राजस्थान में पिछली वसुंधरा राजे सरकार ने क़रीब 20,000 प्राथमिक सरकारी स्कूलों को माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में मर्ज कर दिया था. इस फैसले का लगभग 10 लाख बच्चों पर असर हुआ.
राजस्थान के अजमेर में हुई सभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वोट बैंक की राजनीति करने वाले हिंदू, मुस्लिम, अगड़े-पिछड़े जैसे मुद्दों को लेकर समाज को बांटते हैं. हम लोग वोट बैंक की राजनीति में नहीं, ‘सबका साथ सबका विकास’ में विश्वास रखते हैं.
विशेष रिपोर्ट: बीते 30 अगस्त को प्रदेश के अख़बारों में प्रकाशित एक विज्ञापन में राजस्थान सरकार ने भरतपुर ज़िले में स्थित एक स्कूल के कायाकल्प से जुड़े कई दावे किए थे, जिनकी ज़मीनी सच्चाई कुछ और है.
राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के विधानसभा क्षेत्र झालावाड़ में भाजपा कार्यकर्ताओं ने 9 अगस्त को ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ की तर्ज पर ‘वसुंधरा झालावाड़ छोड़ो’ आंदोलन चलाया. लगभग 1000 कार्यकर्ताओं ने 500 मोटरसाइकल पर सवार होकर रैली निकाली और नारे लगाए.
हाईकोर्ट की खंडपीठ ने 20 जुलाई को प्रोजेक्ट से जुड़ी ज़मीन पर किसी भी प्रकार का निर्माण करने पर पाबंदी लगाई थी, लेकिन पतंजलि ट्रस्ट की ओर से चारदीवारी और दरवाज़ा बनाने का काम तेज़ गति से चल रहा है.
राजस्थान हाईकोर्ट ने विवादित ज़मीन पर किसी भी प्रकार के निर्माण, रजिस्ट्री व लीज़ डीड करने पर पाबंदी लगाते हुए देवस्थान विभाग को रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है. द वायर ने किया था गड़बड़ियों का खुलासा.
विशेष रिपोर्ट: जिस ज़मीन को मंदिर ट्रस्ट अपनी बता रहा है उस पर पीढ़ियों से किसान खेती कर रहे हैं. जागीर एक्ट लागू होने के बाद उनका इस पर क़ानूनी हक़ हो गया, लेकिन ट्रस्ट इसे बाबा रामदेव को सौंपना चाहता है.
भाजपा से छह बार विधायक और दो बार मंत्री रहे राजस्थान के घनश्याम तिवाड़ी ने यह पत्र पार्टी से इस्तीफ़ा देते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को लिखा है.
आपातकाल लागू होने के दिन इस्तीफ़ा देने पर घनश्याम तिवाड़ी ने कहा कि पिछले चार साल से देश अघोषित आपातकाल के दौर से गुज़र रहा है.
द वायर हिंदी ने 20 जून को प्रकाशित रिपोर्ट में खुलासा किया था कि राजस्थान के करौली में रामदेव के भारत स्वाभिमान ट्रस्ट ने यह ज़मीन अवैध तरीके से लीज़ पर ली है और राज्य सरकार नियमों को ताक पर रखकर इसका नियमन करना चाहती है.
बेस्ट ऑफ 2018: बाबा रामदेव को न सिर्फ़ मंदिर की इस ज़मीन को अवैध तरीके से लीज़ पर दिया गया, बल्कि राजस्थान की वसुंधरा राजे सरकार नियमों का उल्लंघन कर इसका नियमन करने की तैयारी में है.
स्वामीनाथन आयोग की सिफ़ारिशें लागू करने और कुछ अन्य मांगों को लेकर किसानों ने अपना आंदोलन वापस तो ले लिया है, लेकिन यह कभी भी राजस्थान की वसुंधरा राजे सरकार के गले की फांस बन सकता है.
राजस्थान सरकार द्वारा आवश्यक सेवाएं रखरखाव अधिनियम लागू कर 86 डॉक्टरों को गिरफ्तार किए जाने के बाद राज्य के डॉक्टरों की हड़ताल का एम्स के डॉक्टरों ने समर्थन किया.
कांग्रेस ने कहा कि भाजपा पार्टी के अंदर जिस तरह चाहे अपने नेता को याद करे, लेकिन सरकार को इससे जोड़ना नियमों के विरुद्ध. आदेश के ख़िलाफ़ जाएगी कोर्ट.
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि आज कोई तबका राजस्थान सरकार से खुश नहीं है. व्यापारी जीएसटी से दुखी है. युवा नौकरी के रास्ते नहीं खुलने से परेशान हैं.
हज़ारों की तादाद में ऐसे नवयुवक तैयार हैं जो अब धर्म के नाम पर जान लेने और देने के लिए तत्पर हैं.
राजस्थान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट ने वसुंधरा राजे सरकार पर हमला बोलते हुए कहा, 5 साल में 15 लाख रोज़गार के वादे में से अब तक सिर्फ़ 89 हजार सीधी भर्तियां की गईं.
राष्ट्रीय प्रेस दिवस के मौके पर राजस्थान की वसंधुरा सरकार के ‘काले क़ानून’ पर अपना विरोध दर्ज कराते हुए राजस्थान पत्रिका अख़बार ने अपना संपादकीय ख़ाली छोड़ दिया.
जयपुर में नींदड आवासीय योजना के विरोध में किसानों ने पिछले महीने ज़मीन समाधि सत्याग्रह किया था.
तीन महीने से अपनी 33 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे डॉक्टर सरकार से बातचीत विफल होने के बाद अब काम पर नहीं आएंगे.
अख़बार के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी ने एक लेख में लिखा, वसुंधरा राजे जब तक विवादित क़ानून को वापस नहीं लेतीं, तब तक अख़बार उनसे संबंधित समाचारों का प्रकाशन नहीं करेगा.’
राजस्थान ने पत्रकारों पर क़ानून के दस्ताने पहनकर हाथ डाला. छत्तीसगढ़ और यूपी की पुलिस ने एक प्रतिष्ठित पत्रकार के घर में मुंह-अंधेरे घुसकर बेशर्मी का परिचय दिया.
राजस्थान सरकार एक नया विधेयक लाई है, जिसके मुताबिक किसी भी लोकसेवक के ख़िलाफ़ मुक़दमे के लिए सरकार की मंज़ूरी लेना आवश्यक होगा.
राजस्थान सरकार की वेबसाइट पर कहा गया, नये अध्यादेश में भ्रष्ट लोकसेवकों को कोई संरक्षण नहीं, यह संशोधन झूठे मुक़दमों पर अंकुश लगाने के लिए हैं.
एडिटर्स गिल्ड ने कहा, यह विधेयक मीडिया को परेशान करने का एक घातक साधन है, जो सरकारी कर्मियों के ग़लत कृत्यों को छुपाता है और प्रेस की स्वतंत्रता पर रोक लगाता है.
राजस्थान में वसुंधरा सरकार सोमवार से शुरू हो रहे विधानसभा के सत्र में एक ऐसा विधेयक लाने जा रही है जो सांसद, विधायक, जज और अफसरों को कानूनी कार्रवाई से कवच प्रदान करेगी.
जयपुर विकास प्राधिकरण के नींदड़ आवासीय योजना के विरोध में पिछले दो दिनों से चल रहा है आंदोलन.