पुणे के यरवदा केंद्रीय कारागर के तीन विचाराधीन क़ैदियों की 31 दिसंबर को एक अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई. पुलिस ने मौतों को प्राकृतिक बताया है, जबकि मृत क़ैदियों के परिजनों ने जांच की मांग करते हुए आरोप लगाया है कि मौतें जेल वॉर्डन द्वारा मारपीट किए जाने के बाद हुई हैं.
पुणे पुलिस द्वारा माओवादियों से कथित संबंध के आरोप में जून महीने में गिरफ़्तार 5 सामाजिक कार्यकर्ता पुणे की यरवडा जेल में बंद हैं. उनके वकील का दावा है कि यूएपीए हटाने समेत विभिन्न मांगों को लेकर इन लोगों ने जेल में भूख हड़ताल शुरू की है.