प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना ने क़ानूनी शिक्षा में लड़कियों के लिए आरक्षण की हिमायत की

पहले अंतराष्ट्रीय महिला न्यायाधीश दिवस के उपलक्ष्य में प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना ने कहा कि वर्तमान में शीर्ष अदालत में चार महिला न्यायाधीश हैं, जो इसके इतिहास में अब तक की सबसे अधिक संख्या है और निकट भविष्य में भारत पहली महिला प्रधान न्यायाधीश का गवाह बनेगा.

कुल न्यायाधीशों में 50 फीसदी संख्या महिलाओं की होनी चाहिए: संसदीय समिति

समिति ने कहा कि आज़ादी के बाद से भारत के सुप्रीम कोर्ट में केवल छह महिला न्यायाधीश नियुक्त की गईं और इसमें पहली नियुक्ति साल 1989 में हुई. उच्चतर न्यायपालिका की पीठ में समाज की संरचना और इसकी विविधता दिखाई देनी चाहिए.