सत्ताधारियों को कॉमेडी और व्यंग्य से इतनी परेशानी क्यों है

किंग लियर यूं तो किसी की आलोचना को बर्दाश्त नहीं करता था, मगर उसने एक दरबारी विदूषक को कुछ भी कहने की इजाज़त दे रखी थी. आज के भारत में ऐसा होने की भी गुंजाइश नहीं है. हमारे लोकतांत्रिक तरीके से चुने गए, मगर उतने ही तानाशाह नेता अपने आसपास सच बोलने वाले किसी मसखरे की अपेक्षा चाटुकारों और चारणों को पसंद करते हैं.

सूचना प्रसारण मंत्रालय ने प्रधानमंत्री पर व्यंग्य करने वाले शो को लेकर चैनल को नोटिस भेजा

बीते 15 जनवरी को ज़ी तमिल पर प्रसारित हुए जूनियर सुपर स्टार्स सीजन-4 में बाल कलाकारों ने नोटबंदी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विदेशी दौरों, उनके पहनावे और विनिवेश को लेकर व्यंग्य करता परफॉरमेंस दिया था. इससे नाराज़ भाजपा की तमिलनाडु इकाई ने चैनल से शो को ऑफ एयर करते हुए माफ़ी मांगने को कहा था.

प्रधानमंत्री के ख़िलाफ़ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के लिए भाजपा ने ज़ी तमिल से माफ़ी मांगने को कहा

जी एंटरटेनमेंट के मुख्य क्लस्टर अधिकारी को लिखे गए पत्र में भाजपा की तमिलनाडु इकाई के आईटी और सोशल मीडिया सेल के अध्यक्ष सीटीआर निर्मल कुमार ने कहा है कि 15 जनवरी को प्रसारित चैनल के कार्यक्रम ‘जूनियर सुपर स्टार्स सीज़न-4’ के दौरान प्रधानमंत्री मोदी के पहनावे, विभिन्न देशों की उनकी यात्राओं, विनिवेश और नोटबंदी को लेकर कई तरह की तल्ख़ टिप्पणियां की गई थीं.

वित्तीय संकट में फंसे ज़ी समूह के संस्थापक सुभाष चंद्रा, पत्र लिखकर कहा- सबका क़र्ज़ चुकाऊंगा

एस्सेल और ज़ी समूह के संस्थापक सुभाष चंद्रा ने वित्तीय संकट के लिए बुनियादी ढांचा क्षेत्र पर आक्रामक तरीके से दांव लगाने और वीडियोकॉन का डी2एच कारोबार ख़रीदने के निर्णय को ज़िम्मेदार बताया.

ज़ी न्यूज़ के संस्थापक और मालिक सुभाष चंद्रा ने क्यों सार्वजनिक रूप से माफी मांगी है

सुभाष चंद्रा के एक पत्र से ज़ाहिर है कि उनकी कंपनी ​पर वित्तीय संकट मंडरा रहा है. सरकार के इतने क़रीब होने के बाद भी सुभाष चंद्रा लोन नहीं दे पा रहे हैं तो समझ सकते हैं कि भारत की अर्थव्यवस्था कितनी नाज़ुक हालत में है. इनके चैनलों पर मोदी के बिज़नेस मंत्रों की कितनी तारीफ़ें हुई हैं और उन्हीं तारीफ़ों के बीच उनका बिज़नेस लड़खड़ा गया.