ने क्यों बौद्ध धर्म अपनाया

वीडियो: उत्तर प्रदेश के हाथरस में दलित युवती के कथित बलात्कार और मौत के बाद प्रशासन के व्यवहार से आहत ग़ाज़ियाबाद के करहैड़ा गांव के वाल्मीकि समुदाय के 236 लोगों ने बीते 14 अक्टूबर को बौद्ध धर्म स्वीकार कर लिया था.

ग़ाज़ियाबादः वाल्मीकि समुदाय के 236 लोगों के धर्म परिवर्तन मामले में एफ़आईआर दर्ज

उत्तर प्रदेश के हाथरस में दलित युवती के कथित बलात्कार और मौत के बाद प्रशासन के व्यवहार से आहत ग़ाज़ियाबाद के करहैड़ा गांव के दलित समुदाय के 236 लोगों ने बीते 14 अक्टूबर को हिंदू धर्म छोड़कर बौद्ध धर्म स्वीकार कर लिया था.

गाज़ियाबाद: हाथरस मामले से आहत वाल्मीकि समुदाय के 236 लोगों ने बौद्ध धर्म अपनाया

गाज़ियाबाद के करहैड़ा गांव में बौद्ध धर्म अपनाने वाले एक शख़्स ने कहा कि उन्होंने पहले भी धर्म परिवर्तन पर विचार किया था लेकिन हाथरस की घटना ने उन्हें बुरी तरह हिला दिया. इन सभी 236 लोगों ने डॉ. बीआर आंबेडकर के परपौत्र राजरत्न आंबेडकर की मौजूदगी में बौद्ध धर्म अपनाया है.

अनुच्छेद 370: क्या असल में भाजपा जम्मू कश्मीर के दलितों के अधिकारों के लिए फिक्रमंद है

जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35 ए हटाने की बहस के दौरान भाजपा के कई नेताओं ने दलितों को राज्य में आरक्षण का पूरा लाभ मिलने का ज़िक्र किया. यह भी कहा गया कि डॉ. आंबेडकर भी ऐसा चाहते थे. लेकिन क्या वास्तव में 370 हटने के पहले राज्य में दलितों की स्थिति ख़राब थी?