प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को संसद में भाषण देते हुए महाराष्ट्र और दिल्ली सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा था कि लॉकडाउन के दौरान उन्होंने प्रवासियों को पलायन के लिए उकसाया था, जिससे कोरोना संक्रमण फैला.
पिछले दशकों में गुजरात भाजपा का सबसे सुरक्षित गढ़ रहा है और आज की तारीख़ में वह प्रधानमंत्री व गृहमंत्री दोनों का गृह प्रदेश है. अगर उसमें भी भाजपा को हार का डर सता रहा है तो ज़ाहिर है कि उसने अपनी अजेयता का जो मिथक पिछले सालों में बड़े जतन से रचा था, वह दरक रहा है.
बीते 11 सितंबर को विजय रूपाणी ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया था, जिसके बाद 13 सितंबर को भूपेंद्र पटेल ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. नए मंत्रिपरिषद में किसी पुराने मंत्री को जगह न मिलने पर कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए कहा है कि दोनों ने अपनी नाकामियां छिपाने के लिए रूपाणी कैबिनेट के सभी मंत्रियों को बाहर कर दिया.
दिसंबर 2017 में दूसरी बार गुजरात के मुख्यमंत्री बने विजय रूपाणी ने 11 सितंबर को पद से इस्तीफ़ा दे दिया था. रूपाणी की बेटी राधिका ने एक फेसबुक पोस्ट के ज़रिये उन सभी लोगों को जवाब दिया है, जो उनके पिता की सरल छवि को लेकर उन पर निशाना साधे हुए थे.
गुजरात के गांधीनगर में विश्व हिंदू परिषद द्वारा आयोजित भारत माता के मंदिर में मूर्ति स्थापना समारोह को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने कहा कि अगर अगले 1,000-2,000 वर्षों में हिंदुओं की संख्या कम हो जाती है और दूसरे धर्म के लोगों की संख्या बढ़ जाती है, तो कोई अदालत नहीं होगी, लोकसभा, संविधान, धर्मनिरपेक्षता, ये सब कुछ हवाहवाई हो जाएगा, कुछ भी नहीं रहेगा.
गुजरात सरकार की ओर से पेश हुए वकील ने कहा था कि यह क़ानून अंतरधार्मिक विवाह पर प्रतिबंध नहीं लगाता है. इस पर न्यायालय ने कहा कि संशोधित क़ानून की भाषा स्पष्ट नहीं है, नतीजतन अंतरधार्मिक विवाह करने वालों पर हमेशा तलवार लटकती रहेगी. जमीयत उलेमा-ए-हिंद की गुजरात शाखा ने पिछले महीने एक याचिका में कहा था कि क़ानून की कुछ संशोधित धाराएं असंवैधानिक हैं.
गुजरात के सूरत के अठवा, सलबतपुरा, चौक बाज़ार, महिधरपुरा, सैयदपुरा, लालगेट, रांदेर और लिंबायत पुलिस थाना इलाकों में इस अवधि को बढ़ाया गया है. इन इलाकों में कई असामाजिक तत्वों द्वारा बल या दबाव के ज़रिये संपत्तियों पर क़ब्ज़ा करने की घटनाओं को कम करने के लिए यह फैसला किया गया है.
मामला बनासकांठा का है, जहां 05 से 18 मई के बीच आरोपियों ने अपने यूट्यूब चैनल पर मुख्यमंत्री के भाषण के छह एडिटेड वीडियो अपलोड किए थे, जिनमें मीम्स जोड़े गए थे. आरोप लगाया गया है कि इन्होंने कथित तौर पर रूपाणी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के इरादे से उनके वीडियो से छेड़छाड़ की.
गुजरात के वडोदरा शहर के एक थाने आरोपी 26 वर्षीय समीर क़ुरैशी उनके माता-पिता, बहन चाचा और एक अन्य व्यक्ति के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज कराई है. पुलिस ने इन्हें हिरासत में ले लिया है. 24 वर्षीय युवती ने आरोप लगाया है कि सोशल मीडिया पर ग़लत पहचान के ज़रिये शादी के नाम पर आरोपी ने उनके साथ कई बार बलात्कार किया और जबरन धर्म परिवर्तन कराया.
गुजरात धर्म की स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक के अनुसार, शादी करके या किसी की शादी कराके या शादी में मदद करके जबरन धर्मांतरण कराने पर तीन से पांच साल तक की क़ैद की सज़ा सुनाई जा सकती है और दो लाख रुपये तक का जुर्माना लग सकता है. भाजपा शासित उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और हिमाचल प्रदेश में इसी तरह के क़ानून पहले से ही प्रभावी हैं.
गुजरात के वडोदरा शहर का मामला. महिला के परिवार ने राज्य में हाल ही में पारित धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक, 2021 के तहत जबरन धर्मांतरण का मामला दर्ज करने की मांग की थी, लेकिन महिला ने आरोप से इनकार कर दिया. इसके बाद परिवार को शिकायत वापस लेनी पड़ी.
गुजरात विधानसभा ने ‘गुजरात धार्मिक स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक, 2021’ को मंज़ूरी दे दी. इसमें अधिकतम 10 वर्ष की सज़ा का प्रावधान है. विधेयक के अनुसार, शादी करके या किसी की शादी कराके या शादी में मदद करके जबरन धर्मांतरण कराने पर तीन से पांच साल तक की क़ैद की सजा सुनाई जा सकती है और दो लाख रुपये तक का जुर्माना लग सकता है.
गुजरात के गृह विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, 31 दिसंबर 2020 तक पिछले दो साल में राज्य के विभिन्न हिस्सों में 1,944 हत्याएं, 3,095 बलात्कार, अपहरण के 4,829 मामले और आत्महत्या के 14,000 से अधिक मामले सामने आए हैं. इसके अलावा 198.30 करोड़ मूल्य की भारत में निर्मित विदेशी शराब की 15 करोड़ से अधिक बोतलें ज़ब्त की गई हैं.
इन सीटों पर जीत दर्ज करने के बाद 182 सदस्यीय गुजरात विधानसभा में भाजपा सदस्यों की संख्या बढ़कर अब 111 पहुंच गई है. जून में राज्यसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के आठ विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था. इनमें से पांच ने भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की.
राज्य सरकार द्वारा प्राइवेट लैब में कोविड टेस्ट करवाने के लिए उसकी अनुमति लेना अनिवार्य कर दिया गया है, ऐसे में अहमदाबाद में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच अस्पतालों में ढेरों कोविड संभावित मरीज़ भर्ती होने के कई दिन बाद भी टेस्ट के लिए इंतज़ार करने को मजबूर हैं.