बिहार: फ्लोराइड से बर्बाद होती पीढ़ियां चुनावी मुद्दा क्यों नहीं है

ग्राउंड रिपोर्ट: गया शहर से 8 किलोमीटर दूर चूड़ी पंचायत के चुड़ामननगर में कमोबेश हर परिवार में कम से कम एक व्यक्ति पानी से मिले फ्लोराइड के चलते शरीर में आई अक्षमता से प्रभावित है. बड़े-बड़े चुनावी वादों के बीच इस क्षेत्र के लोगों को साफ़ पीने के पानी जैसी बुनियादी सुविधा भी मयस्सर नहीं है.

पहाड़ों पर प्राकृतिक जलस्रोतों की बर्बादी और पानी की अंतहीन खोज

पहाड़ों पर पानी उपलब्ध कराने वाले परंपरागत संसाधन उपेक्षित पड़े हैं. भारी भरकम बजट वाली बड़ी-बड़ी परियोजनाओं से पानी उपलब्ध करने के प्रयास किए जा रहे हैं लेकिन जल संरक्षण से जुड़ी पारंपरिक जानकारी को सहेजने-समेटने में न तो सरकारी विभागों कि रुचि है और न ही नई पीढ़ी की.

एनजीटी ने पानी की बर्बादी को दंडनीय अपराध बनाने की मांग पर केंद्र से रिपोर्ट मांगी

एनजीटी में याचिका दायर कर कहा गया है कि पानी की बर्बादी रोकने के लिए कदम नहीं उठाए जा रहे हैं और पानी बर्बाद करने को दंडनीय अपराध की श्रेणी में रखा जाना चाहिए.

2020 तक 21 शहरों का भूजल खत्म होने संबंधी नीति आयोग का दावा सवालों के घेरे में

नीति आयोग ने 14 जून, 2018 को प्रकाशित एक रिपोर्ट में दावा किया कि 2020 तक दिल्ली, बेंगलुरू, चेन्नई और हैदराबाद समेत 21 भारतीय शहरों का भूजल खत्म हो सकता है.

बिहार: चमकी बुखार से बच्चों की मौत के ख़िलाफ़ प्रदर्शन करने वाले 39 लोगों पर केस दर्ज

बीते 18 जून को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मुज़फ्फ़रपुर दौरे पर जाने के दौरान हरिवंशपुर गांव के लोगों ने चमकी बुखार से बच्चों की मौत और पानी की कमी को लेकर सड़क का घेराव किया था, जिसके चलते पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है. नामजदों में क़रीब आधे दर्जन वे लोग हैं जिनके बच्चों की मौत चमकी बुखार से हुई है.

देश में 60 करोड़ लोग गंभीर जल संकट के मुहाने पर: केंद्र सरकार

पेयजल एवं स्वच्छता राज्यमंत्री रमेश जिगजिनागी ने राज्यसभा में बताया कि देश में साल 2030 तक पानी की मांग उसकी उपलब्धता से दो गुनी हो जाएगी, इसलिए जल संसाधनों और उसके इस्तेमाल को लेकर बेहतर समझ बनाने की ज़रूरत है.

देशवासियों की प्यास बुझाने का चैलेंज कौन लेगा प्रधानमंत्री जी?

नीति आयोग की ताज़ा रपट तक में कहा गया है कि आधे से ज़्यादा देशवासी या तो प्यासे हैं या दूषित पानी पीने को अभिशप्त. गांवों में यह समस्या इस अर्थ में और विकट है कि वहां 84 प्रतिशत ग्रामीण इसकी ज़द में हैं.

भारत में सबसे गंभीर जल संकट, साफ़ पानी न मिलने से हर साल दो लाख लोगों की मौत: नीति आयोग

रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में करीब 60 करोड़ लोग पानी की गंभीर किल्लत का सामना कर रहे हैं. 2030 तक देश में पानी की मांग उपलब्ध जल वितरण की दोगुनी हो जाएगी और देश की जीडीपी में छह प्रतिशत की कमी देखी जाएगी.

लगभग एक तिहाई आबादी दूषित जल पीने को मजबूर, राजस्थान और प. बंगाल सर्वाधिक प्रभावित: रिपोर्ट

केंद्रीय एजेंसी ‘एकीकृत प्रबंधन सूचना प्रणाली’ द्वारा पानी की गुणवत्ता को लेकर तैयार रिपोर्ट के मुताबिक देश में 70,736 बस्तियां दूषित जल से प्रभावित हैं. इस पानी की उपलब्धता के दायरे में 47.41 करोड़ आबादी आ गई है.