पुलिस-वकील संघर्ष: दिल्ली पुलिस ने साथियों पर हमले के ख़िलाफ़ प्रदर्शन किया

तीस हजारी अदालत परिसर में वकीलों और पुलिस के बीच बीते शनिवार को झड़प हो गई थी. इस दौरान कम से कम 20 पुलिसकर्मी और कई वकील घायल हो गए थे.

New Delhi: Police personnel gather outside the police headquarters ITO to protest the assault on policemen following clashes with lawyers at Tis Hazari court last week, in New Delhi, Tuesday, Nov. 5, 2019. (PTI Photo/Manvender Vashist)(PTI11_5_2019_000034)

तीस हज़ारी अदालत परिसर में वकीलों और पुलिस के बीच बीते शनिवार को झड़प हो गई थी. इस दौरान कम से कम 20 पुलिसकर्मी और कई वकील घायल हो गए थे.

New Delhi: Police personnel gather outside the police headquarters ITO to protest the assault on policemen following clashes with lawyers at Tis Hazari court last week, in New Delhi, Tuesday, Nov. 5, 2019. (PTI Photo/Manvender Vashist)(PTI11_5_2019_000034)
नई दिल्ली स्थित पुलिस मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन करते पुलिसकर्मी. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में पुलिस और वकीलों के बीच हुई झड़प के बाद पुलिसकर्मियों पर हुए हमले के विरोध में मंगलवार को सैकड़ों पुलिसकर्मियों ने पुलिस मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन किया और हमले में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की.

प्रदर्शनकारी पुलिसकर्मियों ने काली पट्टियां बांध रखी थीं और वे न्याय की मांग करते हुए नारे लगा रहे थे. दिल्ली पुलिस के समस्त शीर्ष अधिकारी उन्हें शांत करने का प्रयास कर रहे थे.

पुलिसकर्मियों ने तख्तियां ले रखी थीं जिन पर लिखा था, ‘पुलिस वर्दी में हम इंसान हैं’ और ‘रक्षा करने वालों को सुरक्षा की जरूरत’. पुलिसकर्मी आईटीओ स्थित पुलिस मुख्यालय के बाहर जमा हुए और उन्होंने अपने वरिष्ठों से अनुरोध किया कि वर्दी का सम्मान बचाने की खातिर वे उनके साथ खड़े रहें.

प्रदर्शनकारी ये भी नारा लगा रहे थे, ‘हमारा सीपी (पुलिस कमिश्नर) कैसा हो, किरन बेदी जैसा हो.’ पुलिसकर्मी किरन बेदी फोटो लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. मंगलवार को पुलिसकर्मियों द्वारा प्रदर्शन करने को लेकर दिल्ली पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक को उनसे ड्यूटी पर लौटने का अनुरोध करना पड़ा.

पुलिसकर्मियों और वकीलों के बीच तनाव के हालात शनिवार से बनने शुरू हो गए थे जब नई दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट के बाहर पार्किंग को लेकर हुई झड़प में कम से कम 20 पुलिसकर्मी और कई वकील घायल हो गए थे.

प्रदर्शनकारी पुलिसकर्मी बड़ी संख्या में आईटीओ स्थित पुलिस मुख्यालय के बाहर जमा होने लगे तो यातायात धीमा पड़ गया. ऐसे में पटनायक अपने कार्यालय से बाहर आए और उन्होंने पुलिसकर्मियों को आश्वस्त किया कि उनकी चिंताओं पर ध्यान दिया जाएगा.

पटनायक ने कहा, ‘हमें एक अनुशासित बल की तरह व्यवहार करना होगा. सरकार और जनता हमसे कानून व्यवस्था को कायम रखने की उम्मीद रखती है, यह हमारी एक बड़ी जिम्मेदारी है. मैं अनुरोध करता हूं कि आप लोग काम पर लौट जाएं.’

उन्होंने मुख्यालय के बाहर एकत्रित हुए पुलिसकर्मियों से कहा, ‘बीते कुछ दिन हमारे लिए परीक्षा की घड़ी रहे हैं. न्यायिक जांच चल रही है और मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि आप प्रक्रिया में भरोसा बनाए रखें.’

दिल्ली पुलिस में 80,000 से अधिक कर्मचारी हैं.

पुलिस उपायुक्त (नई दिल्ली) ईश सिंघल ने प्रदर्शनकारी पुलिसकर्मियों को आश्वासन दिया कि उनकी समस्या पर ध्यान दिया जाएगा. सिंघल ने कहा, ‘आपकी चिंता और नाराजगी के बारे में वरिष्ठ अधिकारियों को बताया गया है. मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि यहां आपका प्रदर्शन बेकार नहीं जाएगा.’

प्रदर्शन के कारण आईटीओ की ओर आने वाले कई रास्तों पर यातायात जाम हो गया और दिल्ली पुलिस को ट्विटर पर यातायात परामर्श जारी करना पड़ा.

मालूम हो कि साकेत अदालत के बाहर सोमवार को वकीलों ने ड्यूटी पर तैनात एक पुलिसकर्मी की पिटाई कर दी थी. घटना के एक वीडियो में, वकील बाइक पर सवार एक पुलिसकर्मी को पीटते हुए दिखाई दे रहे हैं. वकीलों में से एक को पुलिसकर्मी को थप्पड़ मारते भी देखा गया.

जब पुलिसकर्मी घटनास्थल से जा रहे थे, तब वकील ने उसके हेलमेट को उसकी बाइक पर दे मारा.

दिल्ली पुलिस कमिश्नर अमुल्य पटनायक ने कहा, ‘पुलिसकर्मी पर हमले के संबंध में एफआईआर दर्ज कर ली गई है. हम इस मामले को देख रहे हैं. चर्चा चल रही है, वरिष्ठ अधिकारी सभी चिंताओं का समाधान निकालने की कोशिश कर रहे हैं.’

गौरतलब है कि शनिवार दो नवंबर को तीस हजारी अदालत परिसर में वकीलों और पुलिस के बीच झड़प हो गई थी. इस दौरान कम से कम 20 पुलिसकर्मी और कई वकील घायल हो गए थे. कई वाहनों में तोड़फोड़ की गई या उनमें आग लगा दी गई.

दिल्ली हाईकोर्ट ने बीते रविवार को इस मामले में उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) एसपी गर्ग की अध्यक्षता में न्यायिक जांच कराने का आदेश दिया. कोर्ट ने घायल वकीलों को मुआवजा देने का भी आदेश दिया है.

 

इन घटनाओं की कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने ट्विटर के माध्यम से कड़ी निंदा की और नाराजगी जाहिर की.

दिल्ली पुलिस के पूर्व जनसंपर्क अधिकारी मधुर वर्मा ने लिखा, ‘मैं क्षमा चाहता हूं… हम पुलिस हैं… हमारा कोई वजूद नहीं है… हमारे परिवार नहीं हैं… हमारे मानवाधिकार नहीं हैं!’

वर्मा फिलहाल अरुणाचल प्रदेश के उप महानिरीक्षक हैं.

आईपीएस एसोसिएशन ने भी इस हमले की निंदा की और अपमान तथा हमले का सामने करने वाले अपने साथियों के साथ एकजुटता दिखाई.

एसोसिएशन के आधिकारिक हैंडल से ट्वीट किया गया, ‘पुलिस और वकीलों के बीच हुई घटना दुर्भाग्यपूर्ण है. सार्वजनिक रूप से उपलब्ध तथ्यों के आधार पर सभी को इस घटना के प्रति संतुलित नजरिया रखना चाहिए. देशभर की पुलिस उन पुलिसकर्मियों के साथ खड़ी है जिन्हें अपमानित किया गया और जिनके साथ मारपीट की गई. कानून तोड़ने के सभी प्रयासों की निंदा करता हूं, चाहे ऐसा प्रयास करने वाला कोई भी हो.’

जम्मू कश्मीर के पूर्व डीजीपी एसपी वैद ने कहा, ‘नागरिक समाज की रक्षा करने और कानून-व्यवस्था को कायम रखने में अपना पूरा जीवन बिताने वाले पुलिसकर्मियों के साथ ऐसा व्यवहार देखकर बेहद दुख हुआ.’

वकील-पुलिस टकराव पर गृह मंत्रालय को सौंपी रिपोर्ट

दिल्ली की तीस हजारी अदालत में वकीलों और पुलिस के बीच हुए टकराव के संबंध में दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय को एक रिपोर्ट सौंपी. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.

गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि यह एक तथ्यात्मक रिपोर्ट है, जिसमें दिल्ली पुलिस ने दो नवंबर की घटना की परिस्थितियों और उसके बाद की गई कार्रवाई का विवरण दिया है.

उन्होंने कहा कि इस रिपोर्ट में दो नवंबर के बाद हुई घटनाओं को शामिल नहीं किया गया है, जैसे सोमवार को हुई एक घटना, जिसमें वकीलों के एक समूह ने साकेत कोर्ट के बाहर एक पुलिसकर्मी के साथ मारपीट की.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)