धार्मिक नफ़रत को बढ़ाने देने के आरोपों से घिरे फेसबुक ने कंपनी का नाम ‘मेटा’ किया

यह घोषणा ऐसे समय पर आई है जब ‘फेसबुक पेपर्स’ के तहत विभिन्न खुलासे के बाद इसे दुनिया के कई हिस्सों में विधायी और नियामक जांच का सामना करना पड़ रहा है. इन खुलासों में यह भी पता चला है कि फरवरी 2020 के दिल्ली दंगों के दौरान वॉट्सऐप पर ‘हिंसा के लिए उकसाने और अफ़वाहों’ भरे मैसेजेस की बाढ़ आई गई थी और फेसबुक को स्पष्ट रूप से ये जानकारी थी.

ऑनलाइन नफ़रत को और अधिक गंभीर बना रहा फेसबुक: ह्विसिलब्लोअर फ्रांसेस हौगेन

फेसबुक ह्विसिलब्लोअर फ्रांसेस हौगेन हानिकारक ऑनलाइन सामग्री पर नकेल कसने के लिए ब्रिटेन सरकार के मसौदा क़ानून पर काम कर रही संसदीय समिति के सामने पेश हुईं और कहा कि फेसबुक सुरक्षा पर मुनाफ़े को प्राथमिकता दे रहा है.

फेसबुक को पता था कि उसकी सेवाओं का इस्तेमाल धार्मिक नफ़रत फैलाने के लिए हो रहा है: रिपोर्ट

फेसबुक के शोधकर्ताओं द्वारा तैयार की गई एक रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली दंगे के दौरान फेसबुक और वॉट्सऐप पर हिंसा के लिए उकसाने और अफ़वाहों भरे मैसेजेस की बाढ़ आई गई थी और फेसबुक को इसकी जानकारी थी. फेसबुक के प्रवक्ता ने बताया कि ये रिपोर्ट अंतिम नहीं हैं. इसमें नीतिगत सिफारिशें नहीं हैं.

फेसबुक ह्विसिलब्लोअर का ख़ुलासा, कहा- भारत में संघ समर्थित फेक न्यूज़ रोकने में नाकाम कंपनी

फेसबुक की पूर्व कर्मचारी फ्रांसेस हौगेन ने हाल ही में कंपनी के भीतर व्याप्त ख़ामियों को लेकर अमेरिका में शिकायत दायर की है, जिसमें विस्तार से बताया गया है कि किस तरह फेसबुक को पता है कि उनके मंच को वैश्विक विभाजन और जातीय हिंसा के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है, लेकिन वे कार्रवाई नहीं कर रहे हैं.