हरियाणा में गोरक्षकों के एक प्रमुख चेहरे मोनू मानेसर, जुनैद और नासिर की हत्याकांड मामले में नामित 21 आरोपियों में से एक हैं. 16 फरवरी को हरियाणा के भिवानी में एक वाहन में दोनों चचेरे भाइयों के जले हुए शव पाए गए थे. मृतकों के ख़िलाफ़ गो-तस्करी के आरोप लगाए जाने के बाद इस घटना को अंजाम दिया गया था.
राजस्थान के जुनैद और नासिर 15 फरवरी को भरतपुर से लापता हो गए थे. अगले दिन उनके जले हुए शव हरियाणा के भिवानी ज़िले में मिले थे. परिवार ने बजरंग दल के सदस्यों पर हत्या का आरोप लगाया था, जिनमें बजरंग दल सदस्य और हरियाणा सरकार की गोरक्षा टास्क फोर्स के सदस्य मोनू मानेसर भी शामिल थे.
राजस्थान के जुनैद और नासिर 15 फरवरी को भरतपुर से लापता हो गए थे. अगले दिन उनके जले हुए शव हरियाणा के भिवानी जिले में मिले थे. परिवार ने बजरंग दल के सदस्यों पर हत्या का आरोप लगाया था. मामले में बजरंग दल सदस्य और हरियाणा सरकार की गोरक्षा टास्क फोर्स के सदस्य मोनू मानेसर भी आरोपी हैं.
बीते वर्ष अप्रैल में रामनवमी और हनुमान जयंती पर देश के विभिन्न राज्यों में सांप्रदायिक झड़प के मामले देखे गए थे. इस संबंध में ‘सिटीजंस एंड लॉयर्स इनिशिएटिव’ द्वारा द्वारा तैयार एक रिपोर्ट बताती है कि इन घटनाओं में समानताएं पाई गई हैं कि अल्पसंख्यक समुदाय के ख़िलाफ़ हिंसा को अंजाम देने के लिए कैसे धार्मिक आयोजनों का इस्तेमाल किया गया.
वीडियो: राजस्थान के भरतपुर ज़िले के घाटमीका गांव के रहने वाले जुनैद और नासिर के जले हुए शव हरियाणा के भिवानी में एक गाड़ी में मिले थे. घटना के महीनेभर बाद भी पुलिस द्वारा किसी आरोपी की गिरफ़्तारी नहीं हुई है. पीड़ितों के परिजनों का कहना है कि उनकी उम्मीद दिन पर दिन ख़त्म होती जा रही है.
हरियाणा सरकार ने जुनैद और नासिर के लिए न्याय की मांग को लेकर फ़िरोज़पुर झिरका इलाके में विरोध प्रदर्शन के दो दिन बाद रविवार को नूंह ज़िले में वॉयस कॉल को छोड़कर मोबाइल इंटरनेट, एसएमएस सेवाओं और डोंगल आधारित सभी इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया. गोतस्करी के आरोप में दोनों मुस्लिम युवकों को ज़िंदा जला दिया गया था.
वीडियो: हरियाणा के भिवानी ज़िले में गोतस्करी के आरोप ज़िंदा जलाकर मार दिए राजस्थान के भरतपुर ज़िले के रहने वाले जुनैद और नासिर की हत्या के विरोध में फ़िरोज़पुर झिरका में लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया.
भाजपा सरकार और हिंसक समूह अब अलग नहीं हैं. मोनू मानेसर ही सरकार है. यह ज़रूर है कि आरएसएस इस हिंसा को हर जगह संचालित नहीं करता, न ही भाजपा करती है. नरसिंहानंद हो या प्रमोद मुतालिक, उनके नियंत्रण से बाहर हैं. लेकिन उनकी हिंसा हमेशा आरएसएस और भाजपा को फ़ायदा पहुंचाती है.
हरियाणा के भिवानी में मारे गए जुनैद और नासिर के परिजन और रिश्तेदार राजस्थान के भरतपुर में न्याय की मांग के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं, जिसके लिए उन्हें ज़िला प्रशासन ने 'कारण बताओ नोटिस' भेजा है. मृतकों के रिश्तेदारों ने स्थानीय विधायक और राज्य की शिक्षा मंत्री ज़ाहिदा ख़ान पर प्रदर्शन ख़त्म करने का दबाव डालने का आरोप भी लगाया है.
ऑनलाइन कार स्वामित्व रिकॉर्ड से पता चलता है कि जुनैद-नासिर को अगवा करने के लिए इस्तेमाल की गई सफेद रंग की स्कॉर्पियो कार हरियाणा सरकार के पंचायत और विकास विभाग की है. हालांकि पुलिस ने द वायर को बताया कि हाल ही में इसकी ‘नीलामी’ कर दी गई थी. गोतस्करी के आरोप में दोनों मुस्लिम युवकों को ज़िंदा जला दिया गया था.
वीडियो: हरियाणा के हथीन में बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के सदस्यों द्वारा 22 फरवरी को बुलाई गई एक और ‘हिंदू महापंचायत’ में कथित गोरक्षक मोनू मानेसर पर कार्रवाई को लेकर मुस्लिमों और पुलिस के ख़िलाफ़ हिंसा का खुला आह्वान किया गया. मोनू का नाम भिवानी हत्याकांड के आरोपी के तौर पर सामने आया है.
हरियाणा के हथीन में बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के सदस्यों द्वारा 22 फरवरी को बुलाई गई दूसरी ‘हिंदू महापंचायत’ में गोरक्षक मोनू मानेसर पर कार्रवाई करने पर मुस्लिमों और पुलिस के ख़िलाफ़ हिंसा का खुला आह्वान किया गया. गोतस्करी के आरोप में ज़िंदा जला दिए जुनैद और नासिर की हत्या मामले में मोनू आरोपियों में शामिल हैं.
पुलिस ने बताया कि गुड़गांव के सेक्टर-45 में रमाडा होटल के पास बिहार निवासी अब्दुर्रहमान और उनके दोस्त मोहम्मद आज़म को दो व्यक्तियों ने कथित तौर मोबाइल फोन छीनने के बाद पीटा और उनके धर्म को लेकर अपशब्द कहे. हमलावरों से उन्हें सुअर का मांस खिलाने की बात भी कही और सफेद पाउडर खाने को मजबूर किया.
वरिष्ठ पत्रकार करण थापर ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' के संदर्भ में उनके लेख के प्रकाशित होने के कुछ देर बाद एशियन एज अख़बार के संपादक ने उन्हें फोन करके कहा कि समाचार पत्र के मालिकों ने विभाजन के दौरान जम्मू के मुस्लिमों के ख़िलाफ़ व्यापक हिंसा का वर्णन करने वाले हिस्से पर आपत्ति जताई है.
बीते कुछ दिनों से हरियाणा में एक के बाद एक हो रही महापंचायतें मुस्लिम-विरोधी आह्वानों से गूंज रहीं हैं. देश में मुसलमानों के ख़िलाफ़ भाषाई और शारीरिक हिंसा रोज़ हो रही है, लेकिन नफ़रत का यूं खुला आयोजनपूर्वक प्रचार क्या बिना मक़सद किया जा रहा है? क्या जब बड़ी हिंसा होगी, हत्याएं होंगी, तभी हम जागेंगे?